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पति-पत्नी के बीच झगड़ा तलाक की वजह नहीं, असली कारण है ये, जल्द करें निदान
जयपुर:जैसे समय बदल रहा है, शादी को लेकर लोगों के विचार भी बदलते जा रहे हैं। एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के लिए, शादी का मतलब और शादी के बारे में राय अलग-अलग हैं। आजकल लोग शादी को परेशानी समझते हैं लेकिन ऐसा क्यों है।
ये रिश्ता है अनमोल,इसे ऐसे बनाएं सहज, ताकि हर तुफान में भी रहे मजबूत
वजह: ज्योतिषशास्त्र के अनुसार विवाह भंग अर्थात तलाक या विवाह विछेदन योग अर्थात सेपरेशन का परिणाम समुदाय अष्टकवर्ग में भावों द्वारा प्राप्त बिन्दु पर भी निर्भर करता है, इसके साथ-साथ भिन्नाय अष्टकवर्ग में द्वितेश पंचमेश, सप्तमेश, अष्टमेश, द्वादशेश द्वारा प्राप्त अंक, पंचवें, सातवें, आठवें व बारहवें भावों का बल, द्वितेश पंचमेश, सप्तमेश, अष्टमेश, द्वादशेश का इष्ट और कष्ट फल पर भी निर्भर करता है। परंतु सर्वाधिक रूप से इस बात पर निर्भर करता है के सप्तम भाव और सप्तम भाव का स्वामी किस पापी और क्रूर ग्रह से सर्वाधिक रूप से प्रताडि़त है। सप्तम भाव में सूर्य, राहू शनि व मंगल की उपस्थिती या सप्तमेश का नीच या वेधा स्थान में बैठकर पापी व क्रूर ग्रह से पीड़ित होना तलाक या सेपरेशन का कारण बनता है।
उपाय घर की उत्तर दिशा में हनुमान जी का वीर रूपक चित्र लगाएं। दक्षिमुखी हनुमान मंदिर से प्राप्त सिंदूर जीवनसाथी के चित्र पर लगाएं। राहू के कारण तलाक की स्थिति में सात शनिवार शाम के समय दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर में 7 नारियल चढ़ाएं।
राहू के कारण तलाक की स्थिति में सात शनिवार शाम के समय दक्षिणमुखी हनुमान जी की उल्टी सात परिक्रमा लगाएं। शनि के कारण तलाक की स्थिति में सात शनिवार हनुमान जी के चित्र पर गुड़ का भोग लगाकर काली गाय को खिलाएं। सूर्य के कारण तलाक की स्थिति में सात रविवार दिन के समय पूर्वमुखी हनुमान मंदिर में 7 कंधारी आनर चढ़ाकर किसी नव दंपति को भेंट करें। मंगल के कारण तलाक की स्थिति में सात मंगलवार तांबे के लोटे में गेहूं भरकर उस पर लाल चन्दन लगाकर लोटे समेत हनुमान मंदिर में चढ़ाएं।
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