TRENDING TAGS :
Medanta: कोविड के दौरान हुई सर्जरी, 4 हृदय रोगियों की बचाई जान
मेदांता में हृदय रोगियों की जटिलतम सर्जरी कर उन्हें नया जीवन दिया गया...
मेदांता में 4 हृदय रोगियों की बचाई जान
लखनऊ: मेदांता हॉस्पिटल (Medanta Hospital) स्थापना के समय से ही के बेहतर इलाज की उम्मीद पर खरा उतरा है। मेदांता में हृदय रोगियों की जटिलतम सर्जरी कर उन्हें नया जीवन दिया गया। मेदांता के कार्डिओ थोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी विभाग के डायरेक्टर और विश्वविख्यात सर्जन डॉ. गौरंगा मजूमदार ने अब तक हजारों दिल के रोगियों की सफल हार्ट सर्जरी कर उनको नया जीवन दिया है। डॉ. गौरंगा दुनिया के उन सर्जनों में से हैं, जो टोटल आर्टेरिअल ग्राफ्ट लगा कर बाई पास करते है।
डॉ. गौरंगा मजूमदार के नेतृत्व में उनकी टीम के सदस्यों डॉ. शशांक त्रिपाठी, डॉ. मनोज कुमार और कार्डियक एनेस्थेटिस्ट डॉ. मुजाहिद वजीदी ने बताया कि चार ऐसे केस थे जो बहुत खराब कंडीशन में थे, लेकिन उन्होंने समय रहते मेदांता अस्पताल पहुंचकर इलाज कराया, जिसके बाद उन्हें नया जीवन मिला।
केस 1: 54 वर्षीय पुरुष जिन्हें लगतार खून की उल्टियां हो रही थीं, इमरजेंसी की हालत में मेदांता अस्पताल लाया गया। जांच करने पर यह पता चला कि वह एक बड़े पैमाने पर थोरैसिक अर्ट्रिक एन्युरिज्म से पीड़ित थे, जो कि बाएं फेफड़े में लीक हो रहा था और उससे हेमोप्टाइसिस हो रहा था। वह कोरोनरी धमनी की बीमारी से भी पीड़ित थे। डॉ. मजूमदार की टीम ने तत्काल संयुक्त रूप से फट चुके अर्ट्रिक महाधमनी एन्युरिज्म का इलाज शुरू किया और कोरोनरी धमनी बाईपास सर्जरी की। ऑपरेशन के बाद मरीज को गंभीर निमोनिया के चलते स्थिति अच्छी नहीं थी। लेकिन अब 5 महीने लगतार फॉलोअप के बाद वे अब पूरी तरह से स्वस्थ हैं।
डीओआरवी वीएसडी पीएस सर्जरी
केस 2: 3 साल का बच्चा जन्मजात हृदय रोग (ब्लू बेबी सिंड्रोम) से पीड़ित था। बच्चे का प्लेटलेट्स काउंट 28000 था, जबकि सामान्य काउंट 1.5-4.5 लाख होता है। ओपन हार्ट सर्जरी के लिए कार्डियोपल्मोनरी बाईपास की आवश्यकता होती है, कम से कम 1 लाख की गिनती वांछित है नहीं तो सर्जरी के दौरान या बाद में रक्तस्राव की जटिलताओं के।चलते रोगी की मौत का खतरा होता है। बच्चे को डीओआरवी वीएसडी पीएस सर्जरी कर उसे रिपेयर किया गया। उसकी स्थिति सामान्य होने पर सर्जरी के सातवें दिन छुट्टी दे दी गई। यह अपने आप हृदय रोग का जटिलतम मामला था, जो सामान्य तौर पर कम ही देखने को मिलता है।
मिनिमली इनवेसिव एओर्टिक वॉल्व रिप्लेसमेंट सर्जरी
केस 3: 27 वर्षीय युवक को सांस लेने में तकलीफ और तेज दिल धड़कन की शिकायत थी। वह मेदांता अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचा था। उनकी जांच की गई और पाया गया कि उनके हृदय का एक आर्टरी वाल्व बुरी तरह से खराब है, जो हृदय की क्रियाशीलता को खत्म कर रहा था और दिल के आकार के बड़े होने का कारण बन रहा था। उनकी सर्जरी के लिए छाती की हड्डी को काटे बिना मिनिमली इनवेसिव एओर्टिक वॉल्व रिप्लेसमेंट सर्जरी करवाई गई। यह मिनी एवीआर सर्जरी कम दर्द वाली होती है। रक्तस्राव, संक्रमण की कम संभावना, अस्पताल के सर्जरी के बाद न के बराबर रुकने, अच्छे कॉस्मेटिक परिणाम और सामान्य जीवन में तेजी से वापसी प्रदान करता है।
काटे बिना निकाला ट्यूमर
केस 4: 30 साल का एक युवा शिक्षक के हार्ट की कैविटी के अंदर एक बड़ा ट्यूमर विकसित हो चुका था। उनकी जान बचाने और इस खतरनाक ट्यूमर को हटाने के लिए तत्काल हार्ट सर्जरी की आवश्यकता थी। यह हृदय ऑपरेशन 20-25 सेमी लंबे त्वचा चीरा और सीने की हड्डी को विभाजित करने के बाद हृदय तक पहुंच बनाने के बाद किया जाता है। इनके सीने की हड्डी को काटे बिना, छाती में 6 सेमी की त्वचा के छोटे चीरे के माध्यम से ट्यूमर हटाने के लिए सर्जरी की।
डीजीएम अमित पाठक ने दी बधाई
अस्पताल के डिप्टी जनरल मैनेजर अमित पाठक ने कहा कि 'मैं डॉ गौरंगा मजूमदार की कार्य करने की क्षमता से वाकिफ हूं। वह हर मरीज को पूरी शिद्दत से देखते हैं। अपना पूरा समय देते हैं। जो कि एक पेशेंट को संतुष्ट करता है।'
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!