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UP Election: प्रियंका गांधी ने लखीमपुर की रितु को पार्टी में किया शामिल, जानिए यहां का पूरा सियासी समीकरण
प्रियंका गांधी वाड्रा हर छोटी बड़ी चीजों की मॉनिटरिंग कर अपनी पार्टी को मजबूत बनाने की हर मुमकिन कोशिश कर रही हैं।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (फोटो-न्यूजट्रैक)
UP Election: यूपी विधानसभा चुनाव की तैयारियों मे जुटीं प्रियंका गांधी वाड्रा हर छोटी बड़ी चीजों की मॉनिटरिंग कर अपनी पार्टी को मजबूत बनाने की हर मुमकिन कोशिश कर रही हैं। 9 सितंबर को लखनऊ दौरे पर पहुंचीं प्रियंका गांधी ने दो दिनों की मैराथन बैठक में संगठन की नब्ज को टटोल कर चुनाव की रणनीति और प्रत्याशियों के चयन के फॉर्मूले को तय कर दिया है। शनिवार शाम प्रियंका ने एक और दांव चलकर मीडिया की सुर्खियां बटोर ली।
लखीमपुर की रितु सिंह कांग्रेस में शामिल
शनिवार को कांग्रेस कार्यालय पर पहुंचीं लखीमपुर की रितु सिंह को प्रिंयका गांधी ने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता दिलाई। इस दौरान लखीमपुर खीरी से आए नेताओं के साथ बैठक कर प्रियंका ने चुनाव तैयारियों का जायजा भी लिया। प्रियंका ने लखीमपुर के नेताओं के साथ जो फोटो खिंचवाई उसमें रितु सिंह भी मौजूद थीं। अब कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रियंका उन्हें विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी भी बना सकती हैं। क्योंकि वह सपा के टिकट पर ब्लॉक प्रमुख का चुनाव लड़ चुकी हैं और बीजेपी कार्यकर्ताओं द्वारा की गई बदसलूकी के बाद वह काफी चर्चा में आईं थी। इस घटना के बाद प्रियंका ने उनसे मुलाकात की थी और अब वह उनके साथ हैं।
लखीमपुर खीरी का सियासी समीकरण
क्षेत्रफल के हिसाब से यूपी का सबसे बड़े जिले लखीमपुर खीरी में लोकसभा की दो सीटें हैं, पहली खीरी और दूसरी धौरहरा इन दोनों लोकसभा क्षेत्रों में विधानसभा की कुल आठ सीटें आती हैं। जिसमें
1. 137–पलिया
2. 138–निघासन
3. 139–गोला
4. 140–श्रीनगर
5. 141–धौरहरा
6. 142–लखीमपुर
7. 143–कसता
8. 144–मोहम्मदी
कुल मतदाता-1757055
पुरुष-939949
महिला-8170067
थर्ड जेंडर-48
लोकसभा खीरी का जातीय समीकरण
मुसलमान- करीब 17 फीसदी
अनुसूचित जाति- करीब 22 फीसदी
ओबीसी- करीब 25 फीसदी
ब्राह्मण- करीब 14 फीसदी
क्षत्रिय- करीब 4 फीसदी
अन्य-जाति करीब 18 फीसदी
1962 में बना दो संसदीय क्षेत्र
वर्ष 1962 में हुए तीसरे परिसीमन में खीरी जिले में दो संसदीय क्षेत्रों खीरी और शाहाबाद का गठन हुआ। इसमें खीरी में खीरी जिले के पांच विधानसभा क्षेत्र निघासन, धौरहरा, लखीमपुर, पैला और श्रीनगर शामिल थे, जबकि शाहाबाद क्षेत्र में खीरी जिले की हैदराबाद और मोहम्मदी सीटों के साथ हरदोई जिले के तीन विधानसभा क्षेत्र शामिल थे। लोकसभा सीटों की यह स्थिति वर्ष 2004 के चुनाव तक रही। वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव के पहले हुए नए परिसीमन में खीरी जिले में सात के बजाय आठ विधानसभा क्षेत्र बने और दो संसदीय सीटें बनाई गईं, खीरी और धौरहरा।
खीरी से बीजेपी के अजय मिश्र उर्फ टोनी हैं सांसद
अजय मिश्र खीरी संसदीय सीट से दूसरी बार सांसद हैं। 2014 में वह मोदी लहर में जीतकर संसद पहुंच थे। 2019 में दोबारा सांसद चुने गए। कुछ महीने पहले हुए मोदी कैबिनेट विस्तार में उन्हें राज्य मंत्री भी बनाया गया है। निघासन इलाके के रहने वाले अजय मिश्र यहां से साल 2012 में विधायक रह चुके हैं। उन्हें सांसद चुने जाने के बाद सितंबर 2014 में ग्रामीण विकास की स्थायी समिति का सदस्य बनाया गया था। खीरी संसदीय क्षेत्र में पलिया, निघासन, गोला, श्रीनगर और लखीमपुर विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं।
धौरहरा से रेखा वर्मा हैं सांसद
धौरहरा लोकसभा सीट पर 2014 के चुनाव में BJP की रेखा ने यह सीट हासिल की थी। उन्हें 3,60,357 वोट मिले थे। यह सीट सन 2008 में अस्तित्व में आई थी, पहली बार इस सीट पर सन 2009 में चुनाव हुआ था, जिसमें कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। उसके बाद सन 2014 और 2019 के चुनाव में यहां बीजेपी जीती। धौरहरा लोकसभा क्षेत्र में खीरी जिले के धौरहरा, कस्ता और मोहम्मदी विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। साथ ही सीतापुर जिले के हरगांव और महोली विधानसभा क्षेत्र भी धौरहरा लोकसभा क्षेत्र से जुड़े हैं।
खीरी में सबसे ज्यादा बार कांग्रेस के सांसद
1952 में रामेश्वर प्रसाद नेवटिया कांग्रेस से
1957 कुंवर खुशवक्त राय प्रजातांत्रिक सोशलिस्ट पार्टी से
1962 बालगोविंद वर्मा कांग्रेस से
1967-71 तक कुंवर खुशवक्त राय प्रजातांत्रिक सोशलिस्ट पार्टी से
1977 में सूरत बहादुर शाह
1980 में बालगोविंद वर्मा कांग्रेस से जीत हासिल की
शपथ ग्रहण से पूर्व उनका निधन हो गया फिर उनकी पत्नी उषा वर्मा ने जीत हासिल की।
1984-89 तक उषा वर्मा कांग्रेस से
1991 गेंदन लाल कनौजिया भाजपा से
1996 में गेंदनलाल कनौजिया भाजपा से
1999 में रवि वर्मा सपा से
2000 में रवि वर्मा सपा से
2009 में जफ़र अली नकवी कांग्रेस से
2014-2019 में अजय मिश्रा भाजपा से
क्षेत्रफल में यूपी का सबसे बड़ा जिला
लखीमपुर उत्तर प्रदेश में क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा जिला है। खीरी दुधवा नेशनल पार्क के लिए प्रसिद्ध है। यहां बड़ी संख्या में दुर्लभ और लुप्तप्राय वन्य प्रजातियां हैं, जिनमें बाघ, तेंदुआ, गैंडा आदि शामिल हैं। खीरी तराई में है लिहाजा यह कई नदियों के साथ प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध है। शारदा, गोमती, घाघरा जैसी कई नदियां यहां से होकर बहती हैं जिनकी कई सहायक नदियां भी हैं। नेपाल की सीमा से सटा यह क्षेत्र शाहजहांपुर, पीलीभीत, बहराइच और हरदोई जिलों के साथ अपनी सीमाएं साझा करता है। लखीमपुर खीरी का ऐतिहासिक महत्व भी है।
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