अजय कुमार लल्लू बोले- कौन है मौतों का जिम्मेदार? लोगों से माफी मांगे मुख्यमंत्री

अजय कुमार लल्लू ने कहा कि कहां गया आपका बड़बोलापन? कौन है इन मौतों का जिम्मेदार? उप्र के लोगों से माफी मांगे मुख्यमंत्री।

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Newstrack Network Newstrack - NetworkPublished By Dharmendra Singh
Published on: 29 April 2021 8:42 PM IST
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प्रेस कांफ्रेंस के दौरान अजय कुमार लल्लू (फोटो: आशुतोष त्रिपाठी)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोरोना के हालात को लेकर यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने योगी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बार-बार कह रहे हैं कि आक्सीजन, बेड, वेंटीलेटर, रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी नहीं है तो मुख्यमंत्री को मैं खुली चुनौती देता हूं कि वो एक व्यक्तिगत नम्बर जारी करें जो टीवी और मीडिया में प्रसारित, प्रकाशित हो और जो उनके ट्विटर हैंडिल से ट्वीट हो तथा जो अधिकारी उनको यह बता रहे हैं कि कमी नहीं है उनका एक नम्बर जारी करें ताकि स्थिति पूरी तरह स्पष्ट हो सके कि उप्र के हालात कितने भयावह हैं। मुख्यमंत्री जी झूठ बोलना बंद करें। विपक्ष के साथ ही लोगों को धोखा देना बंद करें। इसके साथ ही उन्होंने मांगी की है कि मुख्यमंत्री प्रदेश के लोगों से माफी मांगें।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि आरटी-पीसीआर की टेस्टिंग घटा दी गयी है। क्यों घटाया है आपने? उप्र के सभी जिलों में कांटैक्ट ट्रेसिंग नहीं हो रही है ऐसा क्यों? कांटैक्ट का आशय है कि जो संक्रमित हैं उनके सम्पर्क में आये लोगों की जांच क्यों नहीं? कोविड कंट्रोल रूम के जो नम्बर सरकार ने जारी किये हैं-पिछले दिनों एक आडियो वायरल हुआ था जिसमें कहा गया था कि जाकर मर जाओ। उस पर मुख्यमंत्री स्वतः ट्राई करके देखें कि क्या स्थिति है? लोगों को किसी भी प्रकार की सुविधा नहीं मिल रही है।
अजय कुमार लल्लू ने कहा कि एसटीएफ ने खुलासा किया है कि रेमडेसिविर इंजेक्क्शन दस गुने से अधिक दाम पर बिक रहा है। साथ ही साथ तमाम समाचारपत्रों में विभिन्न जनपदों झांसी, कानपुर, मेरठ, गाजियाबाद, लखनऊ और गोरखपुर में एक-एक लाख में इंजेक्शन बिकने की खबर मीडिया ने प्रकाशित किया। मुख्यमंत्री जी आप किस कुम्भकर्णी नींद में सो रहे हैं?

वीआईपी की सीधी भर्ती! गरीब के लिए नहीं?

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि निजी अस्पतालों में अभी भी सीधी भर्ती नहीं। अभी भी सीएमओ का रेफरल लेटर चाहिए। वीआईपी की सीधी भर्ती! गरीब के लिए नहीं? आक्सीजन प्लान्टों पर आज भी लम्बी लाइन लगी हुई है। भीड़ जमा है। होम आइसोलेशन के लोगों को आक्सीजन के लिए घंटों लाइन लगाना पड़ रहा है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि एक सरकारी आंकड़ें जो दिए जा रहे हैं जिसमें कल लखनऊ में 13 लोगों की मौत, गाजियाबाद में 6 लोगों की मौत दिखाया गया है। रोज लगभग 200 मौतों का दावा कर रहे हैं। जबकि गाजियाबाद में श्मशान घाट पर बोर्ड लगा दिया गया कि जगह नहीं है। लखनऊ में सैंकड़ों मौतें हो रही हैं। भैंसाकुण्ड, गुलालाघाट सहित तमाम अन्य जगहों पर दाह संस्कार हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि तीन माननीय विधायकों की मौत हो चुकी है जिसमें विधायकों ने डाॅ हर्षवर्धन और मुख्यमंत्री को स्वतः पत्र लिखकर यह कहा कि हमारे इलाज की व्यवस्था हो। उनके परिवार का आरोप है कि 5 कालीदास मार्ग पर अधिकारियों को फोन करते रहे, किसी ने जवाब नहीं दिया। मोहनलालगंज के सांसद के भाई की मृत्यु हो गयी। सुप्रीम केार्ट और हाईकोर्ट लगातार सरकार के तानाशाही रवैये पर तल्ख टिप्पणी कर चुकी है। फिर भी सरकार- मेरा कायदा, वरना कोई कायदा नहीं, पर अड़ी हुई है।

इलाज के अभाव में तमाम लोग मर गये

अजय कुमार लल्लू ने कहा कि मुख्यमंत्री ने सदन में यह दावा किया था कि हम डेढ़ लाख बेड बनाकर रखे हैं। कहां गये वह दावे? होर्डिंग, पोस्टर, इवेंट मैनेजमेंट, विज्ञापन में कहा कि दुनिया ने लोहा माना कि हम कोविड पर जंग जीत गये। कहां गयी आपकी बहादुरी? कहां गया आपका बड़बोलापन? कौन है इन मौतों का जिम्मेदार? उप्र के लोगों से माफी मांगे मुख्यमंत्री।
विश्व गुरू की बात प्रधानमंत्री ने की। कहा कि विश्व ने लोहा माना। क्या यही लोहा है? हमारे नेता श्री राहुल गांधी जी ने बार-बार सरकार से आग्रह किया। सरकार ने तनिक ध्यान दिया होता तो आज यह स्थिति न होती। तमाम आईएएस अधिकारी मर गये। वरिष्ठ आईएएस श्री दीपक त्रिवेदी की मौत हो गयी, इसका जिम्मेदार कौन है? इलाज के अभाव में तमाम लोग मर गये। आप कहते हैं कि विपक्ष राजनीति कर रहा है। पहली बार जब यह कोरोना आया था उस समय तो आपदा थी। इस आपदा में विशेषज्ञों के कहने के बाद भी आप द्वारा कोई कार्यवाहीं नहीं की गयी। न अस्पताल, न बेड, न आक्सीजन, न दवाई, न वेंटीलेटर की कोई व्यवस्था की। जिसका नतीजा है कि आज की स्थिति देखने को मिल रही है जिसकी जिम्मेदार आपकी सरकार है।
अजय कुमार लल्लू ने कहा कि गांव-गांव में सभी जनपदों में महामारी तेजी के साथ फैल चुकी है। कहीं भी आरटी-पीसीआर जांच की कोई व्यवस्था नहीं है। एक-एक दिन की जांच की रिपोर्ट 5-5 और 6-6 दिन में आ रही है। गांव के लोग बड़ी संख्या में बेड, डाक्टर, इलाज, आक्सीजन के अभाव में मर रहे हैं। आक्सीजन पैदा करने वाला देश भारत पर्याप्त मात्रा में आक्सीजन नहीं दे पा रहा है। रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने वाले भारत के इंजेक्शन की दूसरे देशों में सप्लाई की जा रही है।


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