बालकुमार पटेल का कांग्रेस से मोहभंग, घर वापसी के लिए थाम सकते हैं साइकिल

बाल कुमार पटेल के समर्थक उन्हें उत्तर प्रदेश में कुर्मियों के बड़े नेता के तौर पर प्रोजेक्ट करते हैं। खासकर बुंदेलखंड और पूर्वांचल में कुर्मी समुदाय के बीच उनकी अच्छी पैठ बताई जाती है।

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Published on: 8 Nov 2020 10:46 PM IST
बालकुमार पटेल का कांग्रेस से मोहभंग, घर वापसी के लिए थाम सकते हैं साइकिल
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कांग्रेस के कुर्मी नेता बालकुमार पटेल ने अब घर वापसी का मन बना लिया है। कुख्यात डकैत ददुआ के भाई बालकुमार पटेल समाजवादी पार्टी से सांसद रहे हैं

लखनऊ: कांग्रेस के कुर्मी नेता बालकुमार पटेल ने अब घर वापसी का मन बना लिया है। कुख्यात डकैत ददुआ के भाई बालकुमार पटेल समाजवादी पार्टी से सांसद रहे हैं। समाजवादी पार्टी का आकर्षण उन्हें वापस ले जा रहा है। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने हालांकि उन्हें पार्टी में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंप रखी हैं।

बांदा-चित्रकूट इलाके में बालकुमार पटेल के भाई रहे खूंखार डकैत ददुआ की कभी तूती बोला करती थी। 2019 के चुनाव में बांदा लोकसभा सीट से बाल कुमार चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन अखिलेश यादव ने ऐन वक्त पर बीजेपी से आए श्यामा चरण गुप्ता को उम्मीदवार घोषित कर दिया है। बताया जाता है कि इससे नाराज होकर ही उन्होंने कांग्रेस का हाथ थाम लिया है।

राज बब्बर ने दिलाई थी कांग्रेस की सदस्यता

कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर ने उन्हें जोर शोर के साथ पार्टी की सदस्यता दिलाई थी। बुंदेलखंड की राजनीति को लेकर कांग्रेस उनमें तमाम संभावनाएं टटोल रही थी। उन्हें लोकसभा का चुनाव भी लड़ाया, लेकिन वह जीत दर्ज कराने में कामयाब नहीं हो सके। 2019 के विधानसभा उपचुनाव में पार्टी ने उनके एक समर्थक को चुनाव भी लड़ाया, लेकिन कामयाबी तब भी हासिल नहीं हुई। प्रियंका ने उत्तर प्रदेश कांग्रेस की कमेटियों में भी उन्हें महत्वपूर्ण स्थान दिया।

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मिर्जापुर से रहे हैं सांसद

बालकुमार पटेल 2009 में मिर्जापुर लोकसभा सीट से सांसद चुने गए थे। इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में सपा ने उन्हें बांदा लोकसभा सीट से अपना प्रत्याशी बनाया था, लेकिन मोदी लहर में वो चुनाव जीत नहीं सके। 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए दावेदारी कर रहे थे। बाल कुमार पटेल ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत बसपा से की थी। उन्होंने बसपा के टिकट से इलाहाबाद की मेजा सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन जीत नहीं सके। हालांकि बाद में वह सपा में शामिल हो गए। ददुआ के एनकाउंटर के बाद बाल कुमार मिर्जापुर से सांसद चुने गए थे।

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बाल कुमार पटेल के समर्थक उन्हें उत्तर प्रदेश में कुर्मियों के बड़े नेता के तौर पर प्रोजेक्ट करते हैं। खासकर बुंदेलखंड और पूर्वांचल में कुर्मी समुदाय के बीच उनकी अच्छी पैठ बताई जाती है है। बाल कुमार पटेल के बेटे और पूर्व विधायक राम सिंह भी कांग्रेस का दामन छोड़कर सपा में शामिल होंगे। इसके साथ ही बसपा के मंडल कोऑर्डिनेटर सत्रोहन भी सपा में शामिल होंगे।

राम सिंह प्रतापगढ़ की पट्टी विधानसभा सीट से सपा विधायक रहे हैं। 2017 के चुनाव में बीजेपी के मोती सिंह के हाथों बहुत कम वोटों से हार गए थे।

रिपोर्ट: अखिलेश तिवारी

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