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बिकरू कांडः विकास दुबे की पत्नी, भाई सहित 18 पर दर्ज हुआ मुकदमा
एसआईटी जांच रिपोर्ट पर कार्रवाई में राज्य सरकार ने जिला प्रशासन को पत्र लिखकर मुकदमा दर्ज करने निर्देश दिए थे। जिसके चलते बृहस्पतिवार देर रात कानपुर पुलिस नेे फर्जी शस्त्र लाइसेंसों व फर्जी सिम के मामले में 18 लोगोंं के खिलाफ चौबेपुर थाने मुकदमा पंजीकृत कर लिया है।
कानपुरः बिकरू कांड में फर्जी दस्तावेजों पर लिए गए सिम और शस्त्र लाइसेंसों धारकों के विरूद्ध कानपुर पुलिस ने एसआईटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर मुकदमा पंजीकृत किया है। एसआईटी जांच रिपोर्ट पर कार्रवाई में राज्य सरकार ने जिला प्रशासन को पत्र लिखकर मुकदमा दर्ज करने निर्देश दिए थे। जिसके चलते बृहस्पतिवार देर रात कानपुर पुलिस नेे फर्जी शस्त्र लाइसेंसों व फर्जी सिम के मामले में 18 लोगोंं के खिलाफ चौबेपुर थाने मुकदमा पंजीकृत कर लिया है।
फर्जी स्टाम्प मामले में मुकदमा
कानपुर पुलिस ने फर्जी स्टाम्प दाखिल कर शस्त्र लाइसेंस लेने के मामले में रामकुमार दुबे पुत्र देवीप्रसाद, दीपक उर्फ दीप प्रकाश उर्फ दीपू दुबे पुत्र रामकुमार, अंजली दुबे पत्नी दीपक दुबे, विष्णुपाल उर्फ जिलेदार पुत्र देवीप्रसाद ,अमित उर्फ छोटे बउवा पुत्र भगवती प्रसाद दुबे, दिनेश कुमार पुत्र कैलाश नाथ ,रवीन्द्र कुमार पुत्र राधेश्याम ,अखिलेश कुमार पुत्र विमल प्रकाश ,आशुतोष त्रिपाठी उर्फ शिव त्रिपाठी के ऊपर मुकदमा पंजीकृत किया है।
फर्जी दस्तावेज पर सिम
इसके अलावा फर्जी दस्तावेज पर लिए गए सिम कार्ड के मामले में विकास दुबे की पत्नी रिचा दुबे, विकास दुबे के साथी राम सिंह पुत्र छोटेलाल, मोनू पुत्र प्रेम प्रकाश पाण्डेय ,शिव तिवारी उर्फ आशुतोष त्रिपाठी पुत्र दिनेश त्रिपाठी, शांति देवी पत्नी रमेश चन्द्र ,अपराधी अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे, रेखा अग्निहोत्री पत्नी दयाशंकर अग्निहोत्री, विष्णुपाल उर्फ जिलेदार पुत्र देवीप्रसाद और अपराधी विकास दुबे का भाई दीपक उर्फ दीपप्रकाश उर्फ (दीपू) पुत्र रामकुमार के ऊपर मुकदमा पंजीकृत किया गया है।
गौरतलब है कि थाना चौबेपुर के अंतर्गत 2 व 3 जुलाई की मध्य रात्रि ग्राम बिकरू में दबिश के दौरान दुर्दात अपराधी विकाश दुबे ने अपने साथियों के साथ मिलकर पुलिस पर अंधाधुंध फायरिंग कर सीओ देवेंद्र मिश्रा सहित 8 पुलिस कर्मचारियों की हत्या कर दी गयी थी व 6 पुलिस कर्मचारी घायल हो गये थे, जिसके चलते यूपी सरकार ने जांच के लिए तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन किया था। एसआईटी के द्वारा जांच करके यूपी सरकार को जांच रिपोर्ट दी गई थी। जिस पर अब एक्शन लिया जा रहा है।
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