योगी जी! राजधानी में ही दर्जनों अवैध स्‍कूल, ऐसे हो रहा खेल

sudhanshu
Published on: 28 Jun 2018 9:41 PM IST
योगी जी! राजधानी में ही दर्जनों अवैध स्‍कूल, ऐसे हो रहा खेल
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लखनऊ: योगी राज में भले ही शिक्षा व्‍यवस्‍था को दुरूस्‍त करने के दावे किए जा रहे हों। लेकिन हकीकत ये है कि अकेले राजधानी में ही सैंकड़ों गैर मान्‍यता प्राप्‍त स्‍कूल नौनिहालों की शिक्षा दीक्षा के साथ खेल कर रहे हैं। आलम ये है कि एक ओर तो शिक्षा विभाग के अधिकारी ही हर नियम कानून का तोड़ संचालकों को बताकर उसका फायदा उठाने के फंडे बता रहे हैं। दूसरी तरफ अधिकारी मीटिंग करके अमान्‍य सकूलों के खिलाफ सख्‍त कार्यवाही का एक्‍शन प्‍लान भी बना रहे हैं।

खुलेआम चल रही घूस

बेसिक शिक्षा विभाग हो या माध्‍यमिक शिक्षा का दफ्तर हो, हर फाइल को पास कराने के लिए जमकर घूसखोरी हो रही है। विभागीय काम के किसी भी कार्य को घूस देकर आसानी से कराया जा सकता है। इस भ्रष्टाचार की ही देन है की मानकों को ताक पर रखते हुए प्रदेश की राजधानी लखनऊ सहित पूरे प्रदेश में सैकड़ों की संख्या में गैर मान्यता प्राप्त व अवैध स्कूल संचालित किए जा रहे हैं। गौर करने वाली बात यह है कि विभाग को इन स्कूलों के बारे में जानकारी होने पर भी गैर मान्यता प्राप्त व अवैध स्कूलों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है।

अमान्‍य स्‍कूल पर पेंट होगा ‘ फर्जी स्‍कूल’

डीआईओएस डॉ मुकेश कुमार सिंह ने कहा कि जिस तरह से राजधानी में अमान्‍य स्‍कूलों की संख्‍या में इजाफा हुआ है। इससे स्‍पष्‍ट है कि पिछले कुछ सालों में इन्‍हें लेकर कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई है।

बीएसए डॉ अमरकांत सिंह ने बताया कि कार्यवाही की बात करें तो इन स्कूलों के खिलाफ सिर्फ नोटिस जारी की गई है। इस बात से यह कहना गलत नहीं होगा कि विभाग को गैरमान्यता प्राप्त स्कूलों के बारे में जानकारी थी जिसके बावजूद भी इनके खिलाफ कार्यवाही करते हुए एफआईआर नहीं दर्ज की गई। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, चिन्हित होने वाले अमान्‍य स्‍कूलों पर पेंट करवाया जाएगा कि ‘ यह स्‍कूल फर्जी है।‘

शिक्षक संघ ने कहा हर काम की है रेट लिस्‍ट

शिक्षक संघ के नेता सोहनलाल का कहना है कि यह मान्यता प्राप्त व अवैध स्कूल विभाग के अधिकारियों की सांठगांठ से चलते हैं। इन अवैध स्कूलों से विभाग के अधिकारी मोटी रकम वसूलते हैं। जिसके चलते इन स्कूलों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जाती है। इतना ही नहीं शिक्षा विभाग से जुड़े हर काम को कराने के लिए रेट लिस्ट निर्धारित है। जिसके आधार पर पेमेंट करने पर बिना मानकों की जांच के ही स्कूलों की मान्यता तक दे दी जाती है।

इन मामलों को लेकर संघ ने कई बार शिकायतों के माध्यम से विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को इन अवैध स्कूलों के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई है। लेकिन अधिकारी इन स्कूलों के मालिकों के सामने इतने मजबूर हैं कि उन्होंने इनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की। या यूं कह सकते हैं कि अधिकारी और संचालकों में कुछ सांठ गांठ हो गई है।

दलाल वसूलते हैं रकम

बीएसए आफिस के कर्मचारी ने बताया कि यहां कुछ लोग बाबुओं की दलाली करने का काम करते हैं। इससे कोई भी अधिकारी सीधे तौर पर काम कराने के लिए पैसा नहीं लेता है। यह दलाल ही घूस की रकम वसूलकर बाबुओं तक पहुंचाते हैं। बाबू पैसे लेकर लोगों के काम करवाते हैं जिसमें से अपना हिस्सा काट कर बाकी पैसा अधिकारियों तक पहुंचा दिया जाता है।

