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Firozabad News: जहां कभी डकैत करते थे पूजा, आज उमड़ता है आस्था का सैलाब, जानिए क्या है मान्यता
Firozabad News: कभी डकैतों का मंदिर कहे जाने वाले देवी मां के मंदिर पर आज हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ होती है। जहां कभी गोलियों की गड़गड़ाहट सुनाई देती थी, अब वहां आस्था की घंटियों की घनघनाहट सुनाई देती है।
Firozabad News: कभी डकैतों का मंदिर कहे जाने वाले देवी मां के मंदिर पर आज हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ होती है। जहां कभी गोलियों की गड़गड़ाहट सुनाई देती थी, अब वहां आस्था की घंटियों की घनघनाहट सुनाई देती है। जिस बीहड़ में लोग जाने से डरते थे, आज वहां श्रद्धालुओं का मेला लगता है। खासकर, नवरात्रि के दिनों में यहां प्रतिदिन हजारों भक्त आ रहे हैं और देवी मां की स्तुति करके अपनी मनोकामना का वरदान मांग रहे हैं।
बीहड़ में है देवी मां का चमत्कारिक मंदिर
फिरोजाबाद जिले के थाना मटसेना क्षेत्र जमुना की खादर में बना देवी मंदिर अति प्राचीन है। इस मंदिर को पूर्व में डकैतों की देवी कहा जाता था। इस मंदिर के पास सिकहरा अलाहलादपुर (सौरभ की घड़ी) गांव है। इस मंदिर पर पहले लोग जाने में डरते थे, क्योंकि बीहड़ होने के कारण यहां आसपास काफी डकैत गिरोह मौजूद रहते थे। मंदिर तक जाने को कोई रास्ता नहीं था, बस यमुना के पास एक छोटी मेढ़ थी। ऐसे में ज्यादातर लोग इस मंदिर में दर्शन करने की इच्छा पूरी नहीं कर पाते थे।
फायरिंग के आवाजें थीं आम बात
स्थानीय ग्रामीण बताते हैं कि तब यह क्षेत्र दस्यु प्रभावित था। यहां कभी डकैतों गिरोहों की आपस में तो कभी पुलिस मुठभेड़ के दौरान गोलियां चलती रहती थीं। ऐसे में मंदिर जाना श्रद्धालुओं की हिम्मत की बात नहीं रह जाती थी।
अब लगता है मेला
बीहड़ में देवी मां के इस मंदिर को चमत्कारिक मंदिर माना जाता है। यहां तक कहा जाता है कि मनुष्य पर देवी मां के वरदान का ही नतीजा है कि कुछ दस्यु सरगना तक यहां लंबे वक़्त तक जीवित रह सके। इलाके के दस्यु मुक्त होने और सड़क आदि बन जाने पर अब यहां खासकर नवरात्रि में बड़ा मेला लगता है। प्रतिदिन सैकड़ों लोग दर्शन के लिए आते हैं। अपनी मन्नतें मंगाते हैं और देवी मां को प्रतिदिन नेजा (झंडा) चढ़ाया जाता है। अब आसपास के जिलों के अलावा अन्य प्रदेशों से भी श्रद्धालु यहां आते हैं। श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या के मद्देनजर यहां पुलिस बल भी तैनात रहता है।
ये कहना है मंदिर के पुजारी का
मंदिर के पुजारी ऋषिकान्त ने बताया कि देवी मां डकैतों तक की सुरक्षा करती थीं, इसलिए इन्हें डकैतों की माता कहते हैं। यहां माता सभी की रक्षा करती हैं, यहां माता की शक्ति कांगड़ा से आई है।
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