Bulandshahr News: गांव की शिक्षा व्यवस्था को सशक्त बनाने में जुटे सुबोध शर्मा, CDO ने किया सम्मानित

Bulandshahr News: रिषदीय विद्यालयों के विकास के लिए भले ही सरकार बजट जारी करती हो, मगर इसके अलावा भी ग्रामीण शैक्षिक स्तर को सशक्त बनाने में सुबोध शर्मा जुटे है।

Sandeep Tayal
Published on: 15 May 2025 8:06 AM IST
Social worker Subodh Sharma
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Social worker Subodh Sharma  (photo: social media )

Bulandshahr News: देश गांव में बसता है, ये बात आज भी सही है, यदि गांव के बच्चों की शैक्षिक नींव सशक्त होगी तो ग्रामीण बच्चों के साथ-साथ देश का भविष्य भी स्वर्णिम होगा और विकसित भारत के निर्माण के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्ष्य में सहायक भी। ये कहना है खुशहालपुर के समाजसेवी सुबोध शर्मा का, जो नि:स्वार्थ भाव से गांव के प्राथमिक विद्यालय दो की सूरत, सीरत से लेकर उसके अमूल चूल परिवर्तन में जुटे है। स्कूल में निजी खर्चे से छात्र छात्राओं के लिए श्रेष्ठ कार्य करने पर CDO कुलदीप मीना और BSA डॉ.लक्ष्मीकांत ने सुबोध शर्मा को सम्मानित किया है।

बच्चों की शैक्षिक जरूरतों पर करते है व्यय

दरअसल परिषदीय विद्यालयों के विकास के लिए भले ही सरकार बजट जारी करती हो, मगर इसके अलावा भी ग्रामीण शैक्षिक स्तर को सशक्त बनाने में सुबोध शर्मा जुटे है। स्कूल में बच्चों की खेल प्रतिभाओं को उजागर करने के लिए क्रीड़ा उपकरणों की व्यवस्था निजी स्तर पर कराई, यही नहीं बच्चों की क्लास को स्मार्ट क्लास बनाने के लिए बड़ी LED लगवाई, स्कूल की रंगाई, पुताई से लेकर पौधे लगवाने और फर्नीचर आदि की व्यवस्था कराई। प्रधानाध्यक यशवी गोयल के साथ मिलकर स्कूल के बच्चों की शैक्षिक आवश्यकताओं को पिछले डेढ़ साल से पूरा करते आ रहे है। सुबोध शर्मा ने बताया कि सरकारी प्राथमिक स्कूल दो में लगभग 8 लाख रुपए के विभिन्न कार्य कराए है।

गांव के परिषदीय स्कूल न.2 में लाइब्रेरी खुलवाना अग्रिम लक्ष्य

दरअसल सुबोध शर्मा के पिता जी मूलचंद गौर लोकमान्य तिलक इंटर कालेज मोरटा गाजियाबाद के प्रधानाध्यापक थे, परिवार के सदस्य देश विदेश में सरकारी, गैर सरकारी बड़े पदों पर सेवारत है, ग्रेटर नोएडा में भी लगभग 50 बीघा जमीन के मालिक है। समृद्धशील किसान भी है , सुबोध शर्मा बताते है कि उनका एक ही लक्ष्य है कि गांव के मंदिर और गांव के स्कूल के लिए कुछ कर सकूं, इसलिए गरीब परिवारों के बच्चों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान कराने के लिए आवश्यक संसाधन जुटाने में लगा हूं, उन्होंने बताया कि यदि सरकारी स्कूल में एक कमरा मिल जाए तो उसमें स्कूल के बच्चों के लिए लाइब्रेरी खुलवाना अग्रिम लक्ष्य है। सुबोध शर्मा की माने तो वो गांव के परिषदीय विद्यालय को आदर्श स्कूल और गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को कॉन्वेंट से भी बेहतर उनका शैक्षिक स्तर बनाने में जुटे है।

गरीब के बच्चे को लिया गोद, IAS बनाना लक्ष्य

सुबोध शर्मा बताते है एक बच्चे को गोद भी ले रख है जिसका पालन पोषण स्वयं अपनी संतान की तरह करते है और बड़े स्कूल में उसकी शिक्षा दीक्षा करा रहे है, लक्ष्य है कि गरीब के बच्चे को पढ़ा लिखकर एक दिन IAS बनाना है, फिलहाल ये बच्चा 8 वीं क्लास में पढ़ रहा है।

Monika

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Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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