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इस गांव में महिलाओं को नहीं भाता पुरुषों का साथ, करती हैं आपस में शादी
लखनऊ: शादी का नाम सुनते ही जनाब मन में लड्डू फूटने लगते है। हजारों ख्वाब आंखों के सामने आने लगते है और मिलन की आस संजोए दूल्हा-दुल्हन की बेकरारी बढ़ जाती है। ये तो हम दुनिया के हर कोने में होनी वाली शादी की बात कर रहे है।जहां शादी करने का ढ़ंग भले अलग हो पर फीलिंग एक सी होती है।
अब जिस शादी की बात करने जा रहे है वो किसी लड़के-लड़की की शादी नहीं और ना ही होमोसेक्सुअल शादी है। जिसमें लड़के-लड़के और लड़कियां-लड़कियों में शादी होती है। पर आज हम जिस शादी की बात कर रहे हैं । उसमें एक महिला दूसरी महिला से शादी करती है और ये सिर्फ शादी नहीं, बल्कि यहां की पंरपरा भी है।
ये सबकुछ देखने को मिलता है तंजानिया के एक गांव में। इस गांव में रहने वाली सब महिलाएं है जो ट्राइब्स है। ये लेस्बियन नहीं होती है। फिर एक महिला दूसरे बकायदा रीति-रिवाजों के साथ कानूनी तौर पर शादी कर लेती है। आइए जानते हैं कि यहां ऐसी शादी क्यों होती है?
यहां महिलाएं ऐसा इसलिए करती हैं?
क्योंकि उनका वर्चस्व बना रहे और वे ताउम्र अपने घर की मालकिन बनी रहीं। ये महिलाएं नहीं चाहती हैं कि किसी पुरुष का उन पर अधिकार हो। कोई बाहर का उनके घर और संपति पर हक ना जमाएं । इसलिए वे पुरुषवादी समाज के विरोध करती हैं।
पति-पत्नी की भूमिका में महिलाएं
जब इस जनजाति की दो महिलाएं आपस में शादी करती है तो एक पति की भूमिका में तो दूसरी पत्नी की भूमिका में होती है।इसमें एक घर संभालती है तो दूसरी बाहर काम पर जाती है।इन महिलाओं का कहना है कि अगर कोई पुरुष जबरदस्ती शोषण करने की कोशिश करता है तो उसे वे खुद सजा भी देती है।
नहीं है पुरुष
दरअसल यहां की महिलाएं खुद को आत्मनिर्भर बनाने और संपत्ति का पूरा हक अपने पास रखने के लिए एक-दूसरे से विवाह कर लेती हैं। पहले ये मात्र एक कार्य हुआ करता था लेकिन वर्तमान में इस कार्य ने परंपरा का रूप ले लिया है। इस परंपरा की वजह से इस गांव में पुरुषों की संख्या ना के बराबर है।
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