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कोर्ट ने इस याचिका पर याची को सुनाई अनोखी सजा
एक याचिका में तो युवक ने अपने जान का खतरा बताते हुए, अपने लिए सुरक्षाकर्मी भी प्राप्त कर लिया था। कोर्ट याची के कृत्य को कोर्ट को गुमराह करने वाला बताया।
लखनऊ: एक ही विषय पर कई-कई याचिकाएं दाखिल कर, कोर्ट को गुमराह करने वाले एक युवक को हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने अपने गांव में बीस फलदार-छायादार पेड़ लगाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने युवक द्वारा दाखिल गुमराह करने वाली याचिकाओं पर गहरी नाराजगी भी जताई है।
यह आदेश जस्टिस देवेन्द्र कुमार उपाध्याय की बेंच ने सुल्तानपुर निवासी बृजेन्द्र मिश्रा की याचिका पर दिया। कोर्ट ने पाया कि मालिकाना हक के मामले में बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी अदालत से लेकर हाईकोर्ट तक कई याचिकाएं याची द्वारा दाखिल कीं गईं। उक्त याचिकाओं में एक ही प्रार्थना थी तथा पूर्व की याचिकाओं का जिक्र नई याचिकाओं में नहीं किया जाता था।
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एक याचिका में तो युवक ने अपने जान का खतरा बताते हुए, अपने लिए सुरक्षाकर्मी भी प्राप्त कर लिया था। कोर्ट याची के कृत्य को कोर्ट को गुमराह करने वाला बताया।
कोर्ट का सख्त रुख देखते हुए, याची ने बिना शर्त कोर्ट से माफी मांगी व भविष्य में ऐसा न करने का आश्वासन दिया। कोर्ट ने याची की माफी को स्वीकार कर लिया व उसे अपने गांव में ग्राम सभा द्वारा दर्शायी गई जमीन पर बीस फलदार व छायादार पेड़ लगाने का आदेश दिया।
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साथ ही कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि पेड़ों को लगाने का खर्च याची स्वयं वहन करेगा व उनके पर्याप्त बड़े हो जाने तक उनकी सिंचाई व देखभाल करेगा। कोर्ट ने कहा कि पेड़ों व उनके फलों पर याची का कोई अधिकार नहीं होगा। केार्ट ने कहा कि स्थानीय उप-जिलाधिकारी पेड़ों का समय-समय पर मुआयना करते रहेंगे।
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