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अखिलेश यादव का तीखा हमला, कहा- लोकतंत्र को कमजोर करने में जुटी है BJP
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि कोरोना के सच को झुठलाकर चुनाव में व्यस्त हो गई भाजपा बेकारी और भुखमरी को समस्या ही नहीं मान रही है तो समाधान क्या करेगी।
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि कोरोना के सच को झुठलाकर चुनाव में व्यस्त हो गई भाजपा बेकारी और भुखमरी को समस्या ही नहीं मान रही है तो समाधान क्या करेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा लोकतंत्र को कमजोर करने की साजिश में जुटी है। एक वर्चुअल रैली पर सौ करोड़ से ज्यादा खर्च करके जनता से छल किया जा रहा है। बिहार के बाद बंगाल और अब किसी अन्य राज्य में भी यही कहानी दुहराई जाएगी। बिहार में चुनाव आते ही कुछ दिनों बाद तो यूपी के स्टार प्रचारक भी उड़ जाएंगे।
सपा अध्यक्ष ने बुधवार को कहा कि जनता को धोखा देने और बहकाने में भाजपा का कोई मुकाबला नहीं कर सकता। दावा किसानों के बैंक खातों में पैसे भेजने का किया जा रहा है पर वास्तव में 20 लाख करोड़ के महापैकेज से किसानों के खाते में एक रुपया भी नहीं आया है। उल्टे किसान के जमा खाते से कर्ज अदायगी के लिए दबाव बनाया जा रहा है। कन्नौज में एक प्रवासी मजदूर के परिवार में जब खाने के लाले पड़ने लगे तो महिला ने अपना जेवर बेच दिया। उसको न राशन मिला और नहीं काम। उन्होंने पूछा लघु एवं मध्यम श्रेणी के उद्योगों के लिए 3 लाख करोड़ के बंटवारे में उत्तर प्रदेश को कितना मिला? उसका कहां और कब इस्तेमाल होगा? बेरोजगार नौजवानों को कब से काम मिलेगा?
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अखिलेश ने कहा कि रोजी-रोटी देने की जगह प्रदेश की भाजपा सरकार हवाई दावों से श्रमिकों का पेट भरना चाहती है और रोजगार के झूठे आंकड़ों से जनता को भ्रमित करना चाहती है। मजदूर एटलस साइकिल का पहिया थमने के बाद साहिबाबाद में ऑटो गियर बनाने वाली कम्पनी में भी काम बंद हो गया है। वहां के मजदूर बताते हैं कि भाजपा सरकार में सत्ता संरक्षित दबंग मजदूरी के लाइन में जगह दिलाने की एवज में सौ-सौ रूपए की दलाली खा रहे हें। उन्होंने कहा कि भाजपा छिन चुका रोजगार तो दे नहीं सकती लेकिन कम से कम बचे खुचे रोजगार को तो दलालों के चंगुल से मुक्त रख ही सकती है। उन्होंने कहा कि गरीबों को बेरोजगार होने से बचाने में 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का इस्तेमाल क्यों नहीं किया जा रहा है।
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सपा मुखिया ने कहा कि कोरोना महामारी के समय अन्य असाध्य बीमारियों के इलाज के लिए विधायक निधि से कम से कम 50 लाख रुपये देने की व्यवस्था होनी चाहिए। हृदयरोग, किडनी, लीवर तथा कैंसर के इलाज के लिए सपा सरकार में मुफ्त चिकित्सा व्यवस्था थी। इसके साथ विधायक निधि से 25 लाख रुपए की व्यवस्था बीमारी के इलाज के लिए देने की भी की गई थी। भाजपा सरकार ने विधायक निधि से सहायता देने की व्यवस्था बंद कर दी हैं। एक संवेदनहीन सरकार ही ऐसा अमानवीय कार्य कर सकती है।
रिपोर्ट: मनीष श्रीवास्तव
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