TRENDING TAGS :
Chandauli News: ओवैसी का अखिलेश पर तंज, ऐसे नेताओं के पीछे भागना छोड़ दो और अपने...
Chandauli News: ओवैसी ने वीडियो के माध्यम से कहा कि जिस सपा के लिए आप लोग दरी बिछाने का काम कर रहे हैं अपनी जिंदगी कुर्बान कर रहे हैं, वह नेता आप लोगों का नाम नहीं लेना चाहता है ना ही...
Akbaruddin Owaisi (Pic:Newstrack)
Chandauli News: चंदौली जिला मुख्यालय के पॉलिटेक्निक कॉलेज में सोमवार को आयोजित अखिलेश की चुनावी जनसभा के दौरान यहां के मुस्लिम नेता हाजी परवेज जोखू को सम्मान न देते हुए किसी भी मुस्लिम नेता का अखिलेश ने अपने मंच से नाम नहीं लिया जिसको लेकर ओवैसी बेहद आक्रामक है। चंदौली की जनसभा में अखिलेश ने किसी मुसलमान नेता का नाम नहीं लिए जाने पर सपा में दरी बिछाने वाले अब अपने लिए दरी बिछाओं, अपनी नस्ल के लिए दरी बिछाओ का वीडियो ओवैसी का जोरों पर वायरल हो रहा है। सोमवार को चंदौली जिला मुख्यालय के पॉलिटेक्निक कॉलेज में आयोजित अखिलेश यादव की चुनावी जनसभा के दौरान जनपद के किसी भी मुस्लिम नेता को जहां मंच पर जगह नहीं दिया गया।
अपने नस्ल के लिए दरी बिछाओ - औवेसी
अखिलेश यादव ने यहाँ के स्थानीय किसी भी मुस्लिम नेता का नाम नहीं लिया जिसकी चर्चा प्रदेश में ही नहीं बल्कि भारत के हैदराबाद के निवासी अकबरुद्दीन ओवैसी तक पहुंच गई। ओवैसी ने सीधे-सीधे अपने वीडियो के माध्यम से कहा है कि जिस सपा के लिए आप लोग दरी बिछाने का काम कर रहे हैं अपनी जिंदगी कुर्बान कर रहे हैं, वह नेता आप लोगों का नाम नहीं लेना चाहता है ना हीं आपका सम्मान करना चाहता है, ऐसे नेताओं के पीछे भागना छोड़ दो और अपने नस्ल के लिए दरी बिछाओ।
आपके लिए जान कुर्बान कर देंगे
आपके लिए अच्छी नेता पल्लवी पटेल आ गई है और बी डी एम के साथ जुड़ जाओ आपका भी भला होगा। आप लोगों के दुख सुख के लिए हम लोग खड़े हैं, आपके लिए जान कुर्बान करनी होगी तो भी हम पीछे नहीं हटेंगे। ओवैसी का यह बयान ऐसे समय में आया है जिससे समाजवादी पार्टी को काफी नुकसान हो सकता है। यही नहीं अखिलेश के मंच पर समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद रामकिशुन यादव भी नहीं पहुंचे थे और उन्होंने सोशल मीडिया पर एक कमेंट किया है जो वायरल हो रहा है कि अखिलेश की सभा की अध्यक्षता हाजी परवेज जोखू से करवानी चाहिए थी।
निश्चित ही इस तरह की चर्चाएं बड़े मंचो एवं बड़े लोगों तक पहुंची है तो दाल में कुछ काला है। मुस्लिम समाज में भी इसकी चर्चा है, जो प्रदेश ही नहीं भारत के अन्य प्रदेशों में इसकी चर्चाएं जोरों पर चल रही हैं। अब आने वाला 1 जून का मतदान एवं चार जून का परिणाम भी बताएगा कि मुसलमानों को नजरअंदाज करना कितना भारी पड़ सकता है।
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!