'द्रुत व विलंबित लय में पैरों की थिरकन से गुलजार हुई अवध की शाम

इन सारी प्रस्तुतियों में तबला पर अरुण भट्ट, हारमोनियम व गायन पं. धर्मनाथ मिश्र, सारंगी पर पं. विनोद मिश्र, पखावज पर दिनेश प्रसाद और मंजीरा पर डा. अलका यादव ने संगत की। वहीं कार्यक्रम का संचालन राजेन्द्र विश्वकर्मा ने किया।

Shivakant Shukla
Published on: 15 March 2019 8:47 PM IST
द्रुत व विलंबित लय में पैरों की थिरकन से गुलजार हुई अवध की शाम
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शाश्वत मिश्रा

लखनऊ: उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी एवं कथक केन्द्र द्वारा आयोजित कथक रंग से अवध की शाम गुलजार हुई।

शुक्रवार को गोमती नगर स्थित सन्त गाडगे महाराज प्रेक्षागृह में पद्मविभूषण बिरजू महाराज की शिष्या काजल शर्मा एवं उनके द्वारा तीन दिवस की कार्यशाला में प्रशिक्षित छात्राओं ने मनोहारी भाव नृत्य प्रस्तुत किये।

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कार्यक्रम की शुरुआत काजल शर्मा ने सरस्वती वन्दना ‘या कुन्देन्दुतुषारहार धवला’ से की। इसके बाद उन्होंने परम्परागत कथक नृत्य में थाट, उठान, परन, आमद के साथ ही होली के अलग अलग भाव रंग प्रस्तुत किये। ‘रंग डारुंगी नन्द के लालन पे’ व अन्य गीतों पर प्रस्तुत नृत्य से दर्शक होली के रंगों से सराबोर हो उठे। उन्होंने द्रुत व विलम्बित लय में पैरों की थिरकन की बेहतरीन प्रस्तुति भी दी। कथक कार्यशाला में प्रशिक्षित छात्राओं ने ‘नमन’ तथा ‘रास’ शाीर्षक नृत्य प्रस्तुतियां दीं।

पद्मविभूषण बिरजू महाराज निर्देशित संगीत व काजल शर्मा निर्देशित नृत्य प्रस्तुहित में अंकिता, हर्षित, अदिति, रुबल, इशिका, अन्तरा, अनन्या, मैत्रेयी, परी, श्रेया, गौरी, शताक्षी, मिशिका, सुनन्दना, वैष्णवी, सृष्टि, शिवानी, राशि, अग्रणी, ओमिशा, नम्रता, अंशिका, आकृति, निहारिका, प्रीति, मनीषा आदि ने प्रस्तुति दी।

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इस मौके पर प्रोड्यूसर तरुण राज ने बताया,'कि उ. प्र. संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार प्राप्त काजल शर्मा मूलतः आगरा की हैं, किन्तु लम्बे अर्से से विदेशों में कथक का प्रचार प्रसार कर रही हैं, उन्होंने अकादमी के अनुरोध पर लखनऊ में तीन दिवस की कार्यशाला का निर्देशन किया और प्रशिक्षणार्थियों को नृत्य की बारीकियां सिखायीं।'

इन सारी प्रस्तुतियों में तबला पर अरुण भट्ट, हारमोनियम व गायन पं. धर्मनाथ मिश्र, सारंगी पर पं. विनोद मिश्र, पखावज पर दिनेश प्रसाद और मंजीरा पर डा. अलका यादव ने संगत की। वहीं कार्यक्रम का संचालन राजेन्द्र विश्वकर्मा ने किया।

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