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UP Election: मिशन 2022 के लिए BJP का नया प्रयोग, यादवों पर नजर, 'नेताजी' से हुई शुरुआत!
UP Election 2022 : उत्तर प्रदेश में कुल मतदाताओं के 40 प्रतिशत से अधिक ओबीसी मतदाता हैं, इनमें, गैर-यादव ओबीसी मतदाता लगभग 34 प्रतिशत है।
मुलायम सिंह और स्वतंत्र देव सिंह (Photo Twitter)
UP Election 2022 : उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारियों जोरों पर हैं। देश का सबसे बड़ा सूबा 2022 में नई सरकार चुनने के लिए तैयार हो रहा है। सभी राजनीतिक दल इसके लिए अपनी-अपनी रणनीति बनाने और प्रचार प्रसार शुरू कर चुके हैं। सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच अभी कड़ा मुकाबला होना तय माना जा रहा है। लेकिन बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस के साथ तमाम छोटी पार्टियां भी 2022 के दंगल में उतरने के लिए कमर कस चुकी हैं। सबसे पहले बात गद्दी पर काबिज भाजपा की करें तो वह अपनी परखनली में ओबीसी वोट बैंक के साथ समाजवादी पार्टी के सबसे मजबूत वोट बैंक यादवों पर प्रयोग कर रही है।
मुलायम सिंह से मिले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष
वैसे भाजपा ओबीसी जातियों को साधने के लिए बूथ स्तर पर कार्यक्रम आयोजित कर अपने ओबीसी नेताओं को जिम्मेदारी सौंप चुकी है। लेकिन अब उसकी खास नजर अखिलेश के सबसे मजबूत वोटरों पर है, जिसकी शुरुआत बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने की है। बीते सोमवार को सपा के सबसे बड़े नेता मुलायम सिंह यादव से मिलने स्वतंत्रदेव उनके घर पहुंचते हैं। हालांकि यह मुलाकात पूर्व सीएम स्वर्गीय कल्याण सिंह की श्रद्धांजलि सभा के लिए निमंत्रण देने के तौर पर हुई थी लेकिन इसके कई मायने है। जो हम आपको तस्वीरों के जरिए दिखाएंगे और समझाएंगे भी। जिससे अंदाजा हो जाएगा कि भाजपा यादवों को कैसे साध रही है।
नीचे दिख रही इस तस्वीर को आप देखिए जो भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने खुद ट्वीट किया है। वैसे इन दिनों प्रदेश भर में भाजपा बूथ स्तर पर कार्यक्रम आयोजित कर अपने कार्यकर्ताओं को चुनाव के लिए तैयार कर रही है। लेकिन भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने लखनऊ के ग्वारी गांव के बूथ अध्यक्ष गौरव यादव, मनोज यादव, आकाश यादव, अजीत यादव और उनके परिजनों से मुलाकात कर उनके सम्मान की फोटो अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर की हैं।
वैसे तो बूथ को मजबूत करने का यह कार्यक्रम प्रदेश के सभी जिलों में चल रहा है। लेकिन खासकर यादव बिरादरी के कार्यकर्ता की तस्वीर शेयर करना बड़ा संदेश दे रही है। हालांकि सपा की यादव वोट बैंक पर मजबूत पकड़ है। लेकिन 2022 के लिए अब भाजपा उसमें सेंधमारी का दांव खेलना शुरू कर दिया है। जो वह 2017 और 2019 के चुनाव में ओबीसी की अन्य जातियों के साथ आजमा चुकी है।
सुनील बंसल ने भी किया ट्टीट
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश संगठन महामंत्री सुनील बंसल ने भी ऐसी ही एक तस्वीर अपने अकाउंट पर शेयर की है। जिसमें बीजेपी मंडल दरगाह, शक्ति केंद्र सिकरीकोल बूथ संख्या 186 नुरुलाहपुर देवारा के कार्यकर्ता अश्वनी यादव अपने साथियों के साथ भरे पानी को पार कर बूथ सत्यापन का कार्य करा रहे हैं। सुनील बंसल ने उनकी तारीफ की है।
31 अगस्त से 8 सितंबर तक भाजपा का सम्मेलन
ओबीसी जातियों को रिझाने के लिए भाजपा ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र कश्यप को जिम्मेदारी सौंपी है। इसके लिए पार्टी ने 32 टीमों का गठन किया है। ये टीमें सभी 75 जिलों में 6 क्षेत्रों में अभियान चलाएंगी। इसके माध्यम से लोगों को सरकार की योजनाओं के बारे में जानकारी दी जाएगी। इस बैठक की शुरुआत 31 अगस्त यानि आज से पश्चिमी यूपी के मेरठ जिले से शुरूआत हो चुकी है। इसके बाद 2 सितंबर को अयोध्या, 3 सितंबर को कानपुर, 4 सितंबर को मथुरा और 8 सितंबर को वाराणसी में होगी। इस कार्यक्रम के जरिए भाजपा लोगों को संसद के मानसून सत्र में पारित हुए ओबीसी विधेयक के बारे में बताएगी, जो अब कानून का रूप ले चुका है। इसके अलावा, भाजपा मेडिकल शिक्षा में ओबीसी के लिए आरक्षण के साथ-साथ केंद्रीय मंत्रिमंडल में समुदाय के 27 मंत्रियों को शामिल करने के बारे में भी लोगों को बताएगी।
ओबीसी वोट बैंक पर क्यों है भाजपा की नजर?
