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Mahakumbh 2025: महाकुंभ में इस बार होगा काफी कुछ नया, जानिए रहने से लेकर सुरक्षा तक कैसा होगा इस बार इंतज़ाम
Mahakumbh 2025: महाकुंभ में इस बार काफी चीज़ें भव्य होने जा रहीं हैं इसमें क्षेत्रफल की दृष्टि से बात करें या टेंट सिटी की सभी कुछ काफी भव्य होगा। आइये जानते हैं दुनिया के सबसे बड़े मेले में क्या क्या होगा नया।
Mahakumbh 2025 (Image Credit-Social Media)
Mahakumbh 2025: महाकुंभ 2025 को लेकर सरकार ने सभी तैयारियां लगभग पूरी कर ली है इस बार मेले में सरकार का उद्देश्य है कि सभी श्रद्धालुओं को सबसे बेहतर सुविधाएं और धार्मिक और सांस्कृतिक मानकों पर उनका उच्चतम स्तर प्राप्त हो।
दुनिया का सबसे बड़ा मेला
जनवरी 2025 में प्रयागराज में लगने जा रहा है दुनिया का सबसे बड़ा मेला महाकुंभ। जिसकी तैयारी अब लगभग पूरी हो चुकी है। इस बार महाकुंभ में आपको कई नई चीज देखने को मिलेगी वहीं इस बार कई नए बदलाव भी होने वाले हैं जो इसे पहले से ज्यादा अधिक आधुनिक स्वच्छ और प्रौद्योगिकी समृद्ध बनाएगा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसकी तैयारी पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह महाकुंभ न केवल भारत की सांस्कृतिक विरासत और सनातन परंपरा को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा बल्कि ये डिजिटल कुंभ के रूप में भी अपनी पहचान बनाने वाला है। साल 2025 का महाकुंभ सिर्फ एक धार्मिक उत्सव नहीं होने वाला बल्कि भारत की आधुनिक सोच और प्राचीन परंपराओं का एक अनोखा मिलन भी होगा। इसके साथ ही ये आयोजन न केवल श्रद्धालुओं के लिए बल्कि देश और दुनिया के लिए एक अनूठा अनुभव भी होने वाला है।
आपको बता दें कि प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ में जमीन से 18 फीट ऊपर टेंट सिटी का निर्माण भी किया जाएगा। जहां से महाकुंभ का विहंगम दृश्य देखने को आपको मिलेगा ये पहल महाकुंभ को और भी अधिक भव्य और आधुनिक बनाने के साथ ही साथ पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए एक अद्भुत अनुभव भी होगा।
महाकुम्भ का आकर्षण होंगे ऑल टेरेन व्हीकल
महाकुंभ 2025 काफी भव्य होने वाला है ऐसे में सरकार को श्रद्धालुओं की सुरक्षा का भी पूरा ख्याल है। इसी वजह से पहली बार मेले के क्षेत्र में जो टेरेन व्हीकल तैनात कर करे जायेंगे जिसका उद्देश्य तत्काल आग पर काबू पाना है जो पानी में चलने में सक्षम है साथ ही साथ ये रेत, दलदल और कम पानी में भी चल सकते हैं। इसको चलाने के लिए विभाग से लोगों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।
महाकुंभ महाकुंभ की लोकप्रियता का अंदाजा ऐसे लगाया जा सकता है कि थाईलैंड, इंडोनेशिया मॉरीशस समेत कई देशों में इसके रोड शो आयोजित किया जा रहे हैं। साथ ही साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों के द्वारा महाकुंभ का प्रचार भी किया जा रहा है जिसे दुनिया भर में भारत में संस्कृत अध्यात्म और आस्था का प्रचार प्रसार हो रहा है।
इतना ही नहीं इस साल का महाकुंभ डिजिटल कुंभ के रूप में जाना जाएगा श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रौद्योगिकी का अधिकतम उपयोग किया जाएगा। इसके तहत वर्चुअल गाइडेंस डिजिटल मैप्स और मोबाइल ऐप के जरिए आयोजन स्थल की पूरी जानकारी श्रद्धालुओं तक पहुंचाई जाएगी। सरकार की योजना है कि श्रद्धालु महाकुंभ की पवित्रता और प्राचीनता का अनुभव करते हुए आधुनिक तकनीक का भी इससे लाभ उठा सकें।
इस साल का महाकुंभ क्षेत्रफल की दृष्टि से भी काफी भव्य होने वाला है जिसका क्षेत्र बढ़ाकर 4000 हेक्टेयर कर दिया गया है जो 2019 के महाकुंभ के 3200 हेक्टेयर क्षेत्रफल था जो पिछले साल के मुकाबले कहीं ज्यादा है। वही इस क्षेत्र को 25 सेक्टर में विभाजित भी किया जाएगा जिससे व्यवस्थाओं को और बेहतर तरीके से संभाला जा सके। श्रद्धालुओं को संगम तक आसानी से पहुंचने के लिए भी विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं ताकि डेढ़ से 2 किलोमीटर से अधिक की पैदल यात्रा ना करनी पड़े।
श्रद्धालुओं श्रद्धालुओं की भीड़ को व्यवस्थित रूप से संभालने के लिए संगम तट के पास 1850 हेक्टेयर से भी ज्यादा पार्किंग स्थल बनाये जायेंगे। यह पार्किंग स्थल संगम से 2 से 5 किलोमीटर के दायरे में होंगे जिससे यातायात प्रबंधन हो सकेगा इसके साथ ही साथ सरकार इस बात पर भी विशेष ध्यान दे रही है कि किसी भी श्रद्धालु को किसी प्रकार की कोई असुविधा न हो।
महाकुंभ में स्वच्छता का ध्यान रखते हुए डेढ़ लाख से अधिक शौचालय भी बनाए जा रहे हैं इनका उद्देश्य स्वच्छता के साथ-साथ श्रद्धालुओं को सुविधाजनक अनुभव प्रदान करना भी है। साल 2019 के कुंभ में स्वच्छता के मानकों को बढ़ाया था और इस बार यह आयोजन नए कीर्तिमान स्थापित करने वाला है जहां 2019 में कुंभ में 23 से 24 करोड़ श्रद्धालु आए थे वहीं इस बार 35 से 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान लगाया जा रहा है। ऐसे में इतने बड़े आयोजन को सुचारू रूप से चलने के लिए और व्यवस्थित ढंग से सभी तरीके के इंतजाम करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार मिलकर काम कर रही है।
सरकार द्वारा सुरक्षा पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है ताकि श्रद्धालु निश्चिंत होकर इस आयोजन का हिस्सा बन सके और इस महाकुंभ की भव्यता का आनंद ले सके।
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