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Ballia News: ‘दयालु’ ने किया स्वामी प्रसाद पर जुबानी हमला, कहा- ‘अपने पूर्वजों से पूछें धर्म’
Ballia News: सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयान कि हिन्दू नाम का कोई धर्म नहीं है, हिन्दू धर्म सिर्फ धोखा है, इसपर उत्तर प्रदेश सरकार के मन्त्री दया शंकर मिश्र दयालु ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य जी को अपने पूर्वजों से पूछना चाहिए उनका धर्म है कि नहीं है।
Ballia News: सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयान कि हिन्दू नाम का कोई धर्म नहीं है, हिन्दू धर्म सिर्फ धोखा है, इसपर उत्तर प्रदेश सरकार के मन्त्री दया शंकर मिश्र दयालु ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य जी को अपने पूर्वजों से पूछना चाहिए उनका धर्म है कि नहीं है। उत्तर प्रदेश सरकार के आयुष मन्त्री दया शंकर मिश्र दयालु ने सोमवार को बलिया के पीडब्लूडी के डाक बंगले में पत्रकारों से बात करते हुए सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के हिन्दू धर्म को लेकर दिए गए बयान पर जोरदार जुबानी हमला किया। कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य को अपने पूर्वजों से पूछना चाहिए कि उनका धर्म है कि नहीं है। उनके माता-पिता का धर्म क्या था। उनके बाबा-दादी, नाना-नानी, भाई-बहन समाज का धर्म क्या था और है।
किसी को धर्म के बारे में ऐसा कहने का अधिकार नहीं
दया शंकर मिश्र दयालु ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने इसके पहले रामचरित मानस के चौपाई की आलोचना किया था तो समाज ने उनको जबाब दे दिया था। आज उन्होंने अपने धर्म पर आवाज उठा दी। ये एक सौ चालीस करोड़ भारत वासियों का देश है, जिसमें सौ करोड़ से ज्यादे हिन्दू रहते हैं। दुनिया के तमाम देशों में या संसार का ऐसा कोई देश नहीं है जहां हिन्दू धर्म को मानने वाले लोग न रहते हों। बगल में नेपाल है जो दुनिया का एकलौता हिन्दू राष्ट्र था। जब पूरे संसार में हिन्दुओं कि संख्या बढ़ रही है, ऐसे में किसी व्यक्ति को हिन्दू और हिन्दू धर्म के बारे में कहने का अधिकार नहीं है। किस मकसद से स्वामी प्रसाद मौर्य ने ये कमेंट पास किया है, वही जानते है।
स्वामी प्रसाद मौर्या आज भी हिन्दू है। उन्होंने धर्म छोड़ा नहीं है लेकिन उसकी आलोचना वो कर रहे हैं, ये बहुत ओछी बात है। स्वामी प्रसाद मौर्या राजनीति के दौर में बहुत पीछे छूट चुके है और अकेले पड़ चुके हैं। जिसके साथ खड़े है वहां असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, इसलिए इस तरह कि बातें उनके मुंह से निकल रही हैं। हिंदुस्तान का जो हिन्दू धर्म है ये दुनिया के सारे लोगों के लिए एक आदर्श धर्म है। अन्य धर्मो में फतवा और देश निकाला हो जाता है। आज ब्राम्हणवाद को गाली देने वाले लोग हाशिये पर हैं। इस देश में ऐसा नहीं करना चाहिए, अगर ऐसा करते हैं तो निश्चित रूप से निंदनीय है।
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