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Banda News: गुरु पूर्णिमा पर्व में खलल बना बिजली पानी महकमों का रवैया
Banda News: बिजली विभाग ने 5 से 8 बजे तक कटौती की घोषणा में सुबह या शाम का स्पष्ट उल्लेख न कर लापरवाह रवैया दर्शाया है। जबकि जल संस्थान ने कटौती के नियमित जलापूर्ति जारी रखकर दोनों महकमों में तालमेल की कमी को उजागर किया है।
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Banda News: बिजली पानी महकमों के रवैए ने गुरु पूर्णिमा पर्व में खासा खलल डाला। दोनों महकमों में तालमेल की कमी ने लोगों के उत्साह को झल्लाहट में बदल दिया। बिजली विभाग ने तीन घंटे कटौती की घोषणा पर रविवार सबेरे अमल किया। जबकि जल संस्थान ने इस दौरान नियमित जलापूर्ति जारी रखी। लेकिन जरूरत भर पानी जुटाने को मोटरों पर निर्भर लोग हाथ मलते रह गए। सबेरे-सबेरे नहा धोकर गुरु पूजन की तैयारियों पर पानी फिर गया।जैसे-जैसे जरूरत भर पानी जुगाड़ने के बीच लोगों ने कहा, बिजली विभाग ने 5 से 8 बजे तक कटौती की घोषणा में सुबह या शाम का स्पष्ट उल्लेख न कर लापरवाह रवैया दर्शाया है। जबकि जल संस्थान ने कटौती के नियमित जलापूर्ति जारी रखकर दोनों महकमों में तालमेल की कमी को उजागर किया है। जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को महकमों के रवैए का संज्ञान लेकर सही और सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।
बिजली कटौती की घोषणा में सुबह या शाम बताने से चूका महकमा
बिजली विभाग ने रविवार को तीन घंटे की बिजली कटौती का विधिवत ऐलान किया था। प्रेस विज्ञप्ति में अनुरक्षण कार्य का हवाला देकर शहरी और ग्रामीण उपभोक्ताओं को 5 से 8 बजे तक बिजली आपूर्ति बाधित रहने की जानकारी दी गई थी। लेकिन यह कटौती सुबह या शाम कब होगी, इसे स्पष्ट करना जरूरी नहीं समझा गया। इससे लोग भ्रमित हुए। लोगों ने भ्रम निवारण के लिए महकमे के लोगों से संपर्क भी साधा। लेकिन त्रुटि सुधार के लिए आगे आने के बजाय बिजली महकमा चुप्पी साधे रहा।
बिजली गुल होने से धरी रह गईं सुबह-सुबह नहा धोकर पर्व मनाने की तैयारियां
अमूमन लोग तीन घंटे की बिजली कटौती की घोषणा पर शाम को अमल का अनुमान लगाकर उससे निपटने का मन बनाए थे। लेकिन रविवार तड़के से ही गुरु पूर्णिमा पर्व की तैयारियों में लगे लोगों को झटका लगा, जब बिजली गुल हो गई। कटौती की घोषणा पर अमल सामने आया। इसी दौरान जल संस्थान ने नियमित जलापूर्ति भी जारी रखी। लेकिन जरूरत भर पानी जुटाने के लिए मोटरों के मोहताज लोग बिजली कटौती से लाचार बने रहे। सुबह सुबह नहा धोकर गुरु पूजन की तैयारियों में खलल पड़ने से लोगों ने दोनों महकमों को जमकर कोसा और सवाल भी उठाए।
जिला अधिवक्ता संघ के पूर्व अध्यक्ष जीतू बोले, महकमों में सामंजस्य की कमी
जिला अधिवक्ता संघ के पूर्व अध्यक्ष अशोक त्रिपाठी जीतू ने कहा, बिजली और पानी लोगों की मूलभूत जरूरतें हैं। वैसे भी पूरे चुनाव भर बिजली महकमे का नकारेपन ने लोगों को बहुत रुलाया है। इसका असर चुनाव परिणाम में भी महसूस किया जाता है। लेकिन बिजली इंजीनियरों से इतनी उम्मीद तो की ही जाती है कि कटौती की अवधि को लेकर दिवस या अवसर विशेष का ध्यान रखा जाए। ध्यान रखा जाता तो गुरु पूर्णिमा पर सुबह की बिजली कटौती से बचा जा सकता था। सवाल है कि क्या बिजली कटौती घोषणा से क्या जल संस्थान वाकिफ था। यदि हां तो उसे रूटीन जलापूर्ति के बजाय तीन घंटे की बिजली कटौती के बाद जलापूर्ति करनी चाहिए थी। और यदि नहीं तो यह जल संस्थान और बिजली विभाग में तालमेल की कमी दर्शाता है। इस ओर जिला प्रशासन के साथ ही जनप्रतिनिधियों को भी ध्यान देने की जरूरत है।
जलशक्ति राज्यमंत्री रामकेश निषाद से इस बाबत संपर्क नहीं हो पाया। लेकिन विदेश में मौजूद बांदा सदर विधायक प्रकाश द्विवेदी ने फोन पर न्यूज ट्रैक से कहा, जल्द ही स्वदेश लौटकर इस दिशा में ठोस कदम उठाएंगे। बिजली कटौती की टाइमिंग का स्पष्टता से उल्लेख सुनिश्चित कराया जाएगा। तालमेल को लेकर दोनों महकमों के नटवोल्ट भी कसेंगे। DM से बात करेंगे और जरूरी हुआ तो CM को भी बताएंगे। पानी बिजली की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित कराना उनका संकल्प है। और इसकी सिद्धि के लिए वह किसी भी हद तक जाएंगे।
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