Aloo Rate: मौसम के बाद अब किसानों की लिए आफत बनी आलू की कीमतें, नहीं निकल रही लागत

Aloo Rate: मौसम के बाद आलू की कीमत न मिलने पर किसान परेशान हो रहे हैं। किसानों की लागत और कोल्ड स्टोरेज का रेंट तक नहीं निकल पा रहा।

Snigdha Singh
Published on: 30 May 2023 11:29 PM IST
Aloo Rate: मौसम के बाद अब किसानों की लिए आफत बनी आलू की कीमतें, नहीं निकल रही लागत
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Image: Social Media

Aloo ki Paidawar: प्रदेश में लाखों किसान आलू भाव में गिरावट से खासे परेशान हैं। आठ सौ से नौ सौ रुपये कीमत से लागत तक वसूल नहीं हो पा रही। कम पैदावार एवं चेचक बीमारी की मार झेल चुके किसान कोल्ड स्टोरेज से फिलहाल दूरी बना रहे हैं। बाहरी मंडियों से आलू की मांग ना आना कम दाम की बड़ी वजह मानी जा रही है। मौसम के बाद किसानों के आलू के दामों ने संकट में डाल दिया है।

तीन सौ रुपये से ज्यादा भंडारण खर्च

साढ़े छह सौ प्रति कुंतल से ज्यादा की लागत से तैयार आलू को किसान आठ-नौ सौ में कैसे बेंच दें। कोल्ड स्टोर का खर्च ही 260 रुपये प्रति कुंतल है। उसपर वाहन का भाड़ा, खेत की पल्लेदारी, कोल्ड स्टोर में पल्लेदारी एवं बोरी आदि मिलाने पर करीब 350 रुपये खर्च आता है।

बाहरी मंडियों से मांग आने का इंतजार

प्रदेश के किसान मंडियों से मांग आने पर भाव में उछाल आने की उम्मीद लगाएं हैं। शीत गृहों में रखा आलू करीब नौ सौ से एक हजार रुपये की लागत पर है। ज्यादातर किसान 12 सौ से 14 सौ रुपये भाव में बेंचने की आस में कोल्ड स्टोर से आलू नहीं निकाल रहे हैं।

लाखों मीट्रिक टन आलू कैसे खपेगा

प्रदेश में लाखों मीट्रिक टन आलू की पैदावार होगी है। प्रदेश के एक जिले में करीब 30 हजार से 2 लाख मीट्रिक टन आलू भंडारित किया जाता है। ऐसे में किसानों के पास संकट गहराया है कि रेट न मिलने पर किसान आलू का क्या करेंगे? हालांकि फुटकर में आलू 15 रुपये किलो बिक रहा है। बाहरी मांग न आने की दशा में भाव में बड़ी गिरावट की संभावना जताई जा रही है। किसानों की चिंता है कि आलू बाहर ना गया तो क्या करेंगे? कैसे लागत वसूल होगी।

आंकड़ों में आलू...

प्रदेश में लगभग 12 लाख से अधिक किसान आलू की पैदावारी करते हैं। एक जिले में कम से कम 30 हजार मीट्रिक टन आलू की पैदावार होती है। 800-900 रुपये प्रति कुंतल वर्तमान में आलू की थोक बिक्री है। वहीं करीब दो हजार कोल्ड स्टोरेज में आलू भण्डारण कराया है। ऐसे में किसानों को रेट नहीं मिलेगा तो वह भंडारण का दाम तक नहीं चुका पाएंगे।

उद्यान अधिकारी श्याम सिंह का कहना है कि बाहरी मांग न होने की वजह से आठ सौ से एक हजार प्रति कुंतल बाजार भाव है। शीतगृहों से आलू निकासी की रफ्तार काफी धीमी है। मंडियों से मांग आने पर आलू के भाव में तेजी आने की संभावना है। ऐसे में किसान आलू निकालने के बजाए दाम आने का इंतजार कर रहे हैं।

Snigdha Singh

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