Barabanki: वक्फ कानून से क्या होंगे नुकसान, बाराबंकी के मुस्लिमों ने बताई विरोध की असल वजह

Barabanki: मुसलमानों का कहना है कि वह भी भारत के वासी हैं। वह यहीं पैदा हुए यहीं बड़े हुए और यही मरेंगे। उसके बाद भी सरकार उनसे भेदभाव कर रही है जो कि सरासर गलत है।

Sarfaraz Warsi
Published on: 16 April 2025 2:09 PM IST
barabanki news
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Barabanki News: वक्फ कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने जा रही है। दरअसल मुस्लिम संगठनों और विपक्षी दलों द्वारा इस कानून का विरोध हो रहा है और उसके विरोध में सुप्रीम कोर्ट में दस से ज्यादा याचिकाएं भी दाखिल हो चुकी हैं। बाराबंकी के तमाम मुस्लिमों ने भी इस कानून की कमियां बताएं।

उनका आरोप है कि इस बिल के बाद सरकार मुस्लिम संपत्तियों को जब्त कर लेगी। इनका भी मानना है कि कई जमीनें जिनपर मस्जिद या कब्रिस्तान बने हैं, हजारों साल पुरानी हैं और उनके वैध दस्तावेज मौजूद नहीं हैं। ऐसे में इन संपत्तियों पर सरकार कब्जा कर सकती है। मुसलमानों का कहना है कि वह भी भारत के वासी हैं। वह यहीं पैदा हुए यहीं बड़े हुए और यही मरेंगे। उसके बाद भी सरकार उनसे भेदभाव कर रही है जो कि सरासर गलत है।

मुस्लिमों का कहना है कि वक्फ संशोधन कानून केवल एक कानूनी दस्तावेज नहीं, बल्कि हमारी धार्मिक, शैक्षणिक और सांस्कृतिक पहचान पर हमला है। उन्होंने कहा कि बेहद चालाकी के साथ चेरिटेबल ट्रस्ट को वक्फ की परिभाषा से बाहर कर दिया गया है। वक्फ पूरी तरह से मुसलमानों का धार्मिक मामला है। वे सरकार को इस बात की इजाजत नहीं देंगे कि वे उनके धार्मिक मामलों में दखलअंदाजी करें। संविधान मुसलमानों को इस बात की इजाजत देता है कि वे अपने धर्म के अनुसार आचरण करें।

मुस्लिमों का कहना है कि बिल का सबसे विवादास्पद पहलू स्वामित्व नियमों में परिवर्तन है, जिसका प्रभाव बोर्ड के स्वामित्व वाली ऐतिहासिक मस्जिदों, दरगाहों और कब्रिस्तानों पर पड़ेगा। इनमें से कई संपत्तियां हैं जिनका उपयोग मुस्लिम लोग पीढ़ियों से कर रहे हैं। उनके पास औपचारिक दस्तावेजीकरण का अभाव है, क्योंकि इन्हें दशकों या सदियों पहले मौखिक रूप से या बिना किसी कानूनी रिकॉर्ड के दान कर दिया गया था।

ऐसे में इन संपत्तियों का भविष्य खतरे में आ गया है। इससे कई ऐतिहासिक दरगाहें और मस्जिदें खतरे में पड़ जाएंगी। मुस्लिमों का आरोप है कि यह बिल मुसलमानों के धार्मिक और संवैधानिक अधिकारों के लिए खतरा है। वक्फ संपत्तियां कोई सरकारी संपत्ति नहीं बल्कि धार्मिक ट्रस्ट की हैं और अब इस कानून का बहाने हमारी स्वायत्तता को छीनने की कोशिश की जा रही है।

Shishumanjali kharwar

Shishumanjali kharwar

कंटेंट राइटर

मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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