फार्मेसिस्ट का DG हेल्थ पर बड़ा आरोप: 'CM, स्वास्थ्य मंत्री व शासन के आदेशों को नहीं मान रहे, 23 दिसंबर को स्वास्थ्य भवन के बाहर प्रदर्शन

Lucknow: डिप्लोमा फार्मेसिस्ट एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संदीप बडोला व महामंत्री उमेश मिश्रा ने महानिदेशक को पत्र लिखकर चेतावनी दी है कि 23 दिसंबर 2021 को महानिदेशालय के कार्यालय के समक्ष संगठन के पदाधिकारी एवं सदस्य अनशन पर बैठेंगे।

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Newstrack Newstrack - NetworkPublished By Deepak Kumar
Published on: 21 Dec 2021 10:41 PM IST
Diploma Pharmacist Association Uttar Pradesh
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डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन उत्तर प्रदेश। (Social Media) 

Lucknow: पिछले दिनों पूरे उत्तर प्रदेश में फार्मेसिस्टों (Pharmacists in Uttar Pradesh) ने अपनी 20 सूत्रीय मांगों को लेकर 2 घंटे कार्य बहिष्कार कर प्रदर्शन किया था। जिसके बाद, डिप्लोमा फार्मेसिस्ट एसोसिएशन (यूपी) और शासन के अधिकारियों के बीच बैठकर इस बात पर सहमति बनी कि महानिदेशालय स्तर की मांगों को पूरा किया जाए। जिसके मद्देनजर, अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद (Additional Chief Secretary Amit Mohan Prasad) द्वारा महानिदेशक को निर्देश भी दिए गए थे। लेकिन, अभी तक महानिदेशक की तरफ से इन मुद्दों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। न ही किसी तरह का आदेश जारी किया गया है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए डिप्लोमा फार्मेसिस्ट एसोसिएशन (Diploma Pharmacist Association) ने आमरण अनशन का ऐलान कर दिया है।

आमरण अनशन पर बैठेंगे संदीप बडोला

मंगलवार को डिप्लोमा फार्मेसिस्ट एसोसिएशन (Diploma Pharmacist Association) के प्रदेश अध्यक्ष संदीप बडोला (State President Sandeep Badola) व महामंत्री उमेश मिश्रा (General Secretary Umesh Mishra) ने महानिदेशक को पत्र लिखकर चेतावनी दी है कि 23 दिसंबर 2021 को महानिदेशालय के कार्यालय के समक्ष संगठन के पदाधिकारी एवं सदस्य अनशन पर बैठेंगे। वहीं, यदि मांगे पूरी न हुई तो, 24 दिसंबर 2021 को अनशन को आमरण अनशन में परिवर्तित कर संगठन के प्रदेश अध्यक्ष संदीप बडोला आमरण अनशन प्रारंभ कर देंगे।

महानिदेशक कर रहे हैं टाल-मटोल

प्रदेश अध्यक्ष संदीप बडोला (State President Sandeep Badola) ने बताया कि "अपर मुख्य सचिव द्वारा महानिदेशालय स्तर की मांगों को पूरा करने के लिए महानिदेशक को निर्देशित किया गया था। इसके पश्चात महानिदेशक द्वारा लिखित में जारी की गई अपील पर डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन द्वारा अपने आंदोलन को वापस ले लिया गया। 16 दिसंबर, 2021 से आज तक संघ के पदाधिकारी महानिदेशालय स्तर की मांगों को पूरा कर आदेश जारी करने की मांग महानिदेशक से करते रहे। लेकिन, महानिदेशक द्वारा लगातार टालमटोल का रवैया अपनाया जा रहा है।"

महानिदेशालय स्तर से पूरी होने वाली मांगों को शासन भेजा जा रहा

संदीप बडोला (State President Sandeep Badola) ने बताया कि "जिन मांगो पर महानिदेशालय स्तर से आदेश जारी होने हैं, उन मांगों को भी पुनः शासन को प्रेषित करने की कार्यवाही महानिदेशक द्वारा की जा रही है। जबकि, वार्ता में अपर मुख्य सचिव द्वारा महानिदेशक को निर्देश दिए गए थे कि महानिदेशालय स्तर की मांगों को शासन हेतु संदर्भित न किया जाए।"

महानिदेशालय स्तर से इन मांगों को किया जा सकता है पूरा

डीपीए के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि "सर्जिकल स्टोरों का चार्ज फार्मेसिस्ट को दिए जाने के पूर्व के आदेशों का जनपदों में कड़ाई से अनुपालन करने के निर्देश महानिदेशालय से जारी नहीं किये जा रहे हैं। अधिकृत-अनाधिकृत के विषय पर स्पष्टीकरण जारी नही किया जा रहा है। पोस्टमार्टम भत्ता ₹40 से ₹100 करने का करने का प्रस्ताव शासन भेजने की कार्यवाही महाविद्यालय स्तर से नहीं की जा रही है। प्रदेश में प्रभारी अधिकारी फार्मेसी के लगभग 67 पद रिक्त हैं, लेकिन महानिदेशालय द्वारा मात्र 30 पदों पर पदोन्नति की कार्यवाही की जा रही है। इसी प्रकार प्रदेश में चीफ फार्मेसिस्ट के लगभग ढाई सौ से अधिक पद रिक्त हैं, मग़र महानिदेशालय द्वारा मात्र 130 पदों पर पदोन्नति करने की कार्यवाही की जा रही है।"

महानिदेशालय की मंशा ठीक नहीं

संदीप बडोला (State President Sandeep Badola) ने कहा कि "16 दिसंबर को अपर मुख्य सचिव की उपस्थिति में सम्पन्न हुई वार्ता में बनी सहमति की कार्यवृति महानिदेशक द्वारा जारी नहीं की जा रही है, जिससे स्पष्ट प्रतीत होता है कि महानिदेशालय की मंशा सही नहीं है। वह शासन को और संगठन को गुमराह कर रहा है।" उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री एवं शासन के आदेशों के बाद भी रिक्त पदों पर पदोन्नति की प्रक्रिया में हीला-हवाली की जा रही है। अनेकों छोटी-छोटी समस्याओं का निराकरण नहीं किया जा रहा है, जिस कारण संवर्ग में रोष व्याप्त है। उन्होंने कहा, यदि महानिदेशालय का रवैया नहीं सुधरा तो पुनः पूरे प्रदेश के फार्मेसिस्टों को अनिश्चितकालीन हड़ताल के लिए भी मजबूर होना पड़ सकता है।

ये रहे मौजूद

इस मौके पर प्रदेश संयुक्त मंत्री देवेंद्र कटारा, प्रदेश कोषाध्यक्ष अजय कुमार पांडे, संरक्षक आरएनडी द्विवेदी, एसएन त्रिपाठी, सुशील त्रिपाठी और लखनऊ के जिला मंत्री अखिल सिंह, संजीव शर्मा, विवेक श्रीवास्तव, रविन्द्र शर्मा, शंकर पटेल, रजनीश गौतम, अनिल श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।

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