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रेप विक्टिम ने अबॉर्शन की मांगी थी अनुमति, HC ने कहा- CMO के पास जाओ
इलाहाबाद: हाईकोर्ट ने रेप विक्टिम बरेली की नाबालिग लड़की को गर्भपात (अबॉर्शन) की अनुमति देने की मांग में दाखिल याचिका पर सीधे हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है। कोर्ट ने याची से कहा है कि वह सीएमओ के समक्ष अर्जी दाखिल करे और नियमानुसार निर्णय ले।
यह आदेश न्यायमूर्ति आरडी खरे ने विक्टिम के पिता की याचिका पर दिया है। मालूम हो कि बरेली के आशिफ ने शादी का झांसा देकर विक्टिम से रेप किया और गर्भवती होने के बाद शादी करने से इंकार कर दिया।
क्या था मामला ?
-रेप विक्टिम के मेडिकल जांच के बाद जून महीने में 20 हफ्ते का गर्भ पाया गया था।
-इसके बाद शेरगढ़ थाने में आशिफ सहित तीन अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया गया।
-लड़की के पिता ने 26 जुलाई को सीजेएम बरेली के समक्ष अवैध गर्भ गिराने की अनुमति मांगी थी।
-इसके लिए उन्होंने एक अर्जी दाखिल की थी।
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कोर्ट ने नहीं दी अनुमति
-कोर्ट ने गर्भपात की अनुमति देने से इंकार करते हुए अर्जी खारिज कर दी।
-इस आदेश के खिलाफ अपर सत्र न्यायालय ने पुनरीक्षण अर्जी भी खारिज कर दी, जिसे याचिका में चुनौती दी गई थी।
-कोर्ट ने याची को छूट दी है कि वह सीएमओ के समक्ष अर्जी दे, जो उसे नियमानुसार निर्णीत करेंगे।
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