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तय किया राजगीर से महामहिम तक का सफर
फागू चौहान का जन्म आजमगढ़ के शेखपुरा में एक जनवरी, 1948 को हुआ था। उनके पिता का नाम खरपत्तु चौहान है। उनकी पत्नी का नाम मुहारी देवी है। उनके तीन लड़के और चार लड़कियां हैं। पिछड़ी जाति से आनेवाले फागू चौहान वर्ष 1985 में पहली बार दलित किसान मजदूर पार्टी से घोसी विधानसभा से विधायक बने।
आजमगढ़: बिहार के राज्यपाल नियुक्त किए गये फागू चौहान ने राजगीर से महामहिम तक का सफर तय किया है। उनके पिता भी किसान होने के साथ राजगीर ही थे। जिले के शेखपुरा गांव के रहने वाले मऊ के भाजपा विधायक फागू चौहान के मनोनयन की खबर जिले में आते ही हर्ष व्याप्त हो गया।
छह बार विधायक रहे फागू चौहान बिहार के नये राज्यपाल होंगे
जगह-जगह मिठाइयां बांटी जाने लगी और उनके पैतृक गांव पर आतिशबाजी भी की गयी। पारिवारिक सदस्यों को बधाई देने वालों का ताता लग गया। सभी ने उनको परिपक्व राजनीतिज्ञ बताया और कहा कि देश की सरकार ने यह फैसला लेकर यह साबित कर दिया है कि यह सर्व समाज की सरकार है तथा कोई भी व्यक्ति अपनी प्रतिभा के बूते पर सर्वोच्च पद पर पहुंच सकता है।
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अपनी कार्यशैली की वजह से फागू चौहान हमेशा चर्चाओं में रहे हैं। कई राज्यों के राज्यपाल बदले जाने पर राष्ट्रपति ने मुहर लगा दी है।
राष्ट्रपति भवन द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक फागू चौहान बिहार के नये राज्यपाल होंगे। साथ ही कहा गया है कि पदभार ग्रहण करने के दिन से उनकी नियुक्ति प्रभावी मानी जायेगी। उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग के चेयरमैन व मऊ जिले के घोसी विधानसभा से छह बार विधायक रहे फागू चौहान बिहार के नये राज्यपाल होंगे।
जनता दल के टिकट पर 1991 में विधायक चुने गये
फागू चौहान का जन्म आजमगढ़ के शेखपुरा में एक जनवरी, 1948 को हुआ था। उनके पिता का नाम खरपत्तु चौहान है। उनकी पत्नी का नाम मुहारी देवी है। उनके तीन लड़के और चार लड़कियां हैं। पिछड़ी जाति से आनेवाले फागू चौहान वर्ष 1985 में पहली बार दलित किसान मजदूर पार्टी से घोसी विधानसभा से विधायक बने। इसके बाद वह जनता दल के टिकट पर 1991 में विधायक चुने गये। वर्ष 1996 और 2002 में वह बीजेपी के टिकट पर विधानसभा पहुंचे। इसके बाद वह बहुजन समाज पार्टी में चले गये और बसपा के टिकट पर वर्ष 2007 में घोसी विधानसभा की सीट से विजयी हुए।
वह वर्ष 2017 में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े और जीत दर्ज की। उत्तर प्रदेश में पिछड़ी जाति का बीजेपी में बड़ा चेहरा होने के कारण उन्हें उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग का चेयरमैन भी बनाया गया।
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फर्श से अर्श तक का सफर तय किए फागू
मामूली किसान परिवार में पैदा हुए फागू चौहान ने फर्श से अर्श तक का सफर तय किया। आम आदमी की तरह से उन्होंने भी तंगिशें झेली और इन तंगिशों के बीच समाज के आखिरी पायदान पर मौजूद लोगों के लिए संघर्ष करते रहे। इसी का नतीजा रहा कि देश की मोदी सरकार के प्रस्ताव पर राष्टï्रपति की ओर से उनको बिहार का राज्यपाल नियुक्त किया गया है।
जिले का लाल फिर बना राज्यपाल
जिले का लाल फिर राज्यपाल बना है। इसे लेकर इस जिले के लोग फूले नहीं समा रहे हैं। इसके पहले इस जिले के आंधीपुर गांव के रहने वाले यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री राम नरेश यादव को मध्य प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया था। उनके निधन के बाद अब इस जिले के शेखपुरा गांव के रहने वाले फागूचौहान को बिहार का राज्यपाल बनाया गया है। इस जिले की माटी में उन्होंने लम्बा संघर्ष किया।
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उनके संघर्ष के दिनों के तमाम साथी अभी भी विभिन्न राजनैतिक दलों में मौजूद हैं। उन सभी लोगों को इस बात की खुशी है कि उनके एक साथी को राज्यपाल नियुक्त किया गया है। यही वजह है कि वह लोग सीधे फागू चौहान को बधाइयां दे रहे हैं और वह इस उपलब्धि पर अपने साथियों के प्रति कृतज्ञता जाहिर कर रहे हैं।
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