जेल में कैदी बना राइटर ,11 साल में लिखीं 9 बुक्स, मिल चुके 21 अवॉर्ड

Admin
Published on: 15 Feb 2016 9:52 PM IST
जेल में कैदी बना राइटर ,11 साल में लिखीं 9 बुक्स, मिल चुके 21 अवॉर्ड
X

बुलंदशहर: मर्डर के केस में सजा काट रहे एक कैदी ने जेल में रहकर 9 किताबें लिखी हैं। वह अशिक्षित कैदियों को शिक्षा भी दे रहा है। इतना ही नहीं उसने अपने साथी की तलाक शुदा बेटी से जेल के अंदर 2005 में शादी भी की थी। लगभग 70 साल की उम्र का ये कैदी अच्छे व्यवहार करने वाले कैदियों की रिहाई की मांग कर रहा है।

राजकुमार की लिखी हुई किताबें राजकुमार की लिखी हुई किताबें

मर्डर के केस में गया था जेल

-सिकंद्राबाद के गांव नयाबांस के रहने वाले राजकुमार उर्फ चुनमुन 1989 कत्ल के जुर्म में जेल गया।

-उसने गांव के ही दबंग प्रधान बालकिशन की हत्या कर दी थी।

क्यों की थी हत्या?

-25 दिसम्बर को नया गांव का प्रधान एक बच्चे शेरू को हाथ-पैर बांधकर पीट रहा था।

-राजकुमार ने इसका विरोध किया तो प्रधान उसको अपना दुश्मन मानने लगा।

-राजकुमार ने प्रधान के खिलाफ सिकन्द्राबाद कोतवाली में रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी।

-इसके बाद से प्रधान उसे परेशान करने लगा, इससे तंग आकर राजकुमार ने प्रधान की हत्या कर दी।

-हत्या के बाद राजकुमार 9 साल तक फरार रहा और साल 2000 में उसने सरेंडर कर दिया।

-कोर्ट ने राजकुमार उर्फ चुनमुन को उम्रकैद की सजा सुनाई।

राजकुमार ने लिखीं ये किताबें

-9वीं क्लास तक राजकुमार ने पढ़ाई की थी। उसने महापुरूषों से प्रेरित होकर जेल में ही 9 किताबे लिखीं।

-इसमें संपूर्ण क्रांति, अब तो चेतो, लक्ष्य, दलित भाईयों मोदी नमोः, भ्रष्टाचार मुक्ति पत्र, बाबा साहेब, मोक्षांजति, काशीराम चालीसा, 101 एकता प्रमुख हैं।

बुराईयों को दूर करने के लिए लिखी किताब

राजकुमार ने बताया कि वह मानवता के प्रति कुछ करना चाहता था।

उसे पता था कि भगत सिंह, राजगुरू, महात्मा गांधी ने जेल के अंदर किताबें लिखीं थीं।

उनसे प्रेरित होकर उसने कैदी भाईयों और समाज में फैली बुराईयों को दूर करने के लिए किताबें लिखीं हैं।

जेलर ने छपवाई किताब

-राजकुमार ने बताया कि शुरुआत में जेल प्रशासन की तरफ से उसे कोई सहयोग नहीं मिला।

-जज साहब को प्रार्थना पत्र देने के बाद उसे प्रशासन ने काॅपी और पेन की सुविधा उपलब्ध कराई। किताब लिखने के बाद उसके समक्ष सबसे बड़ी दिक्कत प्रकाशन की थी।

-राजकुमार ने जेल के जेलर संजीव कुमार शुक्ला से गुहार लगाई।

-जेलर साहब ने उसकी किताब पढ़ी और किताब का प्रकाशन कराया।

-जेलर ने सीजेएम को बुलाकर किताब का विमोचन भी करवाया।

राजकुमार को 21 अवार्ड मिले हैं

-राजकुमार को उन्हें गवर्नर, सूबे के कारागार मंत्री समेत कई संगठनों ने सम्मानित किया।राजकुमार बताते हैं कि उन्हें अब तक 21 अवार्ड मिले हैं।

जेल में की थी शादी

-राजकुमार ने जेल में उनके साथी यादराम की तलाक शुदा बेटी हेमलता से शादी की।

-राजकुमार और हेमलता की शादी 2005 में हुई थी।

-जेल में सात फेरे लेने के साथ राजकुमार ने खूब सुर्खियां बटोरीं थीं।

निर्दोष कैदियों को छुड़ाने की चला रहे हैं मुहिम

-11 साल की सजा काटने के बाद राजकुमार 2011 में जमानत पर जेल से बाहर आए।

-अब ये जेल में बंद निर्दोष कैदियों को छुड़ाने की मुहिम चला रहे हैं।

-वह सीएम से मिलकर यूपी की जेलों में बंद निर्दोष कैदियों की रिहाई की गुहार लगाएंगे।

-अगर राजकुमार ने कहा कि उनकी इस मुहिम की सुनवाई नहीं होगी तो वह सम्मान में मिले सारे अवार्ड लौटा देंगे।

1 / 1
Your Score0/ 1
Admin

Admin

Next Story

AI Assistant

Online

👋 Welcome!

I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!