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Lucknow News: संस्कृति निदेशालय के दो कर्मचारियों पर गिरी गाज: भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितता के आरोप में निलंबन
उत्तर प्रदेश के संस्कृति निदेशालय के सहायक निदेशक डॉ. राजेश अहिरवार और उनके निजी सहायक कुलदीप सिंह को वाद्य यंत्रों की खरीद में भ्रष्टाचार, वित्तीय अनियमितता, और शासकीय धन के दुरुपयोग के आरोप में निलंबित कर दिया गया है।
Lucknow News: Photo-Social Media
Lucknow News: उत्तर प्रदेश के संस्कृति निदेशालय के सहायक निदेशक डॉ. राजेश अहिरवार और उनके निजी सहायक कुलदीप सिंह को वाद्य यंत्रों की खरीद में भ्रष्टाचार, वित्तीय अनियमितता, और शासकीय धन के दुरुपयोग के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। इस कार्रवाई के बाद इनके खिलाफ अनुशासनिक कार्यवाही भी प्रस्तावित की गई है। यह निर्णय विशेष सचिव संस्कृति की अध्यक्षता में गठित पांच सदस्यीय समिति की जांच रिपोर्ट के आधार पर लिया गया।
जांच में सामने आईं अनियमितताएं
प्रदेश के पर्यटन और संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने जानकारी दी कि समिति ने वाद्य यंत्रों की खरीद में कई खामियों को उजागर किया। जांच में पाया गया कि डॉ. राजेश अहिरवार और श्री कुलदीप सिंह ने अपर निदेशक संस्कृति निदेशालय द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन नहीं किया। इसके परिणामस्वरूप वाद्य यंत्रों की दर अत्यधिक तय की गई, जिससे शासकीय धन का अनुचित उपयोग हुआ।
राज्य सरकार की शख्त नीति
पर्यटन और संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि आपूर्ति की गई सामग्री का भौतिक सत्यापन भी नहीं कराया गया। जिससे आपूर्ति किये गए वाद्य यंत्रों की गुणवत्ता भी मानक के अनुरूप सुनिश्चित नहीं की जा सकी। पर्यटन और संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रही है। भ्रष्टाचार में लिप्त होने तथा वित्तीय अनियमितता, उदासीनता एवं लापरवाही और शासकीय धन का दुरूपयोग करने पर दोषी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
निलंबन आदेश जारी
वहीं वाद्य यंत्रों की खरीद में भ्रष्टाचार, वित्तीय अनियमितता, और शासकीय धन के दुरुपयोग के आरोप में निलंबिन के बाद संस्कृति निदेशालय के इन दोनों कर्मियों के निलंबन आदेश 24 अप्रैल 2025 को प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश मेश्राम द्वारा जारी किए गए हैं। वहीं निलंबन की अवधि में डॉ. राजेश अहिरवार संस्कृति निदेशालय से जुडे़ रहेंगे।