अतिक्रमण हटाने में वैध मकान क्षतिग्रस्त करने पर मुआवजे की मांग

Shivakant Shukla
Published on: 13 Dec 2018 7:52 PM IST
अतिक्रमण हटाने में वैध मकान क्षतिग्रस्त करने पर मुआवजे की मांग
X

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शहरी क्षेत्र में अवैध निर्माण व अतिक्रमण पर रोक लगाने की जिम्मेदारी संभाल रहे अधिकारी पर लापरवाही बरतने पर सजा व जुर्माना लगाने के उपबंध पर एडीए के अधिवक्ता से जवाब मांगा है।

ये भी पढ़ें—उर्दू अनुवादकों की भर्ती प्रक्रिया पूरी न करने पर जवाब तलब

बता दें कि उ.प्र.शहरी नियोजन व विकास अधिनियम की धारा 26/डी. के तहत लापरवाह अधिकारी को एक माह की सजा व दस हजार जुर्माना लगाने का प्रावधान है। कोर्ट ने ध्वस्तीकरण अभियान में शिकायतकर्ता के ही वैध मकान को नुकसान पहुंचाने तथा मुआवजे का भुगतान न करने पर भी एडीए से जवाब मांगा है।

ये भी पढ़ें— हाईकोर्ट बार चुनाव कार्यक्रम घोषित, एक फरवरी को होगा मतदान

कोर्ट ने एडीए से मांगा जवाब-कानून में सजा का है प्रावधान

याचिका की सुनवाई सत्रह दिसम्बर को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति पी.के.एस.बघेल तथा न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया की खण्डपीठ ने युगुल किशोर खन्ना की याचिका पर दिया है। याचिका में नुकसान का मुआवजा दिलाने की मांग की गयी है। याची का कहना है कि क्षेत्र के अतिक्रमण हटाने की उसने लगातार शिकायत की, सुनवाई न होने पर कोर्ट की शरण ली। कोर्ट ने कार्यवाही का आदेश दिया।

ये भी पढ़ें— यूपी पुलिस भर्ती: कांस्टेबल लिखित परीक्षा का नया कट ऑफ होगा जारी

पालन न होने पर अवमानना याचिका दाखिल की। कोर्ट के कड़े रूख के बाद एडीए ने कार्यवाही की तो याची के ही मकान को क्षतिग्रस्त कर दिया। याची का कहना है कि कानून के विपरीत कार्य के लिए जिम्मेदार अधिकारी को एक माह की सजा व जुर्माना लगाने का नियम है। दोषी अधिकारी पर कार्यवाही की जाए।

Shivakant Shukla

Shivakant Shukla

Next Story

AI Assistant

Online

👋 Welcome!

I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!