Chandauli: मिशन शक्ति फेज-5.0: चंदौली में महिलाओं को आत्मरक्षा, कानून और योजनाओं से किया गया सशक्त

Chandauli News: उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले में 'मिशन शक्ति फेज-5.0' के तहत महिलाओं और लड़कियों को आत्मरक्षा, कानूनी अधिकारों और सरकारी योजनाओं की जानकारी देकर सशक्त बनाया जा रहा है।

Sunil Kumar
Published on: 6 Oct 2025 10:23 PM IST
Chandauli: मिशन शक्ति फेज-5.0: चंदौली में महिलाओं को आत्मरक्षा, कानून और योजनाओं से किया गया सशक्त
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Chandauli News: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और सशक्तिकरण को लेकर चलाए जा रहे 'मिशन शक्ति' अभियान के पाँचवें चरण (फेज 5.0) के अंतर्गत चंदौली जिले में एक विशेष पहल की गई। इस पहल के तहत जिले में महिलाओं और बालिकाओं के लिए आत्मरक्षा प्रशिक्षण, कानूनी जागरूकता और सरकारी योजनाओं की जानकारी से जुड़ी कार्यशालाओं का आयोजन किया गया, जिनका उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें एक सुरक्षित माहौल देना है, जहाँ वे निर्भीक होकर आगे बढ़ सकें।

यह आयोजन चंदौली के थाना अलीनगर क्षेत्र स्थित प्रयाग इंटरनेशनल स्कूल, कुरहना में किया गया, जिसकी अगुवाई पुलिस अधीक्षक आदित्य लांग्हे ने की। कार्यक्रम में जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रभात कुमार, सीओ पीडीडीयू नगर कृष्ण मुरारी शर्मा और सीओ सकलडीहा स्नेहा तिवारी सहित कई प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे। इस कार्यशाला में विशेषज्ञों ने महिलाओं और छात्राओं को बिना हथियार के आत्मरक्षा की तकनीकें सिखाईं, जैसे अचानक हमले से बचने, पकड़ से छूटने और शरीर के कमजोर हिस्सों पर वार करने की विधियां। उन्हें समझाया गया कि आत्मरक्षा केवल शारीरिक नहीं, बल्कि मानसिक तैयारी का भी विषय है, और किसी भी संकट की स्थिति में सबसे पहले आत्मविश्वास जरूरी होता है।

कार्यक्रम में कानूनी जागरूकता पर भी विशेष ध्यान दिया गया। क्षेत्राधिकारी स्नेहा तिवारी ने महिलाओं को उनके कानूनी अधिकारों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न निवारण अधिनियम, दहेज निषेध अधिनियम और पीसीपीएनडीटी एक्ट जैसे कानूनों को सरल भाषा में समझाया। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि कानून की जानकारी महिलाओं को न केवल आत्मरक्षा में मदद करती है, बल्कि अन्याय के खिलाफ खड़े होने की हिम्मत भी देती है।

इसी कार्यक्रम के दौरान क्षेत्राधिकारी पीडीडीयू नगर कृष्ण मुरारी शर्मा ने राज्य सरकार द्वारा महिलाओं के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, वन स्टॉप सेंटर, 181 महिला हेल्पलाइन, निराश्रित महिला पेंशन योजना और शक्ति सदन जैसी योजनाएं महिलाओं को न केवल आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा देती हैं, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने में भी सहयोग करती हैं। उन्होंने महिलाओं से अपील की कि वे इन योजनाओं का लाभ उठाएं और अपने अधिकारों के प्रति सजग रहें।

कार्यक्रम में यह भी बताया गया कि जिले के प्रत्येक थाने में 'मिशन शक्ति केंद्र' की स्थापना की गई है, जो महिला संबंधित अपराधों की त्वरित सुनवाई, कानूनी परामर्श और सरकारी योजनाओं से जोड़ने का कार्य करता है। ये केंद्र महिलाओं के लिए एक ऐसा स्थान हैं, जहाँ वे बिना किसी डर और झिझक के अपनी बात कह सकती हैं और सहायता प्राप्त कर सकती हैं।

'मिशन शक्ति' अभियान केवल पुलिस या एकल विभागीय प्रयास नहीं है, बल्कि इसमें कई विभागों की सक्रिय भागीदारी है। आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से पोषण और स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता फैलाई जा रही है, वहीं युवा कल्याण विभाग द्वारा ग्रामीण स्तर पर विचार गोष्ठियों और जनजागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। बेसिक शिक्षा विभाग ने कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों और अन्य स्कूलों में सेल्फ-डिफेंस क्लबों की स्थापना शुरू की है, ताकि लड़कियों को विद्यालय स्तर पर ही आत्मरक्षा के प्रति प्रशिक्षित किया जा सके।

इसी क्रम में पंचोखर स्थित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में एक विशेष शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें राजस्व विभाग ने भी भागीदारी निभाई। तहसीलदार मुगलसराय ने महिलाओं को भूमि और संपत्ति से जुड़े उनके अधिकारों की जानकारी दी, साथ ही राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना और मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना जैसे कल्याणकारी कार्यक्रमों की भी विस्तार से जानकारी दी गई। इस कार्यक्रम में एसडीएम पीडीडीयू नगर अनुपम मिश्रा, सीओ कृष्ण मुरारी शर्मा, संरक्षण अधिकारी किशन वर्मा और जेंडर स्पेशलिस्ट पुष्पा कुशवाहा जैसे कई प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।

चंदौली में 'मिशन शक्ति फेज-5.0' के तहत आयोजित इन कार्यक्रमों ने यह संदेश स्पष्ट रूप से दिया कि महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण केवल एक दिन की बात नहीं, बल्कि एक सतत प्रक्रिया है। यह पहल महिलाओं को न केवल आत्मरक्षा के गुर सिखा रही है, बल्कि उन्हें उनके अधिकारों से जोड़कर एक ऐसा समाज गढ़ने की दिशा में अग्रसर है, जहाँ हर महिला सम्मान के साथ, स्वतंत्र रूप से और सुरक्षित महसूस करते हुए जीवन जी सके।

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