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लोहिया अस्पताल के सहायक अभियंता गैर इरादतन हत्या के मामले में हुए तलब
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आनंद प्रकाश सिंह ने डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के प्रशासन व सहायक अभियंता (सिविल) प्रमोद कुमार सिंह को गैर इरादतन हत्या करने के आरोप में बतौर अभियुक्त मुकदमें के विचारण के लिए तलब किया है।
लखनऊ: मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आनंद प्रकाश सिंह ने डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के प्रशासन व सहायक अभियंता (सिविल) प्रमोद कुमार सिंह को गैर इरादतन हत्या करने के आरोप में बतौर अभियुक्त मुकदमें के विचारण के लिए तलब किया है।
कोर्ट ने अभियुक्तों को समन भेजने का आदेश देते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए 12 जनवरी की तारीख तय की है। कोर्ट ने इसके साथ ही परिवादी राम किशुन को भी निर्देश दिया है कि वह हफ्ते भर में अपने गवाहों की सूची दाखिल करे।
कोर्ट ने यह आदेश राम किशुन के परिवाद पर संज्ञान लेते हुए दिया है। परिवादी राम किशुन का आरोप है कि 10 जनवरी, 2018 से उसके पिता का इलाज डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में चल रहा था। 13 जनवरी को उसके पिता शौचालय गए। लेकिन अंदर दरवाजा नहीं था। जिसके चलते उसके पिता गिरकर तीसरी मंजिल से सीधे नीचे आ गए।
जब उसके पिता के चिल्लाने की आवाज आयी, तो वह नीचे गया और डक्ट का दरवाजा तोड़कर उन्हें बाहर निकाला। उसके पिता को आईसीयू में भेज दिया गया। अगले दिन सुबह उनकी मौत हो गईं। यह घटना अखबारों में भी प्रकाशित हुई। 17 जनवरी, 2018 को वह एफआईआर के लिए थाने गया। लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई।
उसके पास मार्च में अस्पताल से एक जांच आख्या भेजी गई। जिसमें इंजीनियर को निलंबित करने की बात थी लेकिन कोई दंडात्मक कार्यवाही नहीं हुई। जबकि डक्ट में पिछले तीन साल से दरवाज नहीं था। इस घटना के पांच दिन बाद दरवाजा लगाया गया।
परिवादी ने आरोप लगाया कि उसके पिता की गैर इरादतन हत्या कारित की गयी है लिहाजा इस मामले में विपक्षीगणों को तलब कर दंडित किया जाए। परिवाद में इन दोनों अभियुक्तों के अलावा सीएमओ को भी विपक्षी पक्षकार बनाया गया था। लेकिन अदालत ने इस मामले में प्रथम दृष्टया उनके खिलाफ किसी अपराध का बनना नहीं पाया।
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