×

Chitrakoot News: मंदाकिनी के विकास के लिए ब्रह्मकुंड से लेकर राजापुर तक लोगों को एकजुट होने की जरुरत - अश्विनी कुमार

Chitrakoot News: संगोष्ठी के सह संयोजक डॉ मोहम्मद हलीम खान ने संचालन करते हुए जनजागरुकता एवं जन सहभागिता उत्पन्न करने के उद्देश्य से जागरूकता गीत उठें समाज के लिए उठें-उठें, जगे स्वराष्ट्र के लिए जगे-जगे का वाचन किया।

Sunil Shukla (Chitrakoot)
Published on: 10 Sept 2024 10:01 PM IST
Chitrakoot News
X

Chitrakoot News (Pic: Newstrack)

Chitrakoot News: मन्दाकिनी नदी के उद्गम स्थल ब्रम्हकुंड आश्रम में ग्रामीणों के मध्य विचार-विमर्श गोष्ठी का आयोजन किया गया। तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के संयोजक डॉ अश्विनी कुमार अवस्थी ने उद्गम स्थल ब्रम्हकुंड आश्रम एवं मन्दाकिनी नदी को नमन एवं प्रणाम किया। इसके पश्चात उन्होंने पूरे दिन की रुपरेखा प्रस्तुत करते हुए बताया कि हम सभी को ब्रम्हकुंड आश्रम से लेकर राजापुर तक मन्दाकिनी नदी के सर्वांगीण विकास के लिए एकजुट होना चाहिए। इसके लिए हमें स्वच्छता एवं वृक्षारोपण अभियान चलाना होगा।

संगोष्ठी के सह संयोजक डॉ मोहम्मद हलीम खान ने संचालन करते हुए जनजागरुकता एवं जन सहभागिता उत्पन्न करने के उद्देश्य से जागरूकता गीत उठें समाज के लिए उठें-उठें, जगे स्वराष्ट्र के लिए जगे-जगे का वाचन किया। किसान मोर्चा के अध्यक्ष डॉ. कृष्ण कुमार पांडेय, शिवशंकर जनप्रतिनिधि के रूप में उपस्थित रहे। गोष्ठी का प्रमुख उद्देश्य मां मन्दाकिनी नदी को उसके उदगम स्थल ब्रम्हकुंड आश्रम से लेकर राजापुर तक प्रदूषण मुक्त बनाए रखते हुए इसके संरक्षण एवं संवर्धन के लिए स्वच्छता एवं वृक्षारोपण अभियान चलाकर लोगों का ध्यान आकर्षित कर जागरूकता एवं जन सहभागिता की भावना को उत्पन्न करना है। कार्यक्रम में आए विभिन्न ग्राम पंचायतों के सरपंच, ग्राम प्रधानों तथा सभी ग्रामीणों का आयोजन मंडल के सदस्यों ने बारी-बारी से माल्यार्पण कर स्वागत एवं सम्मान किया। जिसमें प्रमुख रूप से सरपंच रामबहोरी यादव, ग्राम प्रधान भीर उरमलिया, रचना त्रिपाठी, रोहिणी शुक्ल (खुशी दद्दा), राज कुमार सिंह, गजराज सिंह, रामजी यादव, नत्थू सिंह आदि एक सैकड़ा से अधिक ग्रामीण उपस्थित रहे।


ख़ुशी दद्दा शुक्ला ने ब्रम्हकुंड आश्रम एवं मन्दाकिनी नदी के धार्मिक एवं सामाजिक महत्व के बारे में अपने विचार एक काव्य ब्रम्हकुंड गाथा कविता एवं चौपाई के माध्यम से किया। इसके बाद कार्यशाला के तकनीकी सत्र का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता एवं मार्गदर्शक के रुप में उपस्थित प्रो कौशल कुमार शर्मा अधिष्ठाता सोशल साइंस जेएनयू नई दिल्ली ने इस पूरे क्षेत्र की जीआईएस मैपिंग का आश्वासन दिया। कहा कि ब्रम्ह कुंड आश्रम में साबुन, सैंपू आदि का प्रयोग वर्जित होना चाहिए। तकनीकी सत्र के प्रथम मुख्य वक्ता के रूप में डॉ सतीश त्रिपाठी पूर्व निदेशक सर्वे आफ इंडिया महासचिव सोसायटी आफ द अर्थ साइंटिस्ट ने बताया कि चित्रकूट के आसपास 4000 वर्ग किमी परिक्षेत्र में प्रस्तावित यूनेस्को जियो पार्क की स्थापना के लिए मन्दाकिनी नदी तथा इसके उदगम स्थल ब्रम्हकुंड आश्रम का संरक्षण, संवर्धन एवं पुनरोद्धार बहुत ही आवश्यक है। अन्यथा विदेशियों के बीच बहुत बदनामी होगी।


ब्रम्हकुंड के भूगर्भ जलस्तर को बढ़ाने के लिए परंपरागत जलाशयों, तालाबों, कुंडों एवं झोरों का संरक्षण पर जोर दिया। डॉ शशिकांत त्रिपाठी भूगर्भ वैज्ञानिक ग्रामोदय विश्वविद्यालय ने बताया कि प्रथ्वी की उत्पत्ति का इतिहास लगभग 1600 करोड वर्ष पुराना है। चित्रकूट में टूरिज्म एंड हास्पिटैलिटी की अपार संभावनाएं हैं। जिनमें जियो टूरिज्म, एग्रो टूरिज्म, हेल्थ टूरिज्म एवं कल्चरल टूरिज्म प्रमुख हैं। ग्रामोदय विश्वविद्यालय के उद्यान वैज्ञानिक डॉ शिवशंकर सिंह ने नदियों के तटवर्ती इलाकों एवं किनारों के मृदा कटाव को रोकने के लिए बहुउद्देशीय एवं फलदार वृक्षों के रोपण पर जोर दिया। ग्रामोदय विश्वविद्यालय के वरिष्ठ मृदा वैज्ञानिक डॉ पवन कुमार सिरौठिया ने जैविक एवं प्राकृतिक खेती को लाभकारी एवं प्रकृति हितैषी बताते हुए कहा कि इसके अपनाने से मृदा एवं भूगर्भ जल प्रदूषित नहीं होंगे तथा मृदा स्वास्थ्य बरकरार रहेगा।

अतर्रा महाविद्यालय के अध्यक्ष प्रबन्ध समिति प्रो. योगेन्द्र सिंह ने मंदाकिनी नदी के ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक महत्व पर विस्तृत रूप से चर्चा की। चित्रकूट की जैव-विविधता के संरक्षण हेतु मंदाकिनी नदी के सर्वांगीण विकास को सभी लोगों से सहयोग का आह्वान किया। प्राचार्य डॉ एसी मिश्रा ने कार्यक्रम में शामिल सभी अतिथियों, वैज्ञानिकों एवं ग्रामीणो का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से डॉ विवेक कुमार उपाध्याय, डॉ अनिल कुमार साहू, डॉ सतीश कुमार श्रीवास्तव, डॉ अनन्त कुमार त्रिपाठी, श्री मिथलेश पांडेय, डॉ तरूण कुमार शर्मा, डॉ अनिल कुमार तिवारी जेएनयू नयी दिल्ली आदि मौजूद रहे।



Durgesh Sharma

Durgesh Sharma

Next Story