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HC ने कहा- इंटरनेशनल लेवल का बने इलाहाबाद का बमरौली एयरपोर्ट, जल्द से जल्द शुरू हो काम
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार (22 मार्च) को कहा है कि इलाहाबाद बमरौली हवाई अड्डा अंतर्राष्ट्रीय स्तर का होना चाहिए और एयरपोर्ट अथाॅरिटी से कहा है कि वह अपना काम जल्द से जल्द पूरा करें।
इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार (22 मार्च) को कहा है कि इलाहाबाद बमरौली एयरपोर्ट इंटरनेशनल लेवल का होना चाहिए और एयरपोर्ट अथाॅरिटी से कहा है कि वह अपना काम जल्द से जल्द पूरा करें। इस बात का इंतेजार न करें कि तकनीकी पहलू बाकी है। कोर्ट ने कहा कि जिस शहर ने कई पीएम दिए, वह शहर वायु सेवा से वंचित रहे, यह उचित नहीं है। कोर्ट ने इलाहाबाद के डीएम को एयरपोर्ट लिए अधिग्रहीत जमीन अथाॅरिटी को शुक्रवार (24 मार्च) तक सौंप देने को कहा है और अथाॅरिटी से कब्जा लेकर निर्माण कार्य शुरू करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कृत कार्यवाही की दो हफ्ते में जानकारी मांगी है।
यह आदेश चीफ जस्टिस डी.बी.भोसले और जस्टिस यशवंत वर्मा की डिवीज़न बेंच ने सचिन उपाध्याय की याचिका पर दिया है। अथाॅरिटी की तरफ से बताया गया कि जमीन कब्जे में आने के बाद पर्यावरण विभाग से एनओसी लेकर 6 महीने के अंदर सिविल टर्मिनल की प्रक्रिया पूरी कर निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस का इलेक्ट्रीफिकेशन का काम 31 मार्च तक पूरा हो जाएगा। केंद्र सरकार की तरफ से पर्यावरण अनापत्ति अर्जी आने पर यथाशीघ्र दिलाए जाने का आश्वासन दिया गया। अथाॅरिटी की तरफ से कहा गया कि इंस्ट्रूमेंटस लैंडिंग सिस्टम (आईएलएस) लगाने की प्रक्रिया 31 जुलाई तक पूरी हो जाएगी। कोर्ट से रनवे से 150 मीटर दोनों तरफ नौ मेंस लैण्ड घोषित करने की मांग की और कहा कि सेन्सटिव जोन के कारण वाहनों आदि के संचालन की अनुमति नहीं दी जा सकती।
राज्य सरकार के मुख्य स्थायी अधिवक्ता ने बताया कि राज्य सरकार ने 50 एकड़ जमीन की मांग के विपरीत 75 एकड़ जमीन अधिगृहीत की है। 14 हेक्टेयर जमीन कब्जे में है, जिसे अथाॅरिटी को दो दिन में सौंप दिया जाएगा। कोर्ट इस मामले की सुनवाई दो हफ्ते बाद करेगी।
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पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में रिंग रोड के खिलाफ याचिका खारिज
इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में रिंगरोड के लिए शिवपुर परगना के 22 गांवों की जमीन अधिग्रहीत करने की वैधता के खिलाफ दायर याचिका बुधवार (22 मार्च) को खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा है कि जिन किसानों ने जमीन का मुआवजा नहीं लिया है वे डीएम के समक्ष अर्जी दाखिल करें और वह भूमि की पैमाइश कर मुआवजे का निर्धारण करें।
मुआवजा 2013 के कानून के मुताबिक दिया जाए। यदि डीएम के आदेश से कोई संतुष्ट न हो तो वह नियमानुसार कार्रवाई कर सकता है। कोर्ट ने अधिग्रहण रद्द करने से इंकार कर दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति दिलीप गुप्ता और न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की खंडपीठ ने होरी लाल और कई अन्य की याचिकाओं पर दिया है।
याची का कहना था कि जनवरी 2014 के मार्केट रेट से मुआवजे का भुगतान किया जाए। कोर्ट ने इस तर्क को मानने से इंकार कर दिया और कहा कि 2013 के कानून की धारा 64 के तहत मुआवजा न लेने वालों को डीएम के समक्ष अर्जी देने का अधिकार है। जिस पर वह निर्णय लेंगे।
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टीजीटी कला पद पर चयन रहेगा हाईकोर्ट के आदेश के अधीन, लिखित परीक्षा की उत्तर कुंजी तलब
इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार (22 मार्च) को उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की लिखित परीक्षा की उत्तर कुंजी तलब की है। कोर्ट में याचिका दाखिल कर लिखित परीक्षा में पूछे गये चार प्रश्नों को चुनौती दी गई है। कोर्ट ने चयन बोर्ड से अपना जवाब दाखिल करने के साथ ही उत्तर कुंजी और उसे जारी करने से संबंधित अन्य अभिलेख प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। रजनीकांत राम और अन्य की याचिका पर न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता सुनवाई कर रहे हैं।
याची के अधिवक्ता के अनुसार, प्रशिक्षित स्नातक शिक्षकों के 239 पदों के लिए लिखित परीक्षा 8 फरवरी 2015 को आयोजित की गई थी। इसका परिणाम 04 जुलाई 2017 को घोषित किया गया। 11 फरवरी 2017 को साक्षात्कार प्रारंभ हुआ। याचीगण कुछ नंबर कम होने के कारण चयन नहीं हो सके।
याचिका दाखिल कर लिखित परीक्षा में पूछे चार प्रश्नों को चुनौती दी गई। याचीगण का कहना था कि उन्होंने चयन बोर्ड के समक्ष आपत्ति दर्ज कराई थी। इसके बाद तीन बार आंसर की (Answer Key) जारी की गई। मगर उन चार प्रश्नों को सही नहीं किया गया।
याचीगण का कहना है कि यदि प्रश्नों को सही कर दिया जाए तो उनका चयन हो सकता है। कोर्ट ने चयन बोर्ड से 10 अप्रैल 2017 तक जवाब दाखिल करने तथा आंसर की और अन्य सारे अभिलेख कोर्ट में प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। इस दौरान किए गए चयन याचिका के निर्णय पर निर्भर करेंगे। कोर्ट ने चयनित अभ्यर्थियों को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
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