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सांसद के गोद लिए गांव के लोगों ने PM से मांगी इच्छा मृत्यु, कुत्ते का नाम रखा...
बुंदेलखंड : प्रधानमंत्री ने दो साल पहले सांसद आदर्श ग्राम योजना की शुरुआत की थी, लेकिन ऐसे ही एक गांव की हालत सरकार को पानी-पानी करने वाली है। महोबा के पंचायत पिपरामाफ-पठारी को बीजेपी सांसद पुष्पेंद्र सिंह चंदेल ने गोद लिया था, लेकिन यहां के लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सामूहिक इच्छा मृत्यु की मांग की है। आक्रोशित लोगों ने गांव के एक कुत्ते का नाम 'सांसद जी' रख दिया है।
क्यों नाराज हैं लोग
-कबरई विकास खंड के गांव पिपरामाफ के लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं।
-गांव के मजरे पठारी में आजादी के बाद से न तो बिजली है और न सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य की व्यवस्था है।
-21वीं सदी में यहां के लोग 14वीं सदी जैसी जिंदगी बिता रहे हैं।
-आजादी के बाद से बिजली नहीं। शहर को गांव से जोड़ने वाली मुख्य सड़क आज तक नहीं बनी।
-आज भी पगडंडी के सहारे लोग आते जाते हैं। बारिश होने पर तो पैदल चलने लायक भी नहीं रह जाता।
-इस गांव में इस कदर समस्याएं हैं कि यहां के कई ग्रामीण पलायन तक कर चुके हैं।
गांव में सभी रास्ते कच्चे हैं
उम्मीद जागी और दो साल में खत्म हो गई
-गरीबी और भुखमरी झेल रहे बुंदेलखंड के इस गांव को जब सांसद पुष्पेंद्र सिंह चंदेल ने गोद लिया तो लोग खुशी से झूम उठे।
-उन्हें उम्मीद थी कि अब गांव की तस्वीर और उनकी तकदीर बदल जाएगी। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।
-दिन बीतते गए और उम्मीदें दम तोड़ती गईं।
क्या कहते हैं ग्रामीण?
-ग्रामीण जनक परिहार कहते हैं हम अधिकारियों के पास गए, सांसद से भी गुहार लगाई पर किसी ने उनकी ओर नहीं देखा।
-आकांक्षा रिछारिया कहती हैं कि स्कूल जाने वाले बच्चों को कीचड़ से होकर जाना पड़ता है।
-पठारी गांव में आदर्श गांव की कोई झलक तक नजर नहीं आती। गंदगी और बजबजाती नालियों से ही सामना होता है।
-इस बदहाली को दूर करने के लिए सांसद को कई बार लिखित और मौखिक बताया, लेकिन वो गांव में झांकने तक नहीं आए।
अनशन से भी नहीं बनी बात
-साहब सिंह कहते हैं- विकास के लिए कई बार जिला अधिकारी से भी लिखित मांग की, लेकिन ना तो सांसद ने सुना और न ही जिला प्रशासन ने।
-ग्रामीणों ने पिछले दिनों बिजली और सड़क के लिए तहसील में अनशन भी किया था।
-अब इस पठारी मजरे के ग्रामीणों, महिलाओं और बच्चों ने सामूहिक इच्छा मृत्यु की मांग देश के प्रधानमंत्री से मांग कर डाली।
-संकटमोचन पठारी मजरा के ग्रामीणों ने हस्ताक्षर कर पीएम को लेटर भेजा है।
आक्रोश जाहिर जाहिर करने को कुत्ते को नाम दिया सांसद
-सांसद के प्रति इनका आक्रोश इतना है कि गांव के लोगों ने एक पालतू कुत्ते का नाम "सांसद जी" रख दिया।
-इनका तर्क है कि ये कुत्ता उनके सुख-दुख का साथी है और उनकी सुरक्षा के लिए भी तैयार रहता है।
-ग्रामीणों ने आक्रोश व्यक्त करने का जो तरीका है वो भले ही आपत्तिजनक हो, लेकिन वो कहते हैं कि वो इससे अपने गुस्से को जाहिर कर रहे हैं।
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