TRENDING TAGS :
विरासत की जड़ों को मजबूत कर रही हैं प्रियंका गांधी वाड्रा...
कांग्रेस का खोया जनाधार पाने के लिए प्रियंका गांधी एक साथ कई मोर्चों पर सक्रिय दिख रही हैं। विधानसभा की आठ सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने अपनी पहली सूची में केवल दो नाम ही शामिल किए।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव के बहाने कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने कांग्रेस की जडों को सींचना शुरू कर दिया है। रविवार को कांग्रेस ने दो विधानसभा क्षेत्रों के लिए प्रत्याशियों के नाम की घोषणा के साथ ही पुराने कांग्रेसी परिवारों में उम्मीद की नई लौ जगा दी है। कांग्रेस ने उन्नाव की बांगरमऊ सीट से पुराने कांग्रेसी नेता पंडित गोपीनाथ दीक्षित की पुत्री आरती वाजपेयी और रामपुर की स्वार सीट पर बेगम नूरबानो की तीसरी पीढी को मैदान में उतारा है।
यूपी विधानसभा उपचुनाव के लिए प्रियंका गांधी सक्रिय
कांग्रेस का खोया जनाधार पाने के लिए प्रियंका गांधी एक साथ कई मोर्चों पर सक्रिय दिख रही हैं। विधानसभा की आठ सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने अपनी जो पहली सूची जारी की है, उसमें केवल दो नाम ही शामिल हैं। इनमें पहला नाम रामपुर जिले की स्वार सीट पर हैदरअली खान उर्फ हमजा मियां का है।
उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवारों में दो अहम नाम
-हमजा मियां रामपुर से दो बार सांसद रह चुकीं पूर्व केंद्रीय मंत्री बेगम नूरबानों के पौत्र हैं। बेगम नूरबानो के पति सैयद जुिल्फकार अली खान 1967 से लेकर 1989 तक पांच बार इस सीट से सांसद रह चुके हैं। बेगम नूरबानो के पुत्र नवाब काजिम अली खान भी कई बार विधायक और उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री रह चुके हैं।
ये भी पढ़ेंः महाराष्ट्र की सियासत में बढ़ा सस्पेंस, अब इन दो दिग्गज नेताओं की अचानक मुलाकात
उन्हें भी पहली बार विधायक बनने का मौका कांग्रेस के टिकट पर ही मिला था। अब उनके बेटे को कांग्रेस ने टिकट दिया और बेगम नूरबानो को भी प्रदेश कांग्रेस कमेटी में अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस तरह से कांग्रेस एक बार और रामपुर की सियासत में अपने मजबूत कदम रखना चाह रही है।
हैदरअली खान उर्फ हमजा मियां और आरती वाजपेयी
कांग्रेस ने दूसरा टिकट उन्नाव की बांगरमऊ सीट से आरती वाजपेयी को दिया है। वह कांग्रेस के पुराने व वरिष्ठतम नेताओं में शुमार रहे पंडित गोपीनाथ दीक्षित की पुत्री हैं। दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित इन्हीं पंडित गोपीनाथ दीक्षित की पुत्रवधू हैं। कांग्रेस ने उन्हें एक बार पहले भी टिकट दिया था। 2012 का विधानसभा चुनाव भी वह निर्दलीय लड चुकी हैं। कांग्रेस से टिकट मिलने के बाद उन्हेांने प्रियंका गांधी और राहुल गांधी के प्रति आभार जताया है ।
ये भी पढ़ेंः कलक्टर साहब! सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बना ‘टापू’, आखिर कैसे हो इलाज
आरती वाजपेयी का कहना है कि उनके पिता पंडित गोपीनाथ दीक्षित ने उनसे वादा लिया था कि वह अपने मायके बांगरमऊ को कभी नहीं छोडेंगी। वह अपने पिता को दिया वादा अपने जीवन की आखिरी सांस तक निभाएंगी। उन्नाव जिले में पंडित गोपीनाथ दीक्षित की छवि और लोकप्रियता को देखते हुए कांग्रेस का प्रत्याशी चयन दूसरे दलों को मुश्किल में डालने वाला है।
2022 चुनाव में कांग्रेस का दावा होगा और मजबूत
चुनाव राजनीति के बावजूद प्रियंका ने दोनों ही सीटों पर प्रत्याशी चयन के जरिये ऐसा दांव चला है जिससे अगर किसी वजह से पार्टी यह उपचुनाव नहीं भी जीत पाती है तो 2022 के लिए उसका दावा मजबूत बनेगा और पार्टी की विरासत के बिरवे को नई खाद मिल जाएगी।
अखिलेश तिवारी
दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!