भाजपा के मन का कर रही हैं मायावती, बगावत करने पर हुआ बड़ा एक्शन!

UP Politics: उत्तर प्रदेश की राजनीति में उथल-पुलथल आम बात है, लेकिन अब मायावती और बीजेपी के बीच क्या?

Snigdha Singh
Published on: 16 April 2025 11:40 AM IST
भाजपा के मन का कर रही हैं मायावती, बगावत करने पर हुआ बड़ा एक्शन!
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Photo: Social Media

UP Politics: उत्तर प्रदेश की राजनीति एक बार फिर नए मोड़ पर है। बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) सुप्रीमो मायावती पर पहले से ही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साथ "अंदरूनी समझ" होने के आरोप लगते रहे हैं। हालांकि उन्होंने कोई सार्वजनिक रूप से संकेत नहीं दिए हैं कि समाजवादी पार्टी को मात देने के लिए वे बीजेपी का समर्थन कर सकती हैं, लेकिन ये बात चर्चा में इसलिए आयी कि बुआ ने जैसे ही भतीजे आकाश को पार्टी में लिया वैसे ही एक बड़ा एक्शन देखन को मिल गया।

लोकसभा चुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को बड़ी सियासी जिम्मेदारी देकर सक्रिय राजनीति में उतारा था। उनके आक्रामक तेवरों और बयानों से बीजेपी और सपा दोनों के लिए चुनौती खड़ी होती दिख रही थी। हालांकि चुनावी रैलियों में आकाश के बयानों को लेकर विवाद बढ़ा और मायावती ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उन्हें पार्टी से किनारे कर दिया। उन्होंने इसकी वजह आकाश की "राजनीतिक अपरिपक्वता" बताई, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि मायावती अपने और भतीजे के रिश्तों पर किसी तरह का संकट नहीं चाहती थीं।

राजनीतिक हलकों में यह भी कहा गया कि जिस तरह से आकाश को पीछे किया गया, वह ठीक वैसा ही था जैसा दूसरी पार्टियां चाहती थीं। नतीजा यह हुआ कि लोकसभा चुनाव के बाद मायावती और आकाश के रिश्तों में दरार साफ दिखने लगी और अंततः मायावती ने आकाश को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। हाल ही में आकाश आनंद ने सार्वजनिक रूप से मायावती से माफी मांगी, जिसके बाद बसपा प्रमुख ने उन्हें पार्टी में दोबारा शामिल कर लिया। लेकिन इस सुलह का असर दिल्ली तक पहुंचा।

सुरक्षा हटाना मायावती के लिए संदेश!

सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार ने अचानक आकाश आनंद की सुरक्षा वापस ले ली, जिसे लेकर राजनीतिक गलियारों में कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। विशेषज्ञों की राय है कि यह कदम महज सुरक्षा नहीं, बल्कि मायावती के लिए एक सख्त संदेश के तौर पर देखा जा रहा है। क्या मायावती और आकाश की यह नई नजदीकी भविष्य में बसपा की रणनीति को बदलेगी? और क्या यह किसी बड़े सियासी समीकरण के खिलाफ जाती है? इन सवालों पर अब देश की निगाहें टिकी हैं।

भाजपा की तरफ रहता है मायावती का झुकाव

बता दें कि कई बार बीएसपी का रुख बीजेपी की ओर झुका हुआ देखा गया है। इससे पहले भी जब सपा से उनके रिश्ते बिगड़े थे, तब उन्होंने बीजेपी से नज़दीकियां बढ़ाई थीं। बीते चुनाव में एक बार फिर वैसा ही परिदृश्य उभरता देखा गया। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मायावती की रणनीति हमेशा केंद्र की सत्ता में मौजूद पार्टियों के साथ तालमेल बनाने की रही है। उनका झुकाव सत्ता में रहने वाले दलों की ओर जल्दी होता है, ताकि राजनीतिक मजबूती बनी रहे।

उत्तर प्रदेश की राजनीति में भाजपा का देंगी साथ

हालांकि मायावती इन दिनों कांग्रेस के खिलाफ तीखे तेवर अपनाए हुए हैं और कांग्रेस शासित राज्यों में किसी भी घटना पर तुरंत प्रतिक्रिया देती हैं, मगर यह भी सच है कि बीएसपी ने अतीत में कांग्रेस के साथ भी गठबंधन किया है। मायावती की हालिया बयानबाजी और रुख को देखते हुए ऐसा प्रतीत हो रहा है कि आने वाले विधानसभा चुनावों में यूपी की राजनीति में एक बार फिर बीजेपी और बीएसपी के समीकरण चर्चा का विषय बन सकते हैं।

Snigdha Singh

Snigdha Singh

Leader – Content Generation Team

Hi! I am Snigdha Singh, leadership role in Newstrack. Leading the editorial desk team with ideation and news selection and also contributes with special articles and features as well. I started my journey in journalism in 2017 and has worked with leading publications such as Jagran, Hindustan and Rajasthan Patrika and served in Kanpur, Lucknow, Noida and Delhi during my journalistic pursuits.

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