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Ravan Temple in Kanpur: यूपी के इस मंदिर में लंकापति रावण की पूजा, लगते हैं जय लंकेश के नारे
Ravan Temple in Kanpur: यूपी के कानपुर में दशानन मंदिर के रूप में लोकप्रिय मंदिर, विजय दशमी पर सिर्फ एक दिन के लिए खुलता है।
कानपुर में रावण मंदिर (फोटो- सोशल मीडिया)
Ravan Temple in Kanpur: भारत के अधिकतर राज्यों में दशहरा में दिन रावण के पुतले का दहन किया जाता है। कहीं-कहीं लंकापति रावण के साथ उसके भाई कुंभकरण और बेटे मेघनाद का भी पुतला जलाया जाता है। लेकिन उत्तर प्रदेश में एक ऐसा मंदिर है जहां पर रावण की पूजा की जाती है। जीं हां विजय दशमी के दिन 'सियापति राम चंद्र की जय' के नारों के बीच कानपुर के शिवला इलाके को छोड़कर देश भर में रावण दहन किया जाता है। कानपुर में रावण को समर्पित एक बड़ा प्रसिद्ध मंदिर है। इस मंदिर में इस अवसर पर 'जय लंकेश' और 'लंकापति नरेश की जय हो' के नारे लगाए जाते हैं।
यूपी के कानपुर में दशानन मंदिर के रूप में लोकप्रिय मंदिर, विजय दशमी पर सिर्फ एक दिन के लिए खुलता है। इस दिन जब लोग रावण दहन के लिए खुशियां मनाते हैं वहीं कुछ लोग दशानन मंदिर में सुबह से ही रावण के सौ साल पुराने मंदिर में विशेष पूजा अराधना करने पहुंच जाते हैं।
लंकापति रावण की पूजा
बताया जाता है कि कानपुर के दशानन मंदिर में शक्ति के प्रतीक के रूप में लंकापति रावण की पूजा अर्चना होती है। इस मंदिर में आने वाले श्रद्धालु तेल के दिए जलाकर मनोकामना मांगते हैं।
साथ ही ये भी परंपरा है कि दशहरे वाली सुबह आठ बजे दशानन मंदिर के कपाट खोल दिए जाते है। फिर रावण की प्रतिमा का साज श्रृंगार किया जाता है। इसके बाद रावण की आरती होती है। फिर शाम को मंदिर के दरवाजे एक साल के लिये बंद कर दिए जाते हैं।
बहुत अजीब लग रहा होगा न कि दशहरा के दिन, जब देश भर में लोग भगवान राम की जीत का जश्न मनाते हैं, रावण की हार यानी बुराई की हार की खुशियां मनाते हैं तो हजारों भक्त कानपुर के शिवाला इलाके में छिन्नमस्तिका देवी मंदिर के बाहर, दस सिरों वाले दशानन मंदिर में आते हैं। इस मंदिर में पांच फुट ऊंची रावण की मूर्ति है। 'लंकापति रावण' की यहां 'शक्ति' (शक्ति) और 'ज्ञान' (ज्ञान) के अवतार होने के अलावा भगवान शिव और देवी छिन्नमस्तिका के रक्षक के रूप में पूजा की जाती है।
आपको बता दें, कि देश भर में महाज्ञानी रावण के सात मंदिर हैं, जिनमें एक मंदिर कानपुर में है। जहां पर रावण को भगवान शिव के महान भक्त के रूप में पूजा जाता है। अन्य मंदिरों में रावण मंदिर, बिसरख, ग्रेटर नोएडा, उत्तर प्रदेश, काकीनाडा रावण मंदिर, आंध्र प्रदेश, रावणग्राम रावण मंदिर, विदिशा, मध्य प्रदेश, मंदसौर, मध्य प्रदेश, मंडोर रावण मंदिर, जोधपुर और बैजनाथ मंदिर, कांगड़ा जिला, हिमाचल प्रदेश में हैं।
लंकाधिराज रावण की 'पूजा' और 'आरती' दशहरा के दिन सुबह 9 बजे होती है। पूजा के बाद "साल के 364 दिनों के लिए फिर से रावण मंदिर बंद हो जाता है।
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