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सत्ता के काले चश्मे से भाजपा नेतृत्व को कफन के बिना दफन लाशें नहीं दिखती: अखिलेश यादव
अखिलेश ने कहा कि महज कुर्सी की चाहत में भाजपा सरकार गरीबों, अस्पतालों में तड़प रहे मरीजों की जिंदगी बचाने का आर्तनाद नहीं सुन रही है।
मीडिया को संबोधित करते पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ( फाइल फोटो -सोशल मीडिया)
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश सरकार पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि कोरोना के इलाज की सच्चाई यह है कि सत्ता के काले चश्मे से शायद भाजपा नेतृत्व को कफन के बिना दफन लाशें नहीं दिखती हैं। बहरे कानों में तड़पते मरीजों की चीत्कारें नहीं जाती है। लोगों की जिंदगी भाजपा राज में बहुत सस्ती हो गई है। अब तो सभी यह समझने लगे हैं कि 2022 में समाजवादी सरकार बनने पर ही स्वास्थ्य सेवाएं बहाल होने पर सबको वैक्सीन लग पाएगी।
अखिलेश ने कहा कि महज कुर्सी की चाहत में भाजपा सरकार गरीबों, अस्पतालों में तड़प रहे मरीजों की जिंदगी बचाने का आर्तनाद नहीं सुन रही है। जिलों का दौरा कर कोरोना संक्रमण और ब्लैक फंगस पर नियंत्रण के दावे किये जा रहे हैं जबकि जमीनी हकीकत बहुत दर्दनाक है। जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं की बात तो छोड़िए राजधानी लखनऊ में और गोरखपुर में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं। संक्रमित मरीजों का ठीक से इलाज नहीं हो पा रहा है। बिना दवा, इंजेक्शन के मरीज तड़प रहे हैं। मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा है। याद रहे गरीब की हाय व्यर्थ नहीं जाती है।
अखिलेश यादव ने कहा कि राजधानी लखनऊ में संक्रमण से रक्षा कवच के रूप में टीकाकरण का बड़ा ढोल पीटा जा रहा है जबकि अभी तक 130 दिन में 35 लाख को दूसरी डोज भी नहीं लग पाई है। अगर यही रफ्तार रहेगी तो दिवाली 2021 तक यूपी में सबको टीकाकरण का लक्ष्य कैसे पूरा हो पाएगा? कई टीकाकरण केंद्रों में वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। तमाम जगहों से युवा और बुजुर्ग घंटों इंतजार के बाद लौट रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जहां सरकार का मुख्यालय है वहीं लखनऊ के अस्पतालों में भर्ती ब्लैक फंगस के 200 मरीजों को भी जीवन रक्षक इंजेक्शन नहीं मिल पा रहे हैं। ऊंचे रसूख वाले पिछले दरवाजे से लाभ पा रहे हैं जबकि जरूरत मंद पिछले कई दिनों से रेडक्रास सोसाइटी और बाजार में मेडिकल स्टोरों के चक्कर काट रहे हैं। अखिलेश ने कहा कि प्रशासन किस तरह लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहा है। इससे स्पष्ट है कि राजधानी लखनऊ के निकटवर्ती गांवों में मौत का तांडव चल रहा है और अधिकारी संवेदनहीन है।
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