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जाको राखे साइयां: चलती ट्रेन के शौचालय से गिरा नवजात, चरवाहा दंपति ने दी मासूम को गोद
बकरियां चरा रहे शुक्लागंज निवासी लाला-रूही दंपति ने बच्चे के रोने की आवाज सुनी तो पटरियों पर पहुंचे। दंपति ने पाया कि वहां एक नवजात पड़ा है जिसकी नाल भी नहीं कटी थी। उसके शरीर पर गिरने की चोट के निशान थे।

कानपुर: जाको राखे साइयां, मार सके न कोय। कानपुर में अब यही कहावत चर्चा में है। इसकी वजह है एक मासूम। दरअस्ल, चलती ट्रेन के शौचालय में एक महिला का प्रसव हो गया और बच्चा शौचालय से नीचे पटरियों के बीच गिर गया। ट्रेन तो निकल गई, लेकिन पास ही मौजूद एक चरवाहा दंपति ने बच्चा उठा लिया। बच्चे को हल्की चोटें आई हैं, लेकिन खतरे से बाहर है।
राखे साइयां
-लखनऊ से कानपुर रूट पर बायां पुल शुक्लागंज स्टेशन के पास पटरियों के बीच गिरा यह मासूम रो रहा था।
-बकरियां चरा रहे शुक्लागंज निवासी लाला-रूही दंपति ने बच्चे के रोने की आवाज सुनी तो पटरियों पर पहुंचे।
-दंपति ने पाया कि वहां एक नवजात पड़ा है जिसकी नाल भी नहीं कटी थी। उसके शरीर पर गिरने की चोट के निशान थे।
-पति-पत्नी बच्चे को फौरन पुलिस के पास ले गये लेकिन पुलिस ने बच्चे को डॉक्टर के पास ले जाने की सलाह दी।
-जब पति-पत्नी बच्चे को शुक्लागंज सीएचसी ले गये तो सीएचसी ने उन्हें बच्चे को उर्सला अस्पताल ले जाने को कहा गया।
-लेकिन उर्सला अस्पताल ने भी बच्चे को ऐडमिट करने से इनकार कर दिया।
आखिर मिला इलाज
-इसके बाद यह दंपति दो घंटे तक बच्चे को लेकर भटकता रहा।
-आखिर, मीडिया में खबर फैलने के बाद उर्सला अस्पताल ने बच्चे को ऐडमिट करके उसका इलाज शुरू कर दिया।
-फिलहाल इस बच्चे की देखरेख उसे पाने वाले पति-पत्नी लाला और रूही कर रहे हैं।
-दंपति का कहना है कि अगर बच्चे के मां-बाप आते हैं, तो बच्चा उन्हें सौंप देंगे वरना वे खुद उसे पालेंगे।




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