इसलिए नहीं होता एक्‍शन

वर्ष 2012 में 350 गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों के संबंध में जानकारी सार्वजनिक की गई थी। तमाम तरह के दबाव व खुलासे के बाद विभाग ने मजबूरी में 132 अवैध स्कूलों के खिलाफ कार्यवाही करते हुए मुकदमा दर्ज करवाया था। इसके बाद इन स्कूलों में से कईयों ने अपने नाम बदल लिए तो कई ने अपनी जगह बदल ली। लेकिन इनका अवैध स्कूलों का गोरखधंधा आज तक बंद नहीं हुआ है। शिक्षा विभाग में फैले भ्रष्टाचार के चलते अधिकारियों की मजबूरी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 2012 के बाद से अब तक एक भी गैर मान्यता प्राप्त अवैध स्कूलों के खिलाफ मुकदमा नहीं दर्ज हुआ है।

ऐसे होता है अवैध स्कूलों का खेल

प्रदेश में तमाम ऐसे गैर मान्यता प्राप्त स्कूल है जो विद्यार्थियों की पढ़ाई को अपने यहां से कराते हैं लेकिन जब बोर्ड के एग्जाम का समय आता है तो वह किसी दूसरे मान्यता प्राप्त स्कूल से सेटिंग करके विद्यार्थियों का वहां से फार्म भरवा देते हैं। ऐसे हजारों की संख्या में स्कूल संचालित हैं वही तमाम स्कूलों ने पांचवें तक की मान्यता ले रखी है लेकिन यह अपने यहां आठवीं, दसवीं व बारहवीं के छात्रों को भी पढ़ाते हैं। ऐसे भी तमाम स्कूल है जिन्होंने हाई स्कूल तक की मान्यता ले रखी है लेकिन वह अपने यहां 12 वीं कक्षाएं चलाते हैं। तमाम स्कूलों को सिर्फ विज्ञान विषय की मान्यता प्राप्त है लेकिन यह अन्य विषयों के विद्यार्थियों को भी पढ़ाने का काम करते हैं और यह सब अवैध स्कूल विभाग के अधिकारियों के भ्रष्टाचार व सुस्त रवैया के चलते ही संचालित हो पाते हैं।

प्रदेश में तीन हजार फर्जी स्‍कूल

उत्‍तर प्रदेश माध्‍यमिक शिक्षक संघ के संरक्षक डॉ आर पी मिश्र ने बताया कि माध्‍यमिक और बेसिक शिक्षा विभाग की मिलीभगत से प्रदेश में करीब 3 हजार स्‍कूल फर्जी तरीके से संचालित हो रहे हैं। लखनऊ में करीब 110, बागपत में 200, सुल्तानपुर में 307, रामपुर 300, कानपुर में 800, कानपुर देहात 600, मेरठ में 500 स्कूलों को नोटिस भेजा गया है।लेकिन नोटिस का कोई जवाब किसी ने नहीं दिया है। इसके अलावा इस साल भी सबने एडमिशन लिए हैं।ऐसे में विभागीय अधिकारियों की मंशा साफ है। कोई कुछ करना नहीं चाहता है।

इन स्‍कूलों को जारी हो चुकी है नोटिस, नहीं आया कोई जवाब

शिक्षा विभाग ने कई स्‍कूलों को नोटिस भेजने की कार्यवाही की है लेकिन अभी तक किसी भी स्‍कूल ने अपना जवाब नहीं दिया है। ऐसे में शिक्षा विभाग सिर्फ प्रभावी कार्यवाही की बात करके कुंभकरणी नींद सो रहा है। इनमें सरस्वती इंटरनेशनल स्कूल काजीखेड़ा मलिहाबाद, श्रीमती गुरुदेई प्यारेलाल पब्लिक स्कूलकाकोरी, अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद स्कूल बड़ागांव स्कूल काकोरी, जीपी मेमोरियल स्कूल बड़ागांव काकोरी, जीनियस कॉवेंट स्कूल मौरा काकोरी, बाबा लक्ष्मणदास जूनियर हाईस्कूल कसमंडी खुर्द मलिहाबाद, जनशक्ति विद्या मंदिर सिसेंडी मोहनलालगंज, पन्ना बाबा स्कूल अमानीगंज मलिहाबाद, एसीडी पब्लिक स्कूल जबरौली मोहनलालगंज, वीएचसी एकेडमी गुरुकुल जेहटा काकोरी, द्वारिका पब्लिक स्कूल सरदारनगर आजादनगर बालागंज, यशोदा देवी प्राथमिक पाठशाला मलिहाबाद, आरजे एस मॉडर्न रहीमाबाद, सरस्वती ज्ञान मंदिर रुसैना जौरिया मलिहाबाद, डॉ. भीमराव अंबेडकर मेमोरियल स्कूल मलिहाबाद, पूजा एकेडमी तिलकखेड़ा मवईकला, मॉडर्न माध्‍यमिक स्कूल अमानीगंज कसमंडी खुर्द मलिहाबाद, शांति शिक्षा निकेतन गौसखेड़ा कसमंडी खुर्द मलिहाबाद, एमवी पब्लिक स्कूल हटौली मलिहाबाद, श्री मेवालाल गुप्ता माध्‍यमिक स्कूल अमानीगंज कसमंडी खुर्द मलिहाबाद, यूनाइटेड पब्लिक स्कूल कसमंडी खुर्द मलिहाबाद, सरस्वती पब्लिक स्कूल कटौली मलिहाबाद, एम रोशन पब्लिक स्कूल गोलागंज मलिहाबाद, स्वागत शिक्षा संस्थान मवई कलां मलिहाबाद, जनता बाल विकास कसमंडी खुर्द मलिहाबाद, लर्न एंड ग्रो अलमास बाग हरदोई रोड मलिहाबाद, प्लेजेंट डे स्कूल कैंपबेल रोड बालागंज, एजूकेशनल एकेडमी हरी नगर बालागंज, सिटी मॉडल स्कूल दुबग्गा रिंग रोड, इकरा पब्लिक रामनगर बालागंज (मदरसे की मान्यता), चाइल्ड केयर स्कूल वजीरगंज कोतवाली के पास, रानी रसूललपुर विद्यालय गोलागंज, आदर्श भारतीय विद्यालय आजादनगर बालागंज, गोल्डेन फ्यूचर पब्लिक स्कूल सेक्टर के अलीगंज, बीएसडी स्कूल सेक्टर तीन जानकीपुरम, आवासीय स्कूलहनुमानपुरी सरोजनीनगर, मदर टेरेसा स्कूल चक्करपुरवा, प्रधान कॉवेंट स्‍कूल चक्करपुरवा, ऑक्सफोर्ड चिल्ड्रन एकेडमी भीखमपुर, कुंज शाइन डे स्कूल बड़ी जुगौली, अल्बर्ट मांटेसरीस्कूल उदयगंज, वृज ज्योति पब्लिक स्कूल जियामऊ, न्यू गांधी पब्लिक स्कूल छितवापुर, जेपी मॉडल स्कूल औरंगाबाद, न्यू औरंगाबाद पब्लिक स्कूल, जयहिंद स्कूल न्यू गडौरा, शिवा पब्लिक स्कूल किला मोहम्मीदनगर, परवीन मांटेसरी स्कूल,रेडियन रोज स्कूल न्यू गडौरा, यूनिवर्सल नर्सरी कॉवेंट शराफतनगर रहीमाबाद, सद्भावना स्कूल राजीवनगर खरिका, कान्हा कॉवेंट स्कूल खरिका, सेंट मॉर्गस स्कूल खरिका, एसके एकेडमी गौरी विहार लखनऊ, कामद कॉवेंट स्कूल अमौसी, सरल मांटेसरी स्कूल गौरी विहार, कैपिटल पब्लिक स्कूल, विमला स्कूल मकदूमपुर, यूनिक स्कूल चारबाग, शिशु शिक्षा निकेतन चारबाग, सुभाष स्कूल तिवारी हाता मवैया, यूनियन मैरी स्कूल गोलागंज, आराधना स्कूल भिठौली, कृष्णा पब्लिक स्कूल पूरबगांव चिनहट, महाराजा देवी मेमोरियल स्कूल बौरूमऊ, विमला शिक्षा निकेतन हिरनपुरी चिनहट, महादेव मेमोरियल स्कूल मौलवीगंज, जनता हाईस्कूल गोसाईंगंज, अनुज हाईस्कूल गोसाईंगंज, बाबूलाल न्यू जनता जूनियर हाईस्कूल कासिमपुर गोसाईंगंज, न्यू एसजीएम कासिमपुर गोसाईंगंज, गंगा कॉवेंट स्कूल गोसाईंगंज, आलमाइटी कैंब्रिज एकेडमी मोहम्मदाबाद गोसाईंगंज, लक्ष्मी नारायण स्कूल गोसाईंगंज, आरके स्कूल नगराम, गायत्री कॉवेंट स्कूल बसंतकुंज, रिपब्लिक स्कूल बालागंज, लिटिल एकेडमी सरफराजगंज बालागंज, स्टार प्लेनेट्स स्कूल गौरी विहार, एसडी स्कूल भोलाखेड़ा, बेस्ट चिल्ड्रेन लाइफ एकेडमी, सरोज मांटेसरी स्कूल वृंदावन तेलीबाग सहित अन्‍य को नोटिस जारी की गई है। ये तो उन स्‍कूलों के नाम हैं जो विभाग की नजर में आ गए हैं लेकिन कई तो ऐसे हैं जिन पर विभाग की नजर ही नहीं पडी है।

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