TRENDING TAGS :
यूपी में धनगर जाति को एस-सी का दर्जा देने के शासनादेश पर रोक
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने धनगर जाति को अनुसूचित जाति का दर्जा देने के शासनादेशों पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि अनुसूचित जाति/जनजाति का लाभ केवल उन्हीं जातियों को मिल सकता है, जो केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित की गई हैं।
प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने धनगर जाति को अनुसूचित जाति का दर्जा देने के शासनादेशों पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि अनुसूचित जाति/जनजाति का लाभ केवल उन्हीं जातियों को मिल सकता है, जो केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित की गई हैं।
यह आदेश न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल एवं न्यायमूर्ति राजेंद्र कुमार की खंडपीठ ने बलबीर सिंह व अन्य की याचिका पर दिया है। कोर्ट मे राज्य सरकार से याचिका पर दो सप्ताह में जवाब मांगा है।
ये भी देखें :डोभाल के बेटे व बंगाल में BJP के 10 उम्मीदवारों को मिली VIP सुरक्षा
याचिका में राज्य सरकार के 24 अक्तूबर 2003, 16 दिसंबर 2016 एवं 26 मार्च 2018 के शासनादेश को चुनौती देते हुए कहा गया था कि राज्य सरकार ने इन शासनादेशों के माध्यम से धनगर जाति को अनुसूचित जाति का दर्जा दे दिया है जबकि किसी जाति को अनुसूचित जाति/जनजाति का दर्जा देने का अधिकार केवल केंद्र सरकार को है।
ये भी देखें :हार के डर से विपक्ष मचा रहा है ईवीएम पर शोर: दिनेश शर्मा
याचिका में भइयालाल बनाम हरिकिशन सिंह और महाराष्ट्र राज्य बनाम मिलिंद व अन्य में सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों का आधार लेते हुए यह भी कहा गया कि प्रेसीडेंशियल ऑर्डर में अधिसूचित जातियों की श्रेणी उसी रूप में पढ़ी जाएंगी, जिस रूप में वे अधिसूचित हैं। किसी जाति को इस वर्ग में जोड़ने और अपने हिसाब से पढ़ने का अधिकार राज्य सरकार को नहीं है।
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!