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राम नगरी पहुंचे प्रमुख सचिव आवास, मुख्यमंत्री के विजन डॉक्यूमेंट पर चल रहा काम
राम नगरी पहुंचे प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री के विजन डॉक्यूमेंट पर काम चल रहा है।
इंटरनेशनल कंसलटेंट ली एसोसिएट बना रही अयोध्या का विजन डॉक्यूमेंट
Ayodhya News: राम नगरी पहुंचे प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री के विजन डॉक्यूमेंट पर काम चल रहा है। विभिन्न विभागों द्वारा अलग अलग कार्य किया जा रहा है । टूरिस्ट बढ़ाने, कल्चर से जोड़कर देखने का, इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाए जाने की भी योजना है।
इंटरनेशनल कंसलटेंट ली एसोसिएट बना रही अयोध्या का विजन डॉक्यूमेंट। एलएनटी और कुकरेजा आर्किटेक्ट कर रहा सहयोग। 27 परियोजनाओं की एक लिस्ट दे चुकी है ली एसोसिएट। 27 में से 10 का बनाएंगे डिटेल प्रोजेक्ट। सड़क, रिवर फ्रंट, घाटों के जीर्णोद्धार,बस स्टैंड,पार्किंग सुविधाएं व अयोध्या की एंट्री प्वाइंट पर गेट बनाने का भी काम।
एक नई सिटी की बन रही परिकल्पना। सरकार 3 गांव में जमीन कर रही अधिग्रहण। अयोध्या के सीमावर्ती जिले बस्ती व गोंडा के भी जमीनों पर नजर। अयोध्या के विकास से गोंडा और बस्ती को कैसे जोड़ा जा सकता है इस पर भी हुई चर्चा- दीपक कुमार प्रमुख सचिव आवास। प्रमुख सचिव आवास के साथ हाउसिंग बोर्ड के आयुक्त अजय चौहान, आवास विकास के विशेष सचिव डॉ नीरज शुक्ला व अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह भी रहे साथ।
श्री राम एयरपोर्ट के विस्तारीकरण को लेकर प्रशासन ने भेजा किसानों को भेजा नोटिस
श्री राम एयरपोर्ट के विस्तारीकरण को लेकर ग्राम सभा धर्मपुर,गंजा के किसानों को 5 मार्च 2021 को जिला प्रशासन के द्वारा एक नोटिस दिया गया, जिसमें कहा गया *रिट याचिका संख्या 19226(एम/बी0)/2020 त्रिलोकी यादव बनाम स्टेट ऑफ यूपी पारित आदेश दिनांक 19 जनवरी 2021 को आदेशित किया गया है की अगर किसान सहमति से जमीन नहीं देते हैं तो भूमि अधिग्रहण बिल 2013 के अंतर्गत जमीन ली जाये।
कोर्ट के आदेश को मानते हुए जिला प्रशासन सहमति से जमीन ना देने वाले किसानों को 5 मार्च 2021 को नोटिस दिया और कहा कि यदि आप लोग सहमति से बैनामा नहीं करते हैं तो आप का मुआवजा शहरी क्षेत्र का दोगुना दर से 7 दिन बाद भूमि अधिग्रहण बिल 2013 के अंतर्गत जमीन ली जाएगी।
नोटिस दिए लगभग 2 महीने बीत जाने के बाद भी भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया नहीं कि जाने पर किसानों में बहुत रोष है। उनका कहना है कि नोटिस देने के बाद आखिर उनकी जमीन क्यों नहीं अधिग्रहण की जा रही है। किसानों का आरोप है कि उनकी जमीन प्रशासन जबरन सहमति करा कर लेना चाहते हैं। यह विधिक प्रक्रिया नहीं है,अगर जमीन लेना है तो अधिग्रहण की प्रक्रिया की जाए। किसानों का कहना है कि अधिग्रहण में उनको जो भी मुआवजा मिलेगा उन्हें स्वीकार है।
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