TRENDING TAGS :
राज्यपाल से मिला ईरान से आया प्रतिनिधिमण्डल, देखें तस्वीरें
यूपी के राज्यपाल राम नाईक ने भेंट के दौरान बताया कि उत्तर प्रदेश सबसे बड़ा प्रदेश है, जनसंख्या की दृष्टि से केवल तीन देश अमेरिका, चीन एवं इण्डोनेशिया ही उत्तर प्रदेश से बड़े हैं। उत्तर प्रदेश में 30 राज्य विश्वविद्यालय हैं।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक से मौलाना सैय्यद महमूद मदनी कुलाधिपति जामियातुज-ज़हरा विश्वविद्यालय, ईरान ने राजभवन में शिष्टाचारिक भेंट की। इस अवसर पर ईरान से आये मौलाना सैय्यद मोहम्मद हादी, मौलाना हुसैन अली, सैय्यद अफरोज मुज्तबा, पूर्व मंत्री डॉ. अम्मार रिजवी, कुलपति ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती उर्दू, अरबी-फारसी विश्वविद्यालय, लखनऊ माहरूख मिर्जा व अन्य विशिष्टजन उपस्थित थे।
ये भी पढ़ें...लखनऊ: गवर्नर राम नाइक ने कहा- 2025 तक भारत में सबसे अधिक युवा होंगे
राज्यपाल ने भेंट के दौरान बताया कि उत्तर प्रदेश सबसे बड़ा प्रदेश है, जनसंख्या की दृष्टि से केवल तीन देश अमेरिका, चीन एवं इण्डोनेशिया ही उत्तर प्रदेश से बड़े हैं। उत्तर प्रदेश में 30 राज्य विश्वविद्यालय हैं। इस वर्ष के दीक्षान्त समारोह में कुल 12,78,985 विद्यार्थिंयों को विभिन्न पाठयक्रमों की उपाधियां वितरित की गई जिनमें से 7,14,764 अर्थात 56 प्रतिशत उपाधियां छात्राओं ने प्राप्त की। उन्होंने कहा कि पिछले दो सालों में छात्राओं का प्रदर्शन सराहनीय रहा है।

श्री नाईक ने बताया कि उन्होंने मराठी दैनिक सकाल में प्रकाशित अपने संस्मरणों का संकलन किया है, जिसे पुस्तक ‘चरेवैति!चरेवैति!!’ का रूप दिया गया है। पुस्तक ‘चरैवेति! चरैवेति!!’ का अब तक मराठी सहित 10 भाषाओं हिन्दी, उर्दू, अंग्रेजी, गुजराती, संस्कृत, सिंधि, अरबी, फारसी तथा जर्मन में अनुवाद हो चुका है। 22 फरवरी, 2019 को दिल्ली के इण्डिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर में इस पुस्तक का अरबी और फारसी भाषा में लोकार्पण होगा। यह पहला अवसर होगा कि 2 साल की अवधि में 10 भाषाओं में किसी पुस्तक का अनुवाद हुआ हो।
ये भी पढ़ें...लखनऊ: गवर्नर राम नाइक ने कहा- दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों में भारत शामिल
ईरान से आये मौलाना मदनी ने कहा कि यह उनके लिये विशेष प्रसन्नता की बात है कि पुस्तक का अनुवाद फारसी में हुआ है। उन्होंने राज्यपाल को पुस्तक के फारसी भाषा के संस्करण का विमोचन ईरान में भी करने को आमंत्रित किया।
मौलाना मदनी ने कहा कि ईरान के लोगों को किसी भारतीय राजनेता के संस्मरण फारसी में पढ़कर अच्छा भी लगेगा तथा लोग जन सेवा के लिये प्रेरित भी होंगे। उन्होंने कहा कि भारत आकर उन्हें बहुत अपनेपन का एहसास हुआ। शिक्षा के क्षेत्र में दोनों देश अहम भूमिका निभा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि दृष्टिकोण अलग हो सकते हैं, पर पूरे विश्व के लोगों को अमन के साथ एक साथ रहना चाहिये, यही इंसानियत है।
राज्यपाल को मौलाना मदनी ने ईरान के कुछ तोहफे दिये तथा राज्यपाल ने अपनी पुस्तक ‘चरेवैति! चरेवैति!!’ की उर्दू प्रति भेंट करते हुए कहा कि फारसी पुस्तक के लोकार्पण के बाद वे उन्हें एक प्रति अवश्य भेजेंगे।

बताते चले कि महिला विश्वविद्यालय जामियातुज-ज़हरा ईरान में देश-विदेश की लगभग 1,800 छात्रायें शिक्षा ग्रहण करती हैं।
ये भी पढ़ें...लखनऊः राज्यपाल राम नाइक ने कहा- केंद्र और राज्य सरकार के बीच में सेतु का काम कर रहा
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!


