नोएडा में बनेगा यूपी का पहला मेडिकल डिवाइस पार्क, मिलेगा रोजगार

उत्तर प्रदेश देश के दवा उत्पादन या चिकित्सकीय काम में प्रयोग आने वाले उपकरणों का हब बनेगा...

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Newstrack Newstrack - NetworkPublished By Ragini Sinha
Published on: 13 Aug 2021 10:43 PM IST
medical device park built in noida
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नोएडा में बनेगा यूपी का पहला मेडिकल डिवाइस पार्क ( social media)

लखनऊ। आने वालों सालों में उत्तर प्रदेश (यूपी) देश के दवा उत्पादन या चिकित्सकीय काम में प्रयोग आने वाले उपकरणों का हब बनेगा। इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल ने अब तेजी पकड़ ली है। इसके तहत उत्तर प्रदेश का पहला और उत्तर भारत का सबसे बड़ा मेडिकल डिवाइस पार्क यमुना एक्सप्रेसवे विकास प्राधिकरण (यीडा) के एरिया में बनाया जाएगा। यीडा ने इसके लिए गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) के सेक्टर-28 में 350 एकड़ जमीन तय कर दी है। इस मेडिकल डिवाइस पार्क में इनक्यूबेशन सेंटर भी बनाया जाएगा। यह सेंटर पांच एकड़ में बनेगा। इस सेंटर से स्टार्टअप कंपनियों को फायदा मिलेगा। इनक्यूबेशन सेंटर के लिए यीडा ने आईआईटी कानपुर से अनुबंध किया है। दो चरणों में बनाए जाने वाले मेडिकल डिवाइस पार्क के जरिए 5,250 करोड़ रुपए का निवेश होगा और 20 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा।

भारतीय दवा उद्योग का दुनिया में तीसरा नंबर है

गौरतलब है कि भारतीय दवा उद्योग का दुनिया में तीसरा नंबर है। इसके बावजूद तमाम दवाओं के कच्चे माल के लिए भारत चीन पर निर्भर है। कुछ दवाओं के कच्चे माल के संदर्भ में तो यह निर्भरता 80 से 100 फीसद तक है। कोरोना के संक्रमण की शुरूआत हुई तो स्वाभाविक रूप से कच्चे माल का संकट भी हुआ। लिहाजा नीति आयोग, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और केंद्र के संबंधित विभागों ने तय किया कि क्यों ने देश को दवाओं और चिकित्सकीय उपकरणों के क्षेत्र में आत्म निर्भर बनाने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए देश में ही फार्मा और फार्मा उपकरण बनाने वाले पार्क बनाए जाएं। इस सोच के तहत ही केंद्र सरकार ने देश में चार मेडिकल डिवाइस पार्क बनाने का निर्णय लिया। इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ और नोएडा में ऐसे पार्क बनाने की स्वीकृति प्रदान करने केंद्र सरकार को पर लिखा। इस पत्र में मुख्यमंत्री ने लिखा था कि मेडिकल डिवाइस पार्क के निर्माण के लिए लखनऊ और नोयडा बिल्कुल उपयुक्त हैं। लखनऊ में केंद्र के चार दवा अनुसंधान केंद्र हैं। इनके शोध का स्तर बेहद स्तरीय है। इनके द्वारा कई रोगों की उच्च कोटि की दवाएं और चिकित्सकीय उपकरण बनाए भी जा रहे हैं। इसके अलावा गौतमबुद्ध नगर नोएडा का शुमार देश के विकसित औद्यौगिक क्षेत्रों में होता है। वहां जेवर में अंतराष्ट्रीय ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बन जाने से निर्यात भी आसान हो जाएगा। सरकार की नई औद्योगिक और फार्मा नीति भी निवेशकों के बेहद मुफीद है। लिहाजा उप्र को दो बल्क ड्रग्स या मेडिकल डिवाइस पार्क आवंटित करने का कष्ट करें। केंद्र सरकार यूपी में जिस मेडिकल डिवाइस पार्क की स्थापना को अनुमति देगी उसे केंद्र सरकार से करीब 100 करोड़ रुपये का अनुदान मिलेगा। इसके अलावा यूपी की इंवेस्टर फ्रेंडली नीतियों के चलते देशी तथा विदेशी कंपनियां यूपी के मेडिकल डिवाइस पार्क में निवेश करने में रूचि लेंगी।

नोएडा में भूमि मेडिकल डिवाइस पार्क बनाने ले लिए चिन्हित की गई

इस सोच के तहत यूपी में मेडिकल डिवाइस पार्क की स्थापना को लेकर सरकार ने अपने प्रयास जारी रखे। जिसके तहत नोएडा के सेक्टर-28 में 350 एकड़ भूमि मेडिकल डिवाइस पार्क बनाने ले लिए चिन्हित की गई। इस भूमि पर मेडिकल डिवाइस पार्क दो चरणों में विकसित किया जाएगा। यहां प्लॉट के बजाय तैयार शेड उद्योगों को आवंटित किए जाएंगे। ताकि शीघ्र इकाई लगाकर मेडिकल उपकरणों का उत्पादन किया जा सके। पहले चरण में 125 एकड़ में शेड बनाकर उद्योगों को आवंटित किए जाएंगे। दूसरे चरण में भी 225 एकड़ एरिया में यही योजना आएगी। विशाखापत्तनम में इसी तरह के मेडिकल डिवाइस पार्क बना है। यीडा के अधिकारियों ने विशाखापत्तनम के मेडिकल डिवाइस पार्क का कुछ माह पूर्व दौरा भी किया था। वहां की बारीकियों को देखा और अब यहां पर उनको अमल में लाया जाएगा। इसी क्रम में प्राधिकरण ने हैदराबाद के कलाम इंस्टिट्यूट से मेडिकल डिवाइस पार्क की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनवाई है। अब उसी के आधार पर उत्तर प्रदेश का पहला मेडिकल डिवाइस पार्क बनाने की तैयारी है।

मेडिकल डिवाइस पार्क में इनक्यूबेशन सेंटर बनाएगा

इस पार्क की एक ख़ास बात यह भी है कि नोएडा के मेडिकल डिवाइस पार्क में इनक्यूबेशन सेंटर बनाएगा। प्राधिकरण ने कानपुर आईआईटी को इसके लिए अनुबंध किया है। ताकि नई तकनीक का आदान-प्रदान हो सके। मेडिकल डिवाइस पार्क में आने वाली स्टार्टअप कंपनियों को भी फायदा मिलेगा। इससे दो फायदे होंगे। पहला इनक्यूबेशन सेंटर और समृद्ध होगा। दूसरा स्टार्टअप कंपनियों को कानपुर आईआईटी से सहयोग मिल सकेगा। प्राधिकरण ने इसकी कार्य योजना तैयार कर ली है। इसके अलावा यीडा मेडिकल डिवाइस पार्क में कॉमन फैसिलिटी सेंटर भी विकसित करेगा। इसमें यहां आने वाली कंपनियों के लिए तमाम सुविधाएं दी जाएंगी। एक ही छत के नीचे कंपनियों को उनकी जरूरत के मुताबिक सुविधाएं मिलेंगी। कुल मिलाकर सेक्टर-28 में बनाया जाने वाले इस मडिकल डिवाइस पार्क की खूबियों के चलते हेल्थ सेक्टर में कार्यरत संसार की विख्यात कंपनियां यहां निवेश करने के लिए आगे आएंगी। यीडा के अधिकारी यह दावा कर रहें हैं।

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