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Ayodhya Deepotsav 2022 : राम की पैड़ी पर दीये सजाने का काम पूरा, नियत समय एक साथ जगमगाएंगे

23 अक्टूबर को दीपोत्सव के दिन सुबह 09 बजे से वालंटियर्स द्वारा 37 घाटों पर बिछाये गये 17 लाख दीए में तेल डालने के साथ बाती लगाई जाएगी। देर शाम उन्हें प्रज्वलित किया जायेगा।

NathBux Singh
Published on: 22 Oct 2022 1:44 PM GMT
ayodhya deepotsav 2022 work of decorating the lamps at ram ki paidi is completed
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Ayodhya Deepotsava 2022 के लिए दीये सजाने का काम पूरा

Ayodhya Deepotsav 2022 : अयोध्या दीपोत्सव की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। इसी कड़ी में अवध विश्वविद्यालय के वालंटियर्स ने शनिवार (22 अक्टूबर 2022) को राम की पैड़ी पर दीये बिछाने के काम को अंतिम रूप दिया। 22 हजार वालंटियर्स ने दीये बिछाने का कार्य पूर्ण किया। दीपोत्सव 2022 को भव्य एवं ऐतिहासिक बनाने के लिए विश्वविद्यालय ने 37 घाटों पर 200 से अधिक समन्वयक, ग्रुप लीडर व प्रभारी नियुक्त किए हैं। दीपोत्सव के दिन 22 हजार वालंटियर्स के सहयोग से 17 लाख दीप प्रज्वलित होंगे।

गिनीज बुक की टीम ने गिने दीये

शनिवार दोपहर 3 बजे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Guinness Book of World Records) की टीम के सदस्यों ने कैमरे से हर घाट के दीयों की गणना शुरू की। जो रात तक पूर्ण हो जायेगी। दीपोत्सव भव्य बनाने के लिए 16 गुणा 16 दीये का ब्लॉक बनाया गया है, जिसमें 256 दीए लगाये गये हैं। दूसरी ओर, घाट संख्या- 10 पर रामायणकालीन प्रसंग को उकेरा गया है। इसमें भी दीये बिछाये गये हैं। एक वालंटियर को 85 से 90 दीए जलाने का लक्ष्य दिया गया।


23 अक्टूबर को दीयों में डाले जाएंगे तेल

23 अक्टूबर को दीपोत्सव के दिन सुबह 09 बजे से वालंटियर्स द्वारा 37 घाटों पर बिछाये गये 17 लाख दीए में तेल डालने के साथ बाती लगाई जाएगी। देर शाम सरकार द्वारा नियत समय पर उन्हें प्रज्वलित किया जायेगा। सभी घाटों पर दीये लगाने का काम पूरा हो चुका है। घाटों पर दीपोत्सव पहचान-पत्र के बिना प्रवेश नहीं दिया जा रहा है।


दीपदान निर्माण में राष्ट्रीय पक्षी मोर को चित्रित किया

डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र एवं ग्रामीण विकास विभाग तथा फाइन आर्ट्स विभाग के संयुक्त तत्वावधान में दीपोत्सव-2022 को भव्य बनाने के लिए चल रही पांच दिवसीय कलात्मक चित्रण एवं रंगोली प्रशिक्षण कार्यशाला में छात्र-छात्राओं द्वारा भव्य दीपदान के निर्माण में राष्ट्रीय पक्षी मोर के स्वरूप को चित्रित किया गया। दीपोत्सव स्थल पर मुख्य मंच पर प्रज्जवलित होने वाला यह दीप अपने आप में एक व्यापक संदेश देगा। चित्रण कार्यशाला की आयोजन सचिव सरिता सिंह एवं आशीष प्रजापति ने बताया कि अनुप्रयोज्य सामग्रियों जिसमें लकड़ी, मिट्टी, फेवीकोल, पुवाल एवं रंग आदि का प्रयोग करते हुए आकर्षक चित्रण कार्य किया गया है।

कार्यशाला की संयोजिका फाईन आर्ट्स विभाग की डॉ. सरिता द्विवेदी ने बताया कि निर्मित होने वाला इस दीप की प्रमुख विशेषता स्वदेशी तकनीक रही है, जिसमें अध्ययनरत छात्र-छात्राओं द्वारा स्वतः सोच की प्रवृत्ति के आधार पर स्वरूप को चित्रित किया गया है। साथ ही मूर्ति कला के छात्र-छात्राओं द्वारा प्रभु श्रीराम के परिवार की प्रतिमा का आकर्षक निर्माण किया जा चुका है जोकि राम की पैड़ी पर मुख्य मंच के सामने स्थापित होगी।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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