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काजी की लोगों से अपील, न निकालें ताजियों का जुलूस, सरकार के निर्देशों का करें पालन
इस्लामी नए साल की शुरुआत मुहर्रम के महीने से होती है। ये महीना बड़ा ही अज़मत वाला महीना है।
औरैया: इस्लामी नए साल की शुरुआत मुहर्रम के महीने से होती है। ये महीना बड़ा ही अज़मत वाला महीना है। इसी महीने में पैग़म्बर मुहम्मद साहब के नवासे हज़रत इमाम हुसैन ने इस्लाम की आबरू और इज़्ज़त बचाने तथा शरीयत की हिफाज़त करने की ख़ातिर कर्बला के मैदान में मुहर्रम की। 10 तारीख को अपने खानदान के 72 लोगों की शहादत पेश की इस वजह से ये महीना अज़मत के साथ ग़म का भी महीना भी है।
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बेसहारा लोगों की दिल खोलकर मदद करें
गुरुवार को काज़ी शहर औरैया सैयद गुलाम अब्दुस्समद मियां चिश्ती ने इस महीने के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि ये महीना हमें मज़हब-ए- इस्लाम की खातिर अपना तन, मन, धन कुर्बान करने का पैग़ाम देता है। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को चाहिए इस मुबारक महीने में इन मुक़द्दस शोहदा के ईसाल सवाब के लिए ज़्यादा से ज़्यादा क़ुरान ख़्वानी और ज़िक्र ख़ैर करें और ग़रीबों, यतीमों और बेसहारा लोगों की दिल खोलकर मदद करें और उन्हें खाना खिलायें।
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उन्होंने कहा कि इस वक़्त दुनिया मे एक खतरनाक बीमारी कोरोना वायरस के चलते सरकार ने मुल्क में एक गाइड लाइन जारी की है। जिसका उन्होंने मुल्क के तमाम लोगों से सख्ती से अमल करने की अपील की है और खासतौर पर मुहर्रम के पर्व को लेकर मुल्क के तमाम मुसलमानों से ये अपील की है कि गलियों और बाजारों में भीड़ जमा न करें और मुल्क के हालत को देखते हुए सरकार ने जो निर्देश दिये हैं उनका पालन करें।
इस साल मुल्क के हालात को मद्देनजर रखते हुए मुहर्रम पर ताज़िया और अलम का जुलूस न निकालें। इससे परहेज़ करें और इस अज़मत वाले महीने में मुल्क के लिए और पूरी दुनिया के लोगों के लिए इस बीमारी के प्रकोप से बचने की दुआ करें।
रिपोर्टर प्रवेश चतुर्वेदी औरैया
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