कृषि कानून पर संसद में जमकर बोले अखिलेश, आंदोलनजीवी का जवाब चंदाजीवी

अखिलेश ने कहा कि किसानों को न जाने क्या-क्या कहा जा रहा है। कि इस तरह के उन पर आरोप लगाए जा रहे हैं। किसानों के भलाई के लिए कानून लाया गया और किसान इसे नहीं चाहते हैं फिर भी कानून को वापस नहीं लिया जा रहा है।

Dharmendra kumar
Published on: 9 Feb 2021 10:19 PM IST
कृषि कानून पर संसद में जमकर बोले अखिलेश, आंदोलनजीवी का जवाब चंदाजीवी
X
अखिलेश ने कहा कि किसानों को न जाने क्या-क्या कहा जा रहा है। कि इस तरह के उन पर आरोप लगाए जा रहे हैं। किसानों के भलाई के लिए कानून लाया गया।

नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने मंगलवार को संसद में कृषि कानूनों को लेकर भाजपा पर जमकर हमला बोला। एमएसपी की पोल खोलते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री के निर्वाचन क्षेत्रों में भी किसानों को एमएसपी नहीं मिल पाया। कृषि सुधार कानूनों को किसानों के साथ धोखा और कारपोरेट घरानों के लिए कारपेट बिछाने वाला काम करा देते हुए उन्होंने कहा कि जो लोग आज आंदोलन करने वालों का मजाक उड़ा रहे हैं, आंदोलन जीवी कह रहे हैं उन्हें अपने बारे में सोचना चाहिए कि क्या वह लोग चंदा जीवी हैं। जो जगह-जगह जब देखो तब चंदा मांगते रहते हैं।

लोकसभा में कर दी बीजेपी नेताओं की बोलती बंद

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को लोकसभा में भाजपा नेताओं की बोलती बंद कर दी। लगभग 12 मिनट के अपने भाषण में उन्होंने कृषि सुधार कानूनों से लेकर उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर भाजपा को घेरा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आंदोलन जीवी भाषण का भी करारा जवाब दिया। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि संसद में कहा गया है कि एमएसपी था, एमएसपी है और एमएसपी रहेगा। यह दुनिया का सबसे बड़ा झूठ है।

उत्तर प्रदेश के किसानों को ही नहीं मिल रही एमएसपी

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के मतदाताओं ने दो बार केंद्र में भाजपा की सरकार बनवाई, लेकिन उत्तर प्रदेश के किसानों को ही एमएसपी नहीं मिल रही है। उत्तर प्रदेश के लोगों ने प्रधानमंत्री , रक्षा मंत्री और कई राज्यों के राज्यपाल दिए हैं, लेकिन इन बड़े-बड़े लोगों के निर्वाचन क्षेत्र और जिलों में भी किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिल रहा है।

[video width="432" height="240" mp4="https://newstrack.com/wp-content/uploads/2021/02/WhatsApp-Video-2021-02-09-at-08.08.58-1.mp4"][/video]

कारपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए रेड कारपेट बिछाया है

उन्होंने कहा कि जिस तरह का माहौल बना हुआ है ऐसे में ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार ने कारपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए रेड कारपेट बिछाया है। यह कानून किसानों के लिए लाया गया, लेकिन किसान ही इसका विरोध कर रहे हैं हालात कुछ ऐसे हो गए हैं कि जिन लोगों को जनप्रतिनिधि बनाया गया वह धन प्रतिनिधि बनकर रह गए हैं।

अखिलेश ने कहा कि किसानों को न जाने क्या-क्या कहा जा रहा है। कि इस तरह के उन पर आरोप लगाए जा रहे हैं। किसानों के भलाई के लिए कानून लाया गया और किसान इसे नहीं चाहते हैं फिर भी कानून को वापस नहीं लिया जा रहा है। किसानों के साथ दमन पूर्ण व्यवहार किया जा रहा है।

[video width="432" height="240" mp4="https://newstrack.com/wp-content/uploads/2021/02/WhatsApp-Video-2021-02-09-at-08.08.57.mp4"][/video]

ये भी पढ़ें...Auraiya News: जिलाधिकारी ने कहा- राजस्व वसूल कर लक्ष्य को किया जाए पूरा

उन्होंने कहा कि इस सरकार ने नए कृष कानून में दावा किया कि हम मंडियों को आधुनिक बनाना चाहते हैं, लेकिन समाजवादी पार्टी की सरकार ने उत्तर प्रदेश में जो एक्सप्रेसवे बनाए उनके किनारे मंडियों की स्थापना का प्रस्ताव था आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे के किनारे मंडियां बननी शुरू भी हो गई लेकिन समाजवादी पार्टी सरकार जाने के बाद से काम रोक दिया गया है कोई भी मंड़ी कहीं तैयार नहीं की जा रही है। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के साथ सुल्तानपुर, आजमगढ़ और गाजीपुर में आधुनिक मंडी बनी थी, लेकिन उसका भी प्रस्ताव रद्द कर दिया गया है।

ये भी पढ़ें...केरल में स्कूल खुलते ही दो विद्यालयों में मिले 192 संक्रमित बच्चे, यूपी में क्या होगा?

[video width="432" height="240" mp4="https://newstrack.com/wp-content/uploads/2021/02/WhatsApp-Video-2021-02-09-at-08.08.58.mp4"][/video]

ऐसे लोगों को क्या चंदाजीवी कहा जाएगा

उन्होंने कहा कि इस देश को आजादी महात्मा गांधी और करोड़ों देशवासियों के आंदोलन से प्राप्त हुई है। देश में तमाम नए कानून भी आंदोलन की कोख से जन्मे हैं महिलाओं और कमजोर वर्ग को आंदोलन से अधिकार प्राप्त हुए हैं लेकिन आंदोलन करने वालों को आंदोलन जी भी बताया जा रहा है ऐसे में मेरा सवाल है कि क्या उन लोगों को चंदा जी भी कहा जाना चाहिए जो समय-समय पर चंदा मांगने के लिए निकल पड़ते हैं किसी ना किसी बहाने लोगों से चंदा जुटाया जाता है। कभी कोरोना के नाम पर तो कभी किसी और काम के लिए। ऐसे लोगों को क्या चंदाजीवी कहा जाएगा।

रिपोर्ट: अखिलेश तिवारी

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Dharmendra kumar

Dharmendra kumar

Next Story

AI Assistant

Online

👋 Welcome!

I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!