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Barabanki: बाराबंकी जेल अधीक्षक और डिप्टी जेलर समेत चार हुए सस्पेंड, कारागार मंत्री ने की बड़ी कार्रवाई
Barabanki Latest News: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिला कारागार के जेल अधीक्षक, डिप्टी जेलर सहित दो जेल वार्डर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए सभी को सस्पेंड कर दिया गया है।
बाराबंकी जेल अधीक्षक और डिप्टी जेलर समेत चार हुए सस्पेंड।
Barabanki News Today: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिला कारागार के जेल अधीक्षक, डिप्टी जेलर सहित दो जेल वार्डर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए सभी को सस्पेंड कर दिया गया है। यह कार्रवाई बाराबंकी जिले की रामनगर विधानसभा सीट से नि. विधायक शरद कुमार अवस्थी की शिकायत के बाद जेल मंत्री के निरीक्षण के बाद की गई है। दरअसल जेल मंत्री धर्मवीर प्रजापति को बाराबंकी जिला कारागार के औचक निरीक्षण के दौरान कई खामियां मिली थीं। इस दौरान उन्होंने कैदियों को दिया जाने वाला भोजन खुद भी खाया और अधिकारियों को भी खिलाया था। वहीं खाने की गुणवत्ता गड़बड़ मिलने के बाद जेल के अफसरों पर मंत्री ने कार्रवाई की है।
विधायक शरद कुमार अवस्थी ने शासन से की थी शिकायत
दरअसल बाराबंकी जिले की रामनगर विधानसभा सीट से नि. विधायक शरद कुमार अवस्थी ने शासन से शिकायत की थी कि जिला कारागार बाराबंकी के अंदर कैदियों से हाता के नाम पर पच्चीस हजार रुपये घूस के नाम पर लिये जाते हैं। इसके अलावा जेल अधीक्षक का सीयूजी नंबर कभी उठता नहीं। उन्होंने आरोप लगाया था कि जेल अधीक्षक हरिबख्श सिंह सपा के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं। इन्हीं शिकायतों पर जेल मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मवीर प्रजापति ने जिला कारागार बाराबंकी का औचक निरीक्षण किया था। करीब डेढ़ घंटे तक चले निरीक्षण में मंत्री ने तमाम शिकायतों की जांच की और बंदियों को दिए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता भी जांची, जो बेहद खराब मिली थी।
गुणवत्ता विहीन भोजन के मामले में 4 निलंबित
नि. विधायक शरद कुमार अवस्थी की शिकायतों और बाराबंकी जिला कारागार में बंदियों को दिए जाने वाले गुणवत्ता विहीन भोजन के मामले में जेल अधीक्षक हरिबख्श सिंह (Jail Superintendent Haribakhsh Singh) सहित चार को निलंबित कर दिया गया है। निलंबित किए जाने वालों में डिप्टी जेलर आशुतोष मिश्रा, हेड जेल वार्डर राजेश भारती, जेल वार्डर सुरेश कुमार भी शामिल हैं। जानकारी के मुताबिक निरीक्षण के दौरान जेल में मंत्री ने दाल चखी तो पतली होने के साथ ही उसमें कंकड़ भी निकले। भोजनालय और भंडार गृह में अव्यवस्था व गंदगी भी मंत्री ने देखी। ऐसी चीजें भी बंदियों को बाजार से खरीदकर खिलाने की बात अभिलेखों में पाई गईं, जिनका स्वाद तक बंदियों को नहीं मिला।
साथ ही कोरोना काल में बंदियों को विटामिन सी की कमी न होने पाए इसके लिए नींबू और संतरा जैसे फल भी देने की सलाह चिकित्सकों ने दी थी। इसका फायदा उठाकर जेल के अधिकारियों ने इनकी खरीद तब ज्यादा दिखाई जब कीमतें ज्यादा थीं। वहीं मंत्री को कुछ बंदियों ने बताया था कि महिला बंदियों और उनके बच्चों को दिए जाने वाले पौष्टिक आहार उन्हें न देकर जेलकर्मी खुद ही अपने घर उठा ले जाते हैं। वहीं जेल की कैंटीन में भी बंदियों को निर्धारित मूल्य से डेढ़ दो गुना दाम पर सामान मिलता है। इसके अलावा परिजनों से मिलाई के नाम पर वसूली की भी बात सामने आईं। जिसके बाद मंत्री ने यह कार्रवाई की है।
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