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मायावती के सहारनपुर दौरे पर DM-SSP ने दिखाई थी बेरुखी, योगी ने लगाया मरहम
लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती को सहारनपुर दौरे के दौरान डीएम एनपी सिंह और एसएसपी सुभाष चंद्र दुबे की बेरुखी का सामना करना पड़ा था। बतौर पार्टी मुखिया व पूर्व मुख्यमंत्री उन्हें जो सुरक्षा मिलनी चाहिए थी, वह नहीं मिली। दंगे में जिनके घर जले उन्हेंं भी पांच लाख रुपए दिए जाएं, सबको समुचित इलाज मिले। इन्हीं सब मुद्दों के साथ पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा की अगुवाई में चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। सीएम योगी ने इस पर मरहम लगाते हुए बसपा नेताओं को इसकी पुनरावृत्ति नहीं होने का आश्वासन दिया।
सीएम से मुलाकात के बाद मिश्रा ने बताया कि पार्टी अध्यक्षा ने डीएम-एसएसपी से कहा था कि सहारनपुर दौरे के लिए हेलीपैड की अनुमति दी जाए, ताकि वह हेलीकाप्टर से वहां उतर सकें। पर उन्होंने कहा कि उन्हें सीएम से पूछना पड़ेगा। हम लोग सड़क मार्ग से शब्बीरपुर गए। वहां के रविदास मंदिर पर जाकर लोगों से बात की। भाईचारा बनाने को कहा। फिर जब एक बार और हिंसा भड़क उठी तो मुख्यमंत्री से मुलाकात की। हमें आश्वासन दिया गया है कि घटना के दोषियों को छोड़ा नहीं जाएगा। बसपा सुप्रीमो की सुरक्षा पर सीएम योगी ने कहा है कि ऐसा फिर नहीं होगा।'
किसी संगठन से हमारा कोई लेना-देना नहीं
बसपा के विधानमंडल दल के नेता लालजी वर्मा ने कहा, कि 'किसी संगठन से हमारा कोई लेना-देना नहीं है। हमारे सिर्फ दो संगठन हैं। हम लोगों ने बार-बार मुआवजे की मांग उठाई है। बसपा पर हिंसा में शामिल होने का आरोप लगाना उचित नहीं है। इस प्रकरण में किसी को नहीं छोड़ा जाए। दोषियों पर कार्रवाई हो।'
हम बात बढाने नहीं आए हैं..
एक सवाल पर सतीश चन्द्र मिश्रा ने कहा, कि 'हम बात बढाने नहीं आए हैं जो इस पर चर्चा कर रहे हैं। वह बात बढ़ाना चाहते हैं।' सीएम से मुलाकात के दौरान प्रतिनिधिमंडल ने सहारनपुर में पहले और मंगलवार को हुई घटना पर चर्चा की। उन्होंने सीएम से दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई, पीड़ितों को मुआवजा और घायलों के फ्री इलाज की मांग की। प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर, विधानमंडल दल के नेता लालजी वर्मा भी शामिल थे।
सीएम योगी को दिए गए ज्ञापन के मुख्य अंश:
-सहारनपुर जाने के लिए डीएम-एसएसपी से हेलीपैड बनाने की अनुमति मांगी गई।
-बताया गया कि मायावती को जेड प्लस, एनएसजी व एएसएल सुरक्षा प्रदान की गई है।
-डीएम व एसएसपी ने इसकी अनुमति नहीं दी। कहा, कि इसके लिए सीएम से अनुमति लेनी पड़ेगी।
-मायावती प्रदेश की चार बार सीएम रह चुकी हैं। उन पर जानलेवा हमले भी हो चुके हैं।
-इसको देखते हुए केंद्र ने इनको यह सुरक्षा दी है।
-सड़क मार्ग से जाने के लिए भी उनकी सुरक्षा के लिए उचित प्रबंध नहीं किया गया था।
-शब्बीरपुर गांव में भी पुलिस अथवा सुरक्षा का उचित प्रबंध नहीं था।
-डीएम व एसएसपी मायावती से नहीं मिले, पुलिस प्रशासन का भी कोई बड़ा अधिकारी नजर नहीं आया। मायावती को हजारों की भीड़ के बीच से होकर ही गुजरना पड़ा।
-वहां अफरा-तफरी का माहौल था।
-जानबूझकर प्रशासन ने उचित प्रबंध नहीं किए।
-मायावती ने सबसे भाईचारे की अपील की।
-माहौल ठीक करने की जगह स्थानीय प्रशासन ने माहौल बिगाड़ने का प्रबंध कर रखा था।
-स्थिति को सामान्य बनाने के लिए प्रयास किए जाएं।
-जिन लोगों ने जान माल का नुकसान पहुंचाया है। उन पर कार्रवाई की जाए।
-जिनके घर जलाए गए हैं, उन्हें पांच लाख रूपये दिए जाएं और उनके मकान बनवाकर दिए जाएं।
-जो घायल हुए हैं, उन्हें एक लाख का मुआवजा दिया जाए।
-जिन लोगों की जान चली गई है। उनके परिवार के लोगों को उचित मुआवजा बढाकर दिया जाए।
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