एसिड अटैक पीड़ितों के लिए बने एसी बर्न वार्डः हाईकोर्ट

sudhanshu
Published on: 15 Jun 2018 8:08 PM IST
एसिड अटैक पीड़ितों के लिए बने एसी बर्न वार्डः हाईकोर्ट
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इलाहाबाद: हाईकोर्ट ने एसिड पीड़ित मरीजों की बेहतर चिकित्सा व्यवस्था करने का शुक्रवार को निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि मरीजों का सही इलाज कराने के लिए वातानुकूलित बर्न वार्ड तैयार किया जाए। एसिड पीड़ित कौशाम्बी की रेखा को मुआवजा दिलाने के मुद्दे पर कोर्ट ने कहा है राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के मार्फत अर्जी देकर मुआवजे की मांग की जाए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर लक्ष्मी बाई योजना के तहत एसिड पीड़ितों को मुआवजा दिए जाने की व्यवस्था दी गयी है। याचिका की सुनवाई 25 जून को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति अजित कुमार की खण्डपीठ ने तनुश्री चैहान व 15 अन्य विधि छात्र छात्राओं की जनहित याचिका पर दिया है। कोर्ट को बर्न वार्ड की व्यवस्था की जानकारी दी गयी। सरकारी अधिवक्ता ने कहा शीघ्र ही एस.आर.एन. अस्पताल में बर्न वार्ड बन कर तैयार हो जायेगा। कोर्ट उठाये गये कदमों की जानकारी मांगी है।

कोर्ट की अन्‍य खबरें

प्रशासन बताए शहर में कैसे बिक रहा है पालिथीनः हाईकोर्ट

इलाहाबाद: हाईकोर्ट ने शहर व संगम क्षेत्र से पालीथीन व कूड़ा निस्तारण के मामले में नगर निगम द्वारा दी गयी जानकारी को सन्तोष जनक नहीं माना और 25 जून को विस्तृत जानकारी के साथ हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति अजित कुमार की खण्डपीठ ने विधि छात्र कार्तिकेय अग्रवाल व अन्य की जनहित याचिका पर दिया है। कोर्ट ने पूछा है कि नगर के 5 जोनों में घर से कूड़ा उठाने में कौन सी एजेंसी लगी है और उस पर किसकी निगरानी है। साथ ही कूड़ा उठाने के बाद क्या किया जाता है। अन्य कूड़े से पालीथीन अलग करने के बाद उसका क्या होता है और मेडिकल बेस्ट का संग्रह व निस्तारण किस तरह से किया जाता है। नगर निगम के अधिवक्ता भारत भूषण पाल ने कोर्ट को जानकारी दी कि हरी भरी एजेंसी दरवाजे से कूड़ा उठा रही है। वह 5 जोनांे में बने 16 डंपिंग स्थानों पर इकट्ठा करती है और उसे प्लांट में ले जाया जाता है। जहाँ कूड़े से खाद व अन्य चीजें बनायी जाती है। पालीथीन पर जानकारी न देने के कारण कोर्ट ने हलफनामा मांगा है और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से भी कार्यवाही की जानकारी मांगी है। याची गण का कहना है कि पालीथीन की खरीद फरोख्त से संगम एरिया में गन्दगी फैली है। जो गंगा में जा रही है। जलचरों को नुकसान पहुंचा रही है। कोर्ट ने सरकार से पूछा कि जब शहर में पालीथीन पर बैन है तो इसकी बिक्री कैसे हो रही है। इसके लिए कौन जिम्मेदार है। सुनवाई 25 जून को होगी।

अब 10 की बजाय सवा दस से कोर्ट में बैठेगे हाईकोर्ट जज

इलाहाबाद: हाईकोर्ट फुलकोर्ट ने प्रस्ताव पारित कर 2 जुलाई 2018 से कोर्ट के समय में बदलाव कर दिया है। अब हाईकोर्ट के जज 2 जुलाई से 10 बजे के बजाय सवा दस बजे से कोर्ट में बैठेंगे और न्यायिक काम करेंगें। इस आशय का प्रस्ताव जजों की फुलकोर्ट मीटिंग में 26 मई 2018 को लिया गया। कोर्ट शाम को चार बजे तक के बजाय सवा चार बजे तक बैठेगी। हाईकोर्ट की रजिस्ट्री ने इस आशय की अधिसूचना 14 जून को जारी की है। कोर्ट का समय बदल जाने से लंच का भी समय बदल गया है। अब लंच का समय सवा एक से सवा दो तक रहेगा। फुलकोर्ट के इस निर्णय से वर्षों की कोर्ट टाइमिंग की पुरानी प्रथा बदल दी गयी है।

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