राज्य को बर्बादी की कगार पर ले जाने वाली भाजपा सरकार के अब चार दिन- अखिलेश यादव

खिलेश यादव ने कहा है कि विकास के मुकाबले विकास के काम तो शून्य के बराबर हैं। जबकि भाजपा राज में घोटालों के चलते ही विदेशों में जमा कालाधन बढ़ गया और देश की जीडीपी घाटे में चली गई है।

Shreedhar Agnihotri
Written By Shreedhar AgnihotriPublished By Ashiki
Published on: 21 Jun 2021 10:20 PM IST
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अखिलेश यादव (फाइल फोटो: आशुतोष त्रिपाठी)

लखनऊ: पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि विकास के मुकाबले विकास के काम तो शून्य के बराबर हैं। जबकि भाजपा राज में घोटालों के चलते ही विदेशों में जमा कालाधन बढ़ गया और देश की जीडीपी घाटे में चली गई है। राज्य को बर्बादी की कगार पर ले जाने वाली भाजपा सरकार के अब चार दिन ही बचे हैं।

अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार में उत्तर प्रदेश की बदहाली की इबारत लिख दी गई है। जनता त्रस्त है। कानून व्यवस्था ध्वस्त है। भविष्य की खुशहाली का झूठा दिखाने वाला भाजपा नेतृत्व भी अब समझने लगा है कि अगले विधानसभा चुनाव में उसका सत्ता से बाहर होना तय है और समाजवादी सरकार बनने वाली है। उन्होंने कहा कि इसलिए हड़बड़ी में डबल इंजन वाले जहां लोकतंत्री व्यवस्थाओं को धता बताते हुए मुख्यमंत्री को ही बनाए रखने का राग अलाप रहे हैं।

उन्होंने कहा कि वहीं पार्टी के अंदर उनके विरोध में स्वर उभरने लगे हैं। दो जिम्मेदार मंत्रियों ने कह दिया कि चुनाव बाद केन्द्र तय करेगा कि मुख्यमंत्री कौन होगा? प्रदेश की राजनीति में यह हास्यास्पद स्थिति है। सपा अध्यक्ष ने कहा कि सच तो यह है कि प्रदेश में ऐसी सरकार है जिसमें न मंत्रियों की सुनवाई है, नहीं जनता की। लोगों का विश्वास खो चुकी भाजपा अब चलते चलाते घोटालों की कमाई में लग गई है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस का मुख्यमंत्री का दावा खोखला साबित हुआ है। भाजपा राज में बच्चों के खाने पर डाका डाला गया है।

अखिलेश ने प्रदेश के हालातों का सिलसिलेवार विवरण पेश करते हुए कहा कि कानपुर में शादी अनुदान और पारिवारिक लाभ योजना में 6.50 करोड़ रूपए का घपला सामने आया है। लखनऊ में 5500 परमिट नवीनीकरण में वसूले जुर्माने में 15 करोड़ का गबन हो गया। बरेली के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में बिना छात्राओं की उपस्थिति के भोजन, पानी, अन्य सुविधाओं के नाम पर 84 लाख रूपए खर्च में दिखा दिए गए। बरेली के 49 परिषदीय विद्यालयों में सरकारी खाते से निकला भोजन छात्रों को मिला ही नहीं।बरेली के अलावा प्रदेश के 17 जिलों में भी घपले होने की चर्चा है।

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