दरअसल, उत्तर प्रदेश में कुल मतदाताओं के 40 प्रतिशत से अधिक ओबीसी मतदाता हैं, इनमें, गैर-यादव ओबीसी मतदाता लगभग 34 प्रतिशत है। ऐसे में भाजपा ओबीसी वोट बैंक को अपने पाले से छिटकने नहीं देना चाहती। इसीलिए भाजपा ओबीसी मोर्चा ने राज्य भर में संगठनात्मक कार्यों की निगरानी के लिए तीन टीमों का गठन किया है।
बीजेपी प्रवक्ता का क्या है कहना?
वहीं, स्वतंत्रदेव सिंह के ट्वीट पर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता आलोक वर्मा कहते हैं कि 'भारतीय जनता पार्टी सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास में यकीन करती है. सियासत में हम समीकरणों पर भरोसा नहीं करते, देश हमारे लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है और जो देश को आगे ले जाने की चाहत रखते हैं वो सब बीजेपी के सिपाही हैं'।
सपा प्रवक्ता का बीजेपी पर निशाना
वहीं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता कपीश श्रीवास्तव ने बीजेपी के ओबीसी कार्ड पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की बातों पर यकीन कौन करेगा, क्योंकि 2017 के चुनाव में भी इन्होंने ओबीसी कार्ड खेला था। मुख्यमंत्री क्षत्रिय बिरादरी का बना दिया, जो ओबीसी के अधिकारों के साथ अत्याचार कर रहा है। उन्होंने 69 हजार शिक्षक भर्ती में आरक्षण घोटाले का मुद्दा उठाते हुए स्वतंत्रदेव सिंह से भी सवाल पूछा। कपीश श्रीवास्तव ने कहा कि यहीं है आपका ओबीसी प्रेम, उन्होंने की देश और प्रदेश की जनता जान चुकी है अब बीजेपी उन्हें भ्रमित नहीं कर सकती है।
सपा ने भी ब्राह्मण नेताओं को मैदान में उतारा
बसपा की तर्ज पर सपा ने ब्राह्मणों को साधने के लिए यूपी के सभी जिलों में प्रबुद्ध सम्मेलन शुरू कर दिया है। इसका आगाज सपा ने पूर्वांचल के बलिया और मऊ किया। बीते 25 अगस्त से शुरू हुआ यह सम्मेलन 5 सितंबर तक चलेगा। जिसमें जौनपुर, प्रतापगढ़, सिद्धार्थनगर, महाराजगंज गोंडा, श्रावस्ती, देवरिया, वाराणसी और गोरखपुर में यह सम्मेलन आयोजित किये जा रहे हैं। पूर्वांचल के बाद पश्चिम उत्तर प्रदेश के जिलों में भी सपा ब्राह्मणों को जोड़ने के लिए प्रबुद्ध सम्मेलन आयोजित करेगी। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ब्राह्मणों को सपा से जोड़ने की जिम्मेदारी पार्टी के ब्राह्मण नेता पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय, पूर्व कैबिनेट मंत्री, अभिषेक मिश्रा, पूर्व मंत्री मनोज पांडेय, पूर्व विधायक सनातन पांडेय और संतोष पांडेय की पांच सदस्यीय टीम को सौंपी है।
बसपा का प्रबुद्ध सम्मेलन
यूपी चुनाव से पहले ही भाजपा ही नहीं बल्कि सभी दल वोटरों को लुभाने में लगे हैं, बसपा पिछले एक महीने से ब्राह्मण सम्मेलन कर रही है। मायावती ने इसकी जिम्मेदारी अपने सबसे खास सतीश चंद्र मिश्रा को सौंप रखा है। वह प्रदेश भर में दौरा कर प्रबुद्ध सम्मेलन कर बसपा को मजबूत करने में लगे हैं। बसपा 2007 की तरह ब्राह्मणों को रिझाने में लगी है। जिसके लिए ही प्रबुद्ध सम्मेलन किए जा रहे हैं। सितंबर महीने के लिए बहुजन समाज पार्टी ने अपना कार्यक्रम जारी कर दिया है। एक से चार सितंबर तक सतीश चंद्र मिश्रा पूर्वांचल के कई जिलों में सम्मेलन को ब्राह्मणों को बीएसपी से जोड़ने का काम करेंगे।
1 से 4 सितंबर तक कार्यक्रम
बीएसपी महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा एक से चार सितंबर के बीच श्रावस्ती, बलरामपुर, देवरिया, कुशीनगर, गोरखपुर, महराजगंज, बस्ती, संतकबीरनगर में प्रबुद्ध सम्मेलन करेंगे। इसके बाद कानपुर और फतेहपुर में भी यह सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।
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