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लव मैरिज के बाद 9 साल तक लगाता रहा अदालती चक्कर, HC से अब मिली राहत
लड़की का अपहरण कर जबरन शादी करने के लगे आरोप में अमित (परिवर्तित नाम) 9 साल से अदालतों के चक्कर काट रहा था। उसकी पत्नी ममता (परिवर्तित नाम) कोर्ट में हाजिर होकर अपहरण की बात को सिरे से नकारती रही है। ममता ने कोर्ट में बताया कि वह अपनी मर्जी से अमित के साथ गई थी और उसके साथ शादी की।
लखनऊ : लड़की का अपहरण कर जबरन शादी करने के लगे आरोप में अमित (परिवर्तित नाम) 9 साल से अदालतों के चक्कर काट रहा था। उसकी पत्नी ममता (परिवर्तित नाम) कोर्ट में हाजिर होकर अपहरण की बात को सिरे से नकारती रही है। ममता ने कोर्ट में बताया कि वह अपनी मर्जी से अमित के साथ गई थी और उसके साथ शादी की।
इन दोनों का एक बच्चा भी है। कोर्ट ने परिस्थितियों के मद्देनजर आरोपित अमित के खिलाफ 9 साल पहले निचली अदालत में दाखिल आरोप पत्र और उसके आगे की सारी कार्यवाही रद्द कर दी।
जस्टिस विजय लक्ष्मी ने सुनाया फैसला
जस्टिस विजय लक्ष्मी ने फैसला सुनाते हुए कहा कि ऐसे मामलें में कोर्ट लड़की और लड़के के दाम्पत्य जीवन और उनकी संतानें पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। अदालती कार्यवाही में बेवजह बहुमूल्य समय जाया होता है। अतः इस प्रकार के मामलें में निर्णय लेते समय इन बातों को नकारा नहीं जा सकता क्योंकि अंततः कोई हल नहीं निकलता है। पूरी प्रकिया बेमानी प्रतीत होती है। कोर्ट का मानना था कि जब दोनों ने मर्जी से विवाह कर लिया है। उनकी संतान भी है तो फिर विचारण कोर्ट में केस चलाने का कोई मतलब नहीं है। कोर्ट ने कहा कि न्याय का हित इसी में है कि आरोपपत्र खारिज कर दोनों को अपनी जिंदगी जीने दिया जाए।
जस्टिस लक्ष्मी का क्या कहना है?
जस्टिस लक्ष्मी ने कहा कि हमारे सामने कई मामले ऐसे आते है जिनमें लड़की के मां-बाप अपनी बेटी की मर्जी से की गई शादी स्वीकार नहीं करते हैं। जिसके पीछे जाति धर्म हैसियत या कोई अन्य कारण होते हैं। ऐसे मामलें में लड़की अपनी मर्जी से जाकर लड़के से शादी करती है। लेकिन इसके बावजूद उसके मां बाप लड़के के खिलाफ झूठी रिपोर्ट लिखा देते है कि उसने उसकी बेटी का अपहरण कर लिया है। अधिकांश मामलो में लड़की के मां बाप दलीले देते है कि उसकी बेटी नाबालिक है।
लड़की के पिता ने 2007 मे लिखाई थी रिपोर्ट
-लड़की के पिता ने बाराबंकी के कुर्सी थाने पर 31 मई 2007 को रिपोर्ट लिखवाई थी।
-इसके पिता ने कहा कि उसकी नाबालिक बेटी ममता को अमित विवाह करने के लिए जबरन भगा ले गया है।
-पुलिस ने मामले में विवेचना के बाद अमित के खिलाफ आरोप पत्र लगा दिया था।
-इस बात की जानकारी अमित को हुई तो उसने हाईकोर्ट में अपने वकील के जरिए सीआरपीसी की धारा 482 के तहत एक याचिका दायर कर आरोप पत्र और उसके आगे की कार्यवाही को चुनौती दी।
-केस की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ममता को तलब किया।
-उसकी पत्नी ने शपथपत्र दायर कर कहा कि उसका अमित ने अपहरण नहीं किया था।
-वह उस समय बालिक थी और उसने अपनी मर्जी से अमित से विवाह किया।
-जिससे उसकी 4 संताने हुई मगर अफसोस कि केवल एक जीवित है।
-उसने कहा कि अब वह लखनऊ मे अपने पति के साथ खुशी से रह रही है ।
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