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दिल्ली में भूल जाओ पटाखे, सुप्रीम कोर्ट ने बच्चों की याचिका पर लिया फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में केंद्र सरकार को दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री के लिए नया लाइसेंस न देने और सभी लाइसेंस को निलंबित करने को कहा है। गौर करने वाली बात ये है कि अदालत ने पटाखों के खिलाफ तीन बच्चों की याचिका पर अपना फैसला सुनाया है।
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में केंद्र सरकार को दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री के लिए नया लाइसेंस न देने और सभी लाइसेंस को निलंबित करने को कहा है। गौर करने वाली बात ये है कि अदालत ने पटाखों के खिलाफ तीन बच्चों की याचिका पर अपना फैसला सुनाया है।
क्या है कोर्ट का आदेश ?
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड 3 माह में रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल कर यह बताए कि पटाखों में किस तरह की सामग्री इस्तेमाल की जा रही है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि जिस तरह शराब पीने वालों को बस बहाना चाहिए, ठीक उसी तरह पटाखों को लेकर भी लोग यही करते हैं।
कौन हैं याचिकाकर्ता ?
6 से 14 महीने के बच्चों अर्जुन गोपाल, आरव भंडारी और जोया राव की ओर से उनके पिता ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया कि दिल्ली वायु प्रदूषण के चलते खराब हो रही है। दशहरा और दीपावली में पटाखों की ब्रिकी पर रोक लगाई जाए क्योंकि त्योहार के समय पटाखों की वजह से कई बीमारियां हो रही हैं।
याचिका में कहा गया की ऐसे में कोर्ट कोई ठोस दिशा निर्देश जारी करे ताकि भविष्य के होनहार साफ हवा में सांस ले सकें। दिल्ली के आसपास के इलाकों में करीब 500 टन फसल अवशेष जलाए जाते हैं और इनकी वजह से फेंफड़े संबंधी बीमारियां बढ़ रही हैं।
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर साफ हवा में सांस लेने के अधिकार की मांग करते हुए निर्देश देने की मांग की थी।
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