TRENDING TAGS :
आगरा में विवाद सुलझाने गए दारोगा की गोली मारकर हत्या, प्रशासन में मचा हड़कंप
पुलिस के बताया कि गांव नेहर्रा निवासी विजय सिंह पहलवान के दो बेटे हैं। विजय सिंह ने अपनी पत्नी को छोड़ दिया है। बड़ा बेटा शिवनाथ उनके साथ रहता है और छोटा बेटा विश्वनाथ मां के साथ। खेत का तीन हिस्सा है।
लखनऊ: यूपी के आगरा में थाना खंदौली के बॉर्डर के गांव नेहर्रा में खेत के विवाद को सुलझाने गए दारोगा की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस घटना के बाद कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंच चुकी है। मिली जानकारी के मुताबिक, आरोपी ने दारोगा प्रशांत कुमार यादव के गर्दन में गोली मारी। दारोगा की हत्या की सूचना मिलते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया।
आरोपी को पकड़ने के लिए पुलिस ने कई टीमें बनाई हैं। इस बीच सीएम योगी आदित्यनाथ ने घटना पर गहरा दुख जताया है। इसके साथ ही सीएम ने एसआई के परिवार को 50 लाख के मुआवजे की घोषणा की है।
यह घटना जिले खंदौली क्षेत्र के नेहर्रा गांव की की है। गांव में दो भाइयों में आलू खुदाई को लेकर विवाद था। इसी विवाद को सुलझाने के लिए दारोगा प्रशांत कुमार यादव एक सिपाही के साथ मौके पर गए थे।
घटना की जानकारी मिलते ही एडीजी जोन राजीव कृष्ण, आईजी रेंज ए सतीश गणेश, एसएसपी बबलू कुमार मौके पर पहुंचे। आरोपियों की तलाश में दबिश दी जा रही है। बता दें कि शहीद दारोगा प्रशांत कुमार यादव साल 2015 बैच में नियुक्त हुए थे। वह बुलंदशहर के गांव छतारी के रहने वाले थे।
ये भी पढ़ें...भाजपा का दो दिवसीय बूथ सम्पर्क अभियान 25 मार्च से, घर घर जायेंगे मंत्री
[video width="640" height="352" mp4="https://newstrack.com/wp-content/uploads/2021/03/WhatsApp-Video-2021-03-24-at-22.03.45.mp4"][/video]
पुलिस के बताया कि गांव नेहर्रा निवासी विजय सिंह पहलवान के दो बेटे हैं। विजय सिंह ने अपनी पत्नी को छोड़ दिया है। बड़ा बेटा शिवनाथ उनके साथ रहता है और छोटा बेटा विश्वनाथ मां के साथ। खेत का तीन हिस्सा है। एक हिस्सा विजय सिंह के पास है। बड़े भाई शिवनाथ ने उसमें आलू बो रखी थी। बुधवार को खुदाई को लेकर आपस में झगड़ा होयी। छोटे बेटे विश्वनाथ ने कहा कि कि पिता के हिस्से का आधा आलू मां को मिलेगा। इसी को लेकर दोनों भाइयों के बीच विवाद चल रहा था। आलू की खुदाई हो गई थी। पूरा आलू बड़े भाई शिवनाथ को मिलना था। क्योंकि उसने ही फसल बोई थी।
ये भी पढ़ें...वाराणसी: धधकती चिताओं के बीच हुड़दंग, महाश्मशान में खेली गई भस्म की होली
इसी विवाद को सुलझाने के लिए दारोगा प्रशांत वहां पहुंचे थे। विश्वनाथ तमंचा लेकर काम करने वाले मजदूरों का धमका रहा था। विश्वनाथ के हाथ में तमंचा देख दारोगा ने साहस दिखाया। पीछा कर उसको पकड़ने की कोशिश की, वह खेत में भागने लगा। प्रशात को पीछे आता देख तमंचे से गोली चला दी। गोली दारोगा की गर्दन में लगी और उनकी मौत हो गई।
